खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट Going Places Class 12 Summary & Explanation में आप Class 12 NCERT English Flamingo Chapter 8 यानि Going Places Class 12 का सारांश और लाइन बाई लाइन करके हिन्दी व्याख्या करना सीखेंगे।
सबसे पहले आप इस चैप्टर यानि Going Places के बारे में पढ़ते हुए लेखक के बारे में जानेंगे और फिर इस चैप्टर का Summary पढ़ने के बाद आप इस पाठ के एक-एक लाइन का हिंदी अनुवाद भी इसी पेज पर पढ़ सकेंगे।
About the Lesson – Going Places
Going Places is a short story that explores the dreams, aspirations, and fantasies of a teenage girl named Sophie. The story highlights the contrast between the harsh reality of a working-class life and the colourful dreams of adolescence. Sophie imagines a glamorous future for herself—becoming a boutique owner, an actress, or even meeting a football star, Danny Casey. However, her fantasies clash with the real world she lives in, where financial limitations and social conditions confine her. The story captures the emotional struggles of growing up, the desire to escape a mundane life, and the vulnerability of young dreamers.
About the Lesson in Hindi
“गोइंग प्लेसेस” एक लघुकथा है जो सोफी नाम की एक किशोरी के सपनों, आकांक्षाओं और कल्पनाओं की पड़ताल करती है। यह कहानी एक कामकाजी वर्ग के जीवन की कठोर वास्तविकता और किशोरावस्था के रंगीन सपनों के बीच के अंतर को उजागर करती है। सोफी अपने लिए एक शानदार भविष्य की कल्पना करती है—एक बुटीक मालकिन बनना, एक अभिनेत्री बनना, या यहाँ तक कि एक फुटबॉल स्टार, डैनी केसी से मिलना। हालाँकि, उसकी कल्पनाएँ उस वास्तविक दुनिया से टकराती हैं जिसमें वह रहती है, जहाँ आर्थिक सीमाएँ और सामाजिक परिस्थितियाँ उसे सीमित करती हैं। कहानी बड़े होने के भावनात्मक संघर्षों, एक नीरस जीवन से बचने की इच्छा और युवा सपने देखने वालों की भेद्यता को दर्शाती है।
About the Author – A.R. Barton
A. R. Barton is a contemporary English writer who lives in Zurich and writes in English. He is renowned for his profound understanding of human psychology, particularly of young people. In Going Places, Barton brings out the inner world of adolescents—their hopes, desires, and tendency to live in dreams rather than face reality. His style is simple yet poignant, enabling readers to connect with the characters emotionally.
About the Author in Hindi
ए. आर. बार्टन एक समकालीन अंग्रेजी लेखक हैं जो ज्यूरिख में रहते हैं और अंग्रेजी में लिखते हैं। वे मानव मनोविज्ञान, विशेषकर युवाओं के मनोविज्ञान, की गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं। “गोइंग प्लेसेस” में, बार्टन किशोरों की आंतरिक दुनिया—उनकी आशाओं, इच्छाओं और वास्तविकता का सामना करने के बजाय सपनों में जीने की प्रवृत्ति—को सामने लाते हैं। उनकी शैली सरल किन्तु मार्मिक है, जो पाठकों को पात्रों से भावनात्मक रूप से जुड़ने का अवसर देती है।
Summary of Going Places
Going Places is a story about Sophie, a teenage girl from a poor family, who dreams of a successful and glamorous future. She imagines becoming an actress, a boutique owner, or a fashion designer. Sophie also claims to have met the football star Danny Casey, although it’s clear this is part of her imagination.
Her practical friend Jansie and her family, especially her father, don’t support her unrealistic dreams. Her brother Geoff listens but doesn’t truly believe her. When Sophie goes to meet Danny at the canal, he never shows up. Still, she holds on to her fantasy, showing how powerful and painful adolescent dreams can be when they clash with reality.
Hindi Summary of Going Places
“गोइंग प्लेसेस” एक गरीब परिवार की किशोरी सोफी की कहानी है, जो एक सफल और आकर्षक भविष्य का सपना देखती है। वह एक अभिनेत्री, एक बुटीक मालकिन या एक फैशन डिज़ाइनर बनने की कल्पना करती है। सोफी यह भी दावा करती है कि वह फुटबॉल स्टार डैनी केसी से मिल चुकी है, हालाँकि यह स्पष्ट है कि यह उसकी कल्पना का हिस्सा है।
उसकी व्यावहारिक दोस्त जैन्सी और उसका परिवार, खासकर उसके पिता, उसके अवास्तविक सपनों का समर्थन नहीं करते। उसका भाई ज्योफ सुनता है, लेकिन उस पर पूरा विश्वास नहीं करता। जब सोफी नहर पर डैनी से मिलने जाती है, तो वह कभी नहीं आता। फिर भी, वह अपनी कल्पना पर अड़ी रहती है, यह दिखाता है कि किशोरावस्था के सपने जब वास्तविकता से टकराते हैं तो कितने शक्तिशाली और दर्दनाक हो सकते हैं।
Going Places Summary in English
“Going Places” by A.R. Barton revolves around a teenage girl named Sophie, who dreams of rising above her modest, working-class background. The story highlights themes of adolescent fantasies, hero worship, and the clash between dreams and reality.
Sophie envisions a bright and glamorous future for herself. She wants to open a boutique, become a fashion designer, or an actress — all ambitious dreams for someone in her financial condition. Her friend Jansie, in contrast, is practical and grounded. She reminds Sophie that they are destined for routine factory jobs after school, like many others in their neighbourhood.
Despite reality, Sophie gets lost in her fantasy world. Her biggest fantasy is to meet the well-known football player, Danny Casey. She claims to have met him at a shopping arcade and imagines having a personal conversation with him. She even tells her brother Geoff about it, whom she idolises and hopes will believe in her dreams. Geoff listens but doesn’t fully trust her story.
Her father dismisses her dreams and mocks her fantasy of meeting Casey. Sophie tells Geoff that Casey had promised to meet her again to give an autograph. She waits for him by the canal — a secret and special place — but Danny never comes. Still, she convinces herself that the memory is real and keeps the dream alive.
The story ends with Sophie returning home, burdened by sadness. Even though she realises that her dream may never come true, she still holds on to her fantasy. Her longing to escape the limitations of her life and live a better future remains powerful, showing the emotional intensity of teenage aspirations.
Going Places Summary in Hindi
ए.आर. बार्टन की “गोइंग प्लेसेस” सोफी नाम की एक किशोरी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी साधारण, मजदूर वर्ग की पृष्ठभूमि से ऊपर उठने का सपना देखती है। कहानी किशोरावस्था की कल्पनाओं, नायक-पूजा और सपनों और हकीकत के बीच टकराव के विषयों पर प्रकाश डालती है।
सोफी अपने लिए एक उज्ज्वल और आकर्षक भविष्य की कल्पना करती है। वह एक बुटीक खोलना चाहती है, एक फैशन डिजाइनर बनना चाहती है, या एक अभिनेत्री बनना चाहती है – उसकी आर्थिक स्थिति वाले किसी भी व्यक्ति के लिए ये सभी महत्वाकांक्षी सपने हैं। इसके विपरीत, उसकी दोस्त जैन्सी व्यावहारिक और ज़मीनी है। वह सोफी को याद दिलाती है कि स्कूल के बाद उन्हें भी अपने पड़ोस के कई अन्य लोगों की तरह, नियमित फैक्ट्री की नौकरी करनी ही है।
वास्तविकता के बावजूद, सोफी अपनी काल्पनिक दुनिया में खो जाती है। उसकी सबसे बड़ी कल्पना प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी, डैनी केसी से मिलना है। वह दावा करती है कि वह उससे एक शॉपिंग आर्केड में मिली थी और उसके साथ निजी बातचीत की कल्पना करती है। वह अपने भाई ज्योफ को भी इस बारे में बताती है, जिसे वह अपना आदर्श मानती है और उम्मीद करती है कि वह उसके सपनों पर विश्वास करेगा। ज्योफ सुनता है, लेकिन उसकी कहानी पर पूरी तरह भरोसा नहीं करता।
उसके पिता उसके सपनों को खारिज कर देते हैं और केसी से मिलने की उसकी कल्पना का मज़ाक उड़ाते हैं। सोफी ज्योफ को बताती है कि केसी ने उससे ऑटोग्राफ देने के लिए फिर से मिलने का वादा किया था। वह नहर के किनारे उसका इंतज़ार करती है – एक गुप्त और खास जगह – लेकिन डैनी कभी नहीं आता। फिर भी, वह खुद को यकीन दिलाती है कि वह याद सच्ची है और सपने को ज़िंदा रखती है।
कहानी का अंत सोफी के घर लौटने पर होता है, जो उदासी से बोझिल है। हालाँकि उसे एहसास है कि उसका सपना कभी पूरा नहीं हो सकता, फिर भी वह अपनी कल्पना को थामे रहती है। जीवन की सीमाओं से मुक्त होकर एक बेहतर भविष्य जीने की उसकी लालसा प्रबल बनी रहती है, जो किशोरावस्था की आकांक्षाओं की भावनात्मक तीव्रता को दर्शाती है।
Summary of all chapters of Class 12 English
Going Places Explanation in Hindi
इस चैप्टर को ज्यूरिख में रहने वाले एक समकालीन अंग्रेजी लेखक ए. आर. बार्टन के द्वारा लिखा गया है। नीचे Class 12 NCERT English Flamingo Chapter 8 यानी Going Places Class 12 का Paragraph wise Hindi Translation दिया गया है।
[1] “When………………….things.
विद्यालय से घर आते हुए सोफी ने कहा, “पढ़ाई के बाद मेरा एक बुटीक होगा; उसकी बाँहों में बाँहें डाले गली में चलते हुए जैन्सी को इस बात पर शंका हुयी। “सोफ, ऐसा कुछ करने में धन खर्च होता है।” गली में दूर घूरते हुए सोफी ने कहा, “मैं धन प्रबन्ध कर लूँगी।”
“इतना धन जुटाने में तुम्हें बहुत समय लगेगा।” ठीक है, तो हाँ, सचमुच मैं मैनेजर बन जाऊँगी, तब तक मेरे पास पर्याप्त (धन) होगा। पर जो कुछ भी हो, मैं जाती हूँ, यह सब कैसा दिखेगा।” “सोफ, लोग तुम्हें तुरन्त ही मैनेजर नहीं बना देंगे।” सोफी ने कहा, “मैं मेरी कुवेन्ट जैसी बनूँगी। मैं अपनी योग्यता के अनुरूप कार्य करूंगी। वे यह शुरू से देखेंगे। मेरी बहुत ही आश्चर्यजनक दुकान होगी वैसी इस शहर में कभी नहीं रही होगी।” यह जानते हुए कि उन दोनों को बिस्कुट के कारखाने में काम करना था। जैन्सी दुखी हो गई। वह चाहती थी कि सोफी ऐसी बात न कहे।
[2] When…………………very much.
जब वे सोफी की गली पर पहुंची तो जैन्सी ने कहा, “सोफ, अब कुछ महिनों की बात है, तुम्हें सचमुच समझदार होना चाहिए। दुकान का काम करने के बदले में ज्यादा पैसा नहीं मिलता है, तुम यह जानती हो, तुम्हारे पिताजी तुम्हें यह कभी नहीं करने देंगे।”
या फिर अभिनेत्री। इस काम में वास्तव में बहुत पैसा है। हो, और साथ-साथ में बुटीक भी चला सकती हूँ। अभिनेत्रियाँ पूरे दिन काम नहीं करती हैं, करती हैं क्या? खैर, या तो अभिनेत्री या फैशन डिजायनर, तुम जानती हो, कोई ऐसा ही सुंदर काम (परिष्कृत)।” जैन्सी को वर्षा में खड़ी छोड़कर वह गली के खुले दरवाजा में होकर अंदर चली गई।
“अगर कभी मेरे पास पैसा (धन) हो गया तो मैं एक बुटीक खरीदूंगी।” “हाँ यदि तुम्हारे पास कभी पैसा (धन) हो गया तो तुम हमारे रहने के लिए एक आनंददायक घर खरीदोगी, तुम्हें बहुत-बहुत धन्यवाद।”
[3] Sophie’s………………..Geoff.
सोफी के पिता जितना हो सकता था उतनी जोर से शेफर्ड पाई अपने मुँह में डाल रहे थे, उनका मांसल चेहरा अभी भी गंदा और पसीने से भरा था, दिन के काम से धूलधूसरित। “वह समझती है पैसा पेड़ों पर उगता है, है न पापा?” छोटे डरेक ने अपने पिता की कुर्सी के पीछे लटकते हुए कहा। उनकी माँ ने आह भरी।
सोफी ने सिंक के ऊपर अपनी माँ की झुकी हुई कमर देखी और उसके प्रण की डोरी के ऊपर बंधे नाजुक बंधन (कमान) की अनुपयुक्तता के बारे में सोचा। सुंदर दिखने वाली गाँठ और झुकी कमर। शाम का अन्धकार पहले ही खिड़कियों पर दिखने लगा था और छोटे कमरे में स्टोव का धुआँ भरा हुआ था तथा मेज पर घुटना (चड्डी) पहने खर्राटें भरता आदमी और कोने में पड़े गन्दे कपड़ों के देर से कमरा भरा हुआ था। सोफी को गले में कसाव महसूस हुआ। वह अपने भाई ज्योफ को ढूंढ़ने निकल पड़ी।
[4] He was………………..reach.
वह कालीन पर बिछे अखबार के ऊपर रखे मोटरसाइकिल के हिस्से को ठोकापीटी करते हुए बगल वाले कमरे में फर्श पर घुटनों के बल बैठा था। उसे स्कूल छोड़े तीन वर्ष हो चुके थे, जो शहर के दूसरे छोर पर प्रतिदिन काम के लिए जाने वाला प्रशिक्षु था। अब वह लगभग वयस्क हो गया था और वह (सोफी) उसके जीवन के उन क्षेत्रों पर सन्देह करती थी जिनके विषय में वह कुछ नहीं जानती थी, जिनके बारे में वह कभी भी बात नहीं करता था। वह अपनी इच्छा से कभी भी बिल्कुल कुछ नहीं बोलता था। उसके अन्दर से शब्द उखाड़कर वैसे ही निकालने पड़ते थे जैसे जमीन में से पत्थर, और वह (सोफी) उसकी चुप्पी से ईर्ष्या करती थी। जब यह नहीं बोल रहा होता था तो लगता था जैसे वह कहीं दूर होता था, संसार के उन स्थानों पर जहाँ वह कभी नहीं गई थी। चाहे वे शहर के बाहरी क्षेत्र थे या चारों ओर के देहात के स्थान कौन जानता था? उनके प्रति (उसे) सोफी को सिर्फ इसलिए आकर्षण वा क्योंकि वे उसके लिए अपरिचित यी और वे उसकी पहुँच से परे थे।
[5] Perhaps…………………them.
शायद वहाँ लोग भी थे, अनोखे, रुचिकर लोग जिनसे वह कभी बात नहीं करता था-वह सम्भव था, यद्यपि वह शान्त था और आसानी से नये मित्र नहीं बनाता था। वह उन्हें जानना चाहती थी। वह चाहती थी कि उसे उसके भाई का ज्यादा प्यार मिले और किसी दिन वह उसे अपने साथ ले जाए। यद्यपि उनके पिता इसे मना करते थे और ज्योफ ने इस बारे में कोई विचार नहीं रखा था, वह जानती थी कि वह उसे कुछ ज्यादा ही छोटा समझता था। और वह अधीर थी। उसे उत्सुकता थी कि बाहर उसके लिए एक बड़ा संसार प्रतिक्षा कर रहा था और उसे स्वाभाविक रूप से पता था कि उसका मन वहाँ भी उतना ही लगेगा जितना की उस शहर में जो सदैव उसका घर रहा था (सोफी अपने मन ही मन कल्पना करती है कि यह स्थान आकुलता के साथ उसकी प्रतिक्षा कर रहा था। वह कल्यानी (कल्पना को) वहाँ स्वयं थी ज्योफ के पीछे घुड़सवारी करते देखती थी। वह नए चमकीले काले चमड़े के कपड़े पहने होता था और वह पीली ड्रेस (पोशाक) पहने होती थी जिसमें एक प्रकार का दुपट्टा था जो पीछे-पीछे उड़ता आ रहा था। जब दुनिया उसका स्वागत करने को बढ़ी तो जमकर ध्वनि दे रही थी।
[6] He sat………………….Casey.”
वह, (ज्योफ अपने हाथ से तैलिय पदार्थ (तेल से सने मोटर साइकिल के पुर्जी) को रखकर उसकी तरफ भौहें चढ़ा रहा था, मानो यह कोई छोटा-सा गूँगा जानवर हो और वह उसे बुलवाना चाहता हो।
सोफी ने कहा, “में डेनी केसी से मिली थी।” उसने (ज्योफ ने) अचानक चारों ओर देखा। कहाँ “मजेदार बात यह है, बाजार पथ में।” “यह कभी सच नहीं हो सकता।” “मुझे भी यही लगता था।” “क्या तुमने डैडी को बताया?” उसने मना करते हुए सिर हिलाया, उसकी अज्ञानता पर दुःख जताया कि वह सदैव उसके रहस्य का प्रथम, भागीदार होता था। “मैं इस पर विश्वास नहीं करता।” “मैं तो रॉयस की खिड़की में कपड़ों को देख रहा था जब कोई व्यक्ति आया और मेरे समीप खड़ा हो गया और मैंने चारों ओर देखा और यह कोई और नहीं बल्कि डैनी केसी थी।”
[7] “All right……………………a grunt.
“ठीक है, वह कैसा दिखता है।” “अरे छोड़ो, तुम्हें पता है वह कैसा लगता है।” “मेरा मतलब करीब से।”
“अच्छा उसकी हरी आँखे हैं। सौम्य आँखें और वह इतना लम्बा नहीं है जितना तुम सोचते हो।” वह आश्चर्यचकित हुई की कि क्या उसे उसके दाँतों के बारे में कुछ कहना चाहिए, परन्तु तुरन्त उसने ऐसा न करने का निश्चय किया। उनके पिता जब अंदर आये तो वे स्नान कर चुके थे और उनका चेहरा और बाहें चमकीली और गुलाबी थीं, और उसमें से साबुन की गन्ध आ रही थी। उन्होंने टेलीविजन चालू किया, छोटे डरेक का एक जूता अपनी कुर्सी से सोफा पर फेंका और गुर्राते (तीरखी आवाज के साथ) हुए बैठ गए।
[8] “Sophie…………………..country”.
ज्योफ ने कहा, “सोफी डेनी केसी से मिली थी।” सोफी मेज पर बैठी हुई छटपटाई। उसके पिता ने मोटी गर्दन के ऊपर सिर को उसकी ओर देखने के लिए घुमाया। उनका भाव घृणा का था। ज्योफ ने कहा, “यह सच है।” उसके पिता ने आदरपूर्वक (टेलीविजन से नजरें हटाए बिना) कहा, “मैं एक ऐसे आदमी को जानता था जो टॉम फिने को मिला था। परन्तु वह बहुत पुरानी बात है।” ज्योफ ने कहा, “आपने हमको बताया था।” किसी दिन केसी भी उतना अच्छा हो सकता है।”
“उससे भी अच्छा। वह सबसे अच्छा है।” “यदि वह अपने दिमाग का सही-सही उपयोग करे (शानों शौकत उसके सिर पर न चढ़ जाए।) यदि वे उसकी ठीक प्रकार देखभाल करें। आजकल खेल में नवयुवकों के लिए बहुत सारी ध्यान खींचने वाली चीजें होती हैं। वह ठीक रहेगा। वह देश की सबसे अच्छी टीम के साथ हैं।”
[9] “He’s………………..like to.”
“अभी वह बहुत छोटा है।” “वह मुझसे बड़ा है।” “पहले नम्बर की टीम के हिसाब से बहुत छोटा है।” आप इस तरह योग्यता पर बहस नहीं कर सकते हो। “सोफी ने मेज पर से कहा,” “वह एक दुकान खरीदने वाला है।” उसके पिता ने बुरा मुंह बनाया, “तुमने यह कहाँ सुना?” उसने मुझे ऐसा बताया।” वे कुछ बड़बड़ाए जो सुना ना जा सके और स्वयं को अपनी कुर्सी में समेट लिया।” यह तुम्हारी कपोल कल्पित कहानियों में से एक है? “वह उससे बाजार (पथ में मिली), “ज्योफ ने कहा और उनहें बताया कि यह सब किस तरह हुआ था।” “किसी दिन तुम इन बातों से अपने आप को बहुत बड़ी परेशानी में डाल दोगी।” उसके पिता ने गुस्से में कहा।” ज्योफ जानता है कि यह सब सच है, “क्या तुम नहीं जानते ज्योफ?”
“वह तुम्हारा विश्वास नहीं करता यद्यपि वह (विश्वास) करना चाहेगा।”
[10] The table………………….apparently.
टेबल लैम्प उसके भाई के बैडरूम की दीवार पर और अमेरिका की नम्बर एक टीम के पोस्टर और उनके नीचे रंगीन तस्वीरों की पंक्ति जिसमें तीन फोटो आयरलैण्ड के विलक्षण प्रतिभावान नवयुवकों के थे, केसी था, उन पर पीली भूरी चमक पड़ रही थी। सोफी ने कहा, “वायदा करो। किसी को नहीं बताओगे?”
“बताने को कुछ है ही नहीं?” “वादा करो, ज्योफ – डैडी मुझे मार डालेंगे सिर्फ जब वे यह सोचेंगे कि यह कैसे पता चला?”
“कृपया, ज्योफ”
“क्राइस्ट सोफी, तुम अभी भी स्कूल में हो। केसी के तार लड़कियों से जुड़े होंगे”
“नहीं, वह नहीं रखता।”
“तुम्हें इसका पता कैस लगा?” उसने उपहास किया।
“उसने मुझे बताया ऐसे पता है। मानो कोई भी किसी लड़की को ऐसी बात बताएगा।”
“हाँ, उसने बताया।”
“वह ऐसा नहीं है। वह शान्त है।”
“उतना शान्त नहीं जितना दिखाई पड़ता है – स्पष्ट रूप से।”
[11] “It was………………..would”.
“ज्योफ, ऐसा कुछ नहीं था पहले मैंने बात शुरू की थी। तब मैंने बात शुरू की थी। जब मैंने उसे पहचान लिया तो मैंने कहा, “क्षमा करें, क्या आप डेनी केसी नहीं है?” और वह कुछ चकित लगा और उसने कहा, “हाँ यह सच है।” और मैं जानती थी यह वही था क्योंकि उसका लहजा वैसा ही था जैसा कि तब था जब उसका टेलीविजन पर साक्षात्कार लिया गया था। इसलिए छोटे डेरेक के लिए मैंने ऑटोग्राफ माँगा, परन्तु हम दोनों में से किसी के पास भी कागज या पेन नहीं था। इस लिए तब हमने थोड़ी बातचीत की, रायेंस की खिड़की में रखे कपड़ों के बारे में। वह अकेला लग रहा था। कुल मिलाकर, यह जगह पश्चिम आयरलैण्ड में बहुत दूर है। और फिर वह जाने लगा, उसने कहा कि यदि में उससे अगले सप्ताह मिलूंगी तो वह मुझे ऑटोग्राफ देगा। सचमुच, मैंने कहा, “मैं मिलूँगी।”
[12] “As if………………..he said.
“मानो वह कभी दिखाई पड़ेगा।” “अब तुम मेरा विश्वास करते हो न” कुर्सी के पीछे से उसने (ज्योफ) ने अपनी जैकेट खींची जो चमकीली और आकृति विहीन (बेहतरीन थी) और अपनी बाँहें उसमें घुसा दी। उसने (सोफी) चाहा वह (ज्योफ) उसके रूप स्वरूप पर ज्यादा ध्यान दे। वह चाहती थी कि वह कपड़ों पर ज्यादा ध्यान दे। वह लम्बा था। उसका चेहरा मजबूत और साँवला था। खूबसूरत, उसने सोचा।
“यह मेरे द्वारा सुनी गई सर्वाधिक असंभव बात है।” उसने (ज्योफ से) कहा।
[13] On Saturday………………..celebrate.
शनिवार को वे युनाइटेड (टीम का नाम) को देखने अपनी साप्ताहिक तीर्थयात्रा उनके लिए अत्यधिक धार्मिक स्थान की यात्रा पर गए। सोफी और उनके पिता और छोटा डेरैक गोल के पास गाए ज्योफ सदा की भाँति अपने साथियों के साथ ऊपर गया। यूनाइटेड ने 2-0 से मैच जीता और केसी ने दूसरा गोल किया, केसी आयरलैण्ड की प्रतिभा और भोलेपन का एक सम्मिश्रण था, उससे पेनाल्टी क्षेत्र के कोने पर दो नये गोलरक्षकों के चक्कर काटकर गोल बनाया, सोफी के पिता चीखते रहे कि केसी 2 गज दूरी से पास दो और हिचकिचाने वाले गोलकीपर को परास्त करें। सोफी गर्व से चमक उठीं। उसके बाद ज्योफ अति उल्लासित था।
“काश, वह एक अंग्रेज होता”, किसी ने बस में कहा। “आयरलैण्ड विश्वकप जीतेगा”, छोटे डेरेक ने अपनी माँ से उस समय कहा जब सोफी उसे घर लाई। उसके पिता जश्न मनाने पब (मदिरालय) जा चुके थे।
[14] “What’s………………..anything”.
“यह क्या है जो तुम बताती रही हो? (आजकल तुम क्या बातें कर रही हो।)” अगले सप्ताह जैसी ने कहा। “किस बारे में?” “तुम्हारे ज्योफ ने हमारे फ्रेंक को बताया कि तुम डेनी केसी से मिली थीं।” यह कोई जाँच नहीं थी, जैंसी सिर्फ जानने को बेताब थी।” परन्तु सोफी चौंक गई। “अरे वह!” यह जानते हुए वह (सोफी) बात को छुपा रही थी, जैंसी ने भौहे-चढ़ाई। “अच्छा हाँ, मैं मिली थी।” “क्या तुम कभी नहीं मिली?” जैंसी ने विस्मय के साथ कहा। सोफी ने जमीन की ओर क्रोधपूर्वक देखा, भाड़ में जाने दो उस ज्योफ को। यह ज्योफ की बात थी। जैसी की नहीं। यह सिर्फ उनके बीच की विशेष बात थी। कुछ गुप्त बात। यह जैंसी वाली बात बिलकुल नहीं थी। बेढंगी जैंसी से कुछ ऐसी बात कह दो और पूरा पड़ोस इसे जान लेगा। भाड़ में जाए ज्योफ, क्या कुछ भी पवित्र नहीं था?” “यह एक गुप्त बात है- गुप्त रखी जाने के लिए।” “मैं गुप्त रखूँगी, सोफ, तुम्हें पता है।”
“मैं किसी को नहीं बताने वाली थी। मेरे पिताजी को पता चल गया तो वह पुराना उपद्रव खड़ा हो जाएगा।” जैंसी ने आँखें मिचकाई। “झंझट? मैं समझती हूँ वे तो बहुत अधिक संतुष्ट व खुश होंगे।”
[15] She realised………………..that”.
तब उसने महसूस किया कि जैसी को उसके फिर से मिलने के वायदे के बारे में कुछ भी पता न था – ज्योफ ने उस बारे में नहीं बताया था। उसने राहत की साँस ली। तो कुल मिलाकर ज्योफ ने उसे निराश नहीं किया था। उसने उस पर भरोसा किया। कुछ चीजें तो पवित्र हो ही सकती हैं। “यह सचमुच छोटी-सी बात थी। मैंने उससे ऑटोग्राफ माँगा, परन्तु हमारे पास कागज या पेन नहीं था इसलिए इससे कोई फायदा नहीं हुआ। ज्योफ ने कितना बताया था? “हे भगवान, काश मैं वहाँ होती।” “सचमुच, मेरे पिताजी इस पर विश्वास नहीं करना चाहते थे। तुम जानती हो कि वह कितनी बड़ी मुसीबत हैं। परन्तु आखिरी चीज को मैं बिलकुल नहीं चाहती की उनसे पूछने के लिए हमारे घर पर लोगों की कतार लगे, “डेनी केसी वाली क्या बात है?” वह मेरा कत्ल कर देंगे। और तुम जानती हो मेरी माँ का क्या हाल होता है जब कोई झंझट होता है।” जेंसी ने धीरे से कहा, “सोफ, तुम जानती हो, तुम मुझपर भरोसा कर सकती हो।”
[16] After……………….. coming.
अंधेरा होने के बाद वह नहर के किनारे एक सुरक्षित मार्ग पर चली, जो सामने के घाट से जल में पड़ने वाली बाल्बों की चमक से प्रकाशित था, और (जहाँ) शहर की निरंतर चलने वाी भिनभिनाहट धीमी और दूर थी। यह वह स्थान था जहाँ वह बचपन में अक्सर खेला करती थी। एकान्त एल्म के वृक्ष के नीचे लकड़ी की बेंच थी जहां कभी-कभी प्रेमी आते थे। वह वहाँ प्रतीक्षा करने बैठ गई। उन लोगों के लिए जो दूसरे के द्वारा देखा जाना नहीं चाहते थे, उनके मिलन के लिए यह स्थान उचित था। ऐसा वह हमेशा सोचती थी, उसे पता था वह (केसी इस स्थान को) पसंद करेगा। कुछ समय तक इन्तजार करते हुए उसने (सोफी ने) उसके आने की कल्पना की।
वह किनारे देखती रही, उसे परछाइयों से निकलकर आता हुआ देखने के परिणामस्वरूप अपनी स्वयं की लगातार होने वाली उत्तेजनाओं की कल्पना कर रही थी। जब कुछ ही समय गुजर गया तो वह उसके न आने के विचार के बारे में सन्तुलन करने लगी।
[17] Here I………………..doubt me.
उसने स्वयं से कहा, मैं यहाँ पर इच्छा करते हुए बैठी हूँ कि डैनी आएगा, और समय गुजरने का अहसास उसे होता रहा। मैं अपने अंदर संदेह के कष्टों को आंदोलित होते महसूस कर रही हूँ मैं उसे देखती हूँ परन्तु अभी तक उसका कोई नामोनिशान नहीं है। मुझे ज्योफ का कहना याद आता है कि वह कभी नहीं आएगा, और कैसे उनमें से किसी ने भी विश्वास नहीं किया था, जब मैंने उन्हें बताया था। मैं संदेह में हूँ मैं क्या करूंगी, यदि वह नहीं आता है तो मैं उन्हें क्या बता सकती हूँ? परन्तु हम जानते हैं कि बात क्या थी, डैनी और मैं यही मुख्य बात है। आप इसमें कुछ नहीं कर सकते कि लोग किस बात में विश्वास करें और किसमें न करें? किन्तु फिर भी मुझे निराशा होती है, यह जानकर, मैं यह कभी नहीं दिखा सकूँगी कि मुझपर संदेह करके उन्होंने गलती की थी।
[18] She waited………………..got home.
अपने अंदर के इस प्रकार बदलावों को भाँपती, वह प्रतीक्षा करती रही। सम्पूर्ण आत्म समर्पण यकायक नहीं हुआ। अब मैं दुखी हो गई हूँ, उसने सोचा। इस दुःख को लादे रखना मुश्किल है। यहाँ बैठकर प्रतीक्षा करते रहना और यह जानते हुए भी कि वह नहीं आयेगा, मैं भविष्य को देख सकती हूँ और जान सकती हूँ कि मुझे इस बोझ के साथ रहना होगा। सचमुच वे मुझ पर संदेह करेंगे, जैसे कि उन्होंने सदैव मुझ पर संदेह किया है।
परन्तु अतीत को ध्यान में रखते हुए मुझे अपना सिर ऊँचा रखना होगा। पहले ही मैं देख रही हूँ कि मैं धीरे-धीरे घर लौट रही हूँ और ज्योफ का निराश चेहरा, जब मैं उसे बताऊँगी, “वह नहीं आया, वह डेनी।” और वह दरवाजा धड़ाम से बंद करके बाहर भाग जाएगा। परन्तु हम जानते हैं कि बात कैसी थी। मैं स्वयं से कहूँगी, “जैनी और मैं।” यह उदासी बड़ी कठोर चीज है। उसने गली की जीर्ण-शीर्ण सीढ़ियाँ चढ़ी। पब के बाहर दीवार के सहारे रखी अपने पिता की साइकिल के पास से गुजरी और वह खुश थी। वह जब घर पहुंचेगी वह घर पर न होंगे।
[19] “Excuse………………..at all”.
“क्षमा करें, किन्तु क्या आप डेनी केसी नहीं हैं?” बाजार से आते हुए रॉयस के बाहर फिर से उसने कल्पना की। लज्जा में थोड़ा लाल पड़ता हुआ मुड़ता है। “हाँ, यह सच है।” मैं अपने भाइयों और डैडी के साथ आपको हर सप्ताह देखती हूँ। हमें लगता है आप महान हैं।” “अरे ठीक है, यह बड़ा अच्छा है।” “मैं जानने को उत्सुक हूँ क्या आप एक ऑटोग्राफ साइन करेंगे?” उसकी आँखें उसी तल पर हैं जैसे आपकी। अपनी उसकी नाक पर झाइयों हैं और थोड़ी-सी ऊपर उठी है और जब वह मुस्कराता है वह शरमाते हुए छिछले दाँतों को को दिखाता है। उसकी आँखें हरी हैं और वह जब आपको सीधे देखता है तो वे झिलमिलाती प्रतीत होती हैं। वे सरल लगती हैं, लगभग डरी हुई। छोटे हिरन के जैसी और आप उससे निगाहें हटा लें, और उसकी आँखें जरा, आपके ऊपर घूमने दें लौटकर देखने पर लगता है। वह सांस नहीं ले रही।
और वह कहता है, “मेरे पास पेन ही नहीं है।”
[20] You realise………………..approbation.
आप महसूस करते हो कि आपके पास नहीं है। “मेरे भाई बहुत दुःखी होंगे,” “तुम कहती हो। और बाद में तुम बाजार में कोमल मधुर आवाज को, हरी आँखों की झिलमिलाहट को याद करते हुए, लंबे समय तक प्रतीक्षा करते हो, वहाँ खड़े होकर जहाँ वह खड़ा हुआ था। तुमसे ज्यादा लम्बा नहीं, तुमसे ज्यादा बहादुर नहीं। भोला-भाला प्रतिभा सम्पन्न। महान डैनी केसी।
और पिछले शनिवार, उसने यह सब (अपनी कल्पना में) फिर देखा – बैठेंगे तरीके से धीरे-धीरे चलते हुए या मदमदाते (बुदबुदाते) आगे बढ़ते हुए रक्षकों के पास से भूत की तरह निकलते हुए देखा, जब थोड़ी देर वह गेंद के ऊपर मंडराया, पचास हजार लोगों को साँस थामे सुना और फिर धमाकेदार आवाज सुनाई दी। जब उसने फुर्ती से गेंद को गोल में डाला, तब अचानक उसकी प्रशंसा में जीत का उल्लास स्वीकृति के साथ फूट पड़ा।