खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट Birth Class 11 Hindi Summary & Explanation में हम Class 11 NCERT English Snapshot Chapter 4 का लाइन बाई लाइन करके Hindi Explanation करना सीखेंगे।
लेकिन सबसे पहले Birth Class 11 Hindi Summary के अंतर्गत हम इस चैप्टर के About the Author और फिर About the Lesson के बारे में पढ़ेंगे और उसके बाद इस इस चैप्टर का Summary यानि सारांश पढ़ने के बाद हम लोग Explanation पर आएंगे।
Birth Class 11 Hindi Summary & Explanation
Birth जिसका हिंदी अर्थ होगा – जन्म। इस चैप्टर को आर्चीबाल्ड जोसेफ क्रोनिन ने लिखा है जो एक प्रसिद्ध स्कॉटिश लेखक और चिकित्सक थे। चलिए A.J. Cronin के बारे में The Birth Class 11 About the Author के माध्यम से थोड़ा विस्तार से जानते हैं।
About the Author – A.J. Cronin
A.J. Cronin(19 July 1896 – 6 January 1981) was a famous Scottish author and physician. His experiences as a doctor inspired many of his novels and stories. He is known for addressing social issues and exploring human emotions in his works. His book The Citadel highlighted medical ethics and is considered a classic.
About the Author in Hindi
ए.जे. क्रोनिन (19 जुलाई 1896 – 6 जनवरी 1981) एक प्रसिद्ध स्कॉटिश लेखक और चिकित्सक थे। एक डॉक्टर के रूप में उनके अनुभवों ने उनके कई उपन्यासों और कहानियों को प्रेरित किया। वे अपने कामों में सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने और मानवीय भावनाओं की खोज करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी पुस्तक द सिटाडेल ने चिकित्सा नैतिकता पर प्रकाश डाला और इसे एक क्लासिक माना जाता है।
About the Lesson – Birth
This story is an excerpt from Cronin’s novel The Citadel. It highlights the challenges and emotional rollercoaster faced by a young doctor, Andrew Manson, in a small mining town. The narrative revolves around Andrew helping deliver a baby and saving both the mother and child, demonstrating the perseverance and dedication of medical professionals.
About the Lesson in Hindi
यह कहानी क्रोनिन के उपन्यास द सिटाडेल का एक अंश है। यह एक छोटे से खनन शहर में एक युवा डॉक्टर, एंड्रयू मैनसन द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और भावनात्मक उतार-चढ़ाव को उजागर करती है। कहानी एंड्रयू द्वारा एक बच्चे को जन्म देने और माँ और बच्चे दोनों को बचाने के इर्द-गिर्द घूमती है, जो चिकित्सा पेशेवरों की दृढ़ता और समर्पण को प्रदर्शित करती है।
Birth Class 11 Summary
Andrew Manson, a young doctor, is called late at night to assist in the delivery of Joe-Morgan’s child. Despite being emotionally drained due to personal issues, Andrew decides to stay and help. After a long struggle, the baby is born lifeless, and the mother is also in critical condition.
Andrew faces a tough choice but acts instinctively, reviving the mother first. He then focuses on the baby, trying unconventional methods to bring it to life. His persistence pays off, and the baby finally breathes and cries. Exhausted but fulfilled, Andrew feels he has done something truly meaningful for the first time in his career.
Birth Summary in Hindi
एंड्रयू मैनसन, एक युवा डॉक्टर, को जो-मॉर्गन के बच्चे के जन्म में सहायता करने के लिए देर रात बुलाया जाता है। व्यक्तिगत मुद्दों के कारण भावनात्मक रूप से थके होने के बावजूद, एंड्रयू रुकने और मदद करने का फैसला करता है। लंबे संघर्ष के बाद, बच्चा बेजान पैदा होता है, और माँ भी गंभीर हालत में होती है।
एंड्रयू को एक कठिन विकल्प का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह सहज रूप से कार्य करता है, पहले माँ को पुनर्जीवित करता है। फिर वह बच्चे पर ध्यान केंद्रित करता है, उसे जीवित करने के लिए अपरंपरागत तरीके आजमाता है। उसकी दृढ़ता रंग लाती है, और बच्चा आखिरकार सांस लेता है और रोता है। थका हुआ लेकिन संतुष्ट, एंड्रयू को लगता है कि उसने अपने करियर में पहली बार कुछ सचमुच सार्थक किया है।
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Birth Class 11 line-by-line Explanation in Hindi
अब हम Class 11 NCERT English Snapshot Chapter 4 यानी Birth class 11 Hindi Explanation करना शुरू करते हैं।
इससे पहले कि आप गद्यांश पढ़ें।
“द सिटाडेल” के इस अंश में, मेडिकल स्कूल से हाल ही में निकले एंड्रयू मैनसन ने ब्लेनेली के छोटे से वेल्श खनन शहर में डॉ. एडवर्ड पेज के सहायक के रूप में अपनी चिकित्सा पद्धति शुरू की है। जब वह क्रिस्टीन, जिस लड़की से वह प्यार करता है, के साथ एक निराशाजनक शाम बिताकर लौट रहा होता है, तो उसकी मुलाकात जो मॉर्गन से होती है। जो और उसकी पत्नी, जिनकी शादी को लगभग बीस साल हो चुके हैं, अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं।
Birth Hindi Explanation – Para-1
Though it………………………too.”
यद्यपि आधी रात हो चुकी थी जब एंड्रयू ब्रिनगोवर पहुंचा, उसने जो मॉर्गन को अपनी प्रतीक्षा करते पाया, वह छोटे-छोटे कदमों से आगे पीछे उस रास्ते पर टहल रहा था जो उसके दवाखाने तथा घर के प्रवेशद्वार के बीच में था। उसे देखकर उस भारी-भरकम व्यक्ति के चेहरे पर राहत की झलक दिखाई दी।
“डॉक्टर, तुम्हें देखकर मैं बहुत खुश हूँ। मैं एक घंटे से यहां चहलकदमी कर रहा हूँ। मेरी पत्नी को तुम्हारी जरूरत है, समय से पूर्व प्रसव होने वाला है।”
Birth Hindi Explanation – Para-2
Andrew………………………was over.
एंड्रयू को अचानक अपने प्रेम संबंध की याद आ गई, तथा उसने मॉर्गन को प्रतीक्षा करने को बोला। वह घर के अन्दर अपना बैग लेने गया, फिर दोनो ही गली नं० 12, ब्लेना टेरेस के लिए चल दिये। रात की हवा ठण्डी और शांतिपूर्ण थी। आमतौर से जो इतना सचेत रहता था, वहीं एंड्यू अब सुस्त हो गया था। उसे कोई पूर्वाभास न था कि उस रात को मिली यह कॉल असाधारण बन जाएगी, और उसके सम्पूर्ण भविष्य को प्रभावित कर देगी।
दोनो व्यक्ति चुपचाप चलते रहे और 12 नं० दरवाजे पर पहुंच गये; फिर जो वहीं रुक गया।
“मैं नहीं आऊँगा,” वह बोला और उसकी आवाज में थकान थी। “पर मैं जानता हूँ तुम सही काम कर लोगे।”
अन्दर, एक संकरा जीना एक छोटे बेडरूम को ले जाता था, कमरा साफ-सुथरा था पर उसका सामान बहुत कम या घटिया था, और केवल एक तेल का लैम्प वहाँ जल रहा था। यहाँ मिसेज मॉर्गन की माँ, एक लम्बी सफेद केश वाली 70 वर्षीय महिला तथा एक पुष्ट बड़ी आयु की दाई मरीज के बगल में प्रतीक्षा कर रही थी, उन्होंने एंड्रयू के चेहरे के भाव देखे।
“मैं आपके लिए एक कप चाय बनाती हूँ, डॉक्टर,” कुछ समय बाद वृद्ध महिला बोली। एंड्रयू हल्का-सा मुस्कराया।
उसने देखा कि वृद्ध महिला जिसको अनुभव का ज्ञान था, समझ रही थी कि अभी बच्चा आने में कुछ समय लगेगा। उसे भय था कि डॉक्टर केस छोड़कर चला जाएगा, यह कह जाएगा कि कुछ समय बाद आ जाऊँगा।
“घबराओ मत, माँ जी, मैं धाणूंगा नहीं।”
नीचे किचन में उसने चाय पी जो महिला ने बनाकर दी। बहुत थका तो यह था ही यह जानता था कि यदि वह घर गया भी तो एक घण्टा भी सो नहीं पाएगा। वह यह भी जानता था कि इस केस को पूरी देखभाल की जरूरत है। एक विचित्र आलस्य ने उसे घेर लिया। उसने सोच लिया कि केस के निपटने तक यहीं बना रहेगा।
Birth Hindi Explanation – Para-3
An hour………………………all right.
एक घण्टा पश्चात् वह पुनः ऊपर गया, उसने केस की प्रगति देखी, नीचे लौट आया, और रसोई की आग के पास बैठ गया। सब कुछ शांतिपूर्ण था, केवल अंगीठी की आग और दीवार पर लटकी घड़ी कुछ आवाज कर रही थी। नहीं, एक आवाज और भी थी, मॉर्गन के पैरों की आवाज जब वह बाहर सड़क पर आगे-पीछे घूम रहा था। सामने बैठी वृद्ध महिला ने काले वस्त्र पहन रखे थे, वह निश्चल थी, उसकी आँखें विचित्र प्रकार से सजीव तथा बुद्धिमानीपूर्ण थीं, खोज करती हुई, उसके चेहरे से न हटती हुई।
डॉक्टर के विचार भारी तथा गड़बड़ी वाले थे। जो घटना उसने कारडिफ स्टेशन पर देखी थी यह अभी भी उसे बुरी तरह से साल रही थी। उसे चैमवेल का ध्यान आया जो मूर्षों जैसी एक महिला का दीवाना था, महिला ने उसे गये तरीके से धोखा दे दिया था, एडवर्ड पेज जो बलडिवेन जैसी कर्कश महिला से बंधा हुआ था, डेनी जो अपनी पत्नी से अलग दुखी जीवन बिता रहा था। उसकी बुद्धि ने उसे बताया कि ये सभी विवाह असफल रहे थे। यह निष्कर्ष उसे इस वर्तमान स्थिति में ठेस लगा रहा और चीका रहा था। वह चाहता था कि विवाह को यह आनन्ददायक, रमणीय अथवा काव्यात्मक समझे। हाँ, अन्यथा यह क्रिस्टीग की स्थिति को देखकर ऐसा नहीं सोच सकता था। उसकी चमकती आँखें उसे पही निष्कर्ष निकालने को विवश कर रही थी।
उसके अन्दर एक संघर्ष चल रहा था उसके संदेहयुक्त दिमाग तथा सराबोर हृदय के बीच, जिसके कारण वह इतना खिन्न और संभ्रमित हो रहा था। उसने अपनी ठोड़ी अपनी छाती पर टिका दी, अपनी टाँगें फैला लीं, तथा विचारमग्न होकर आग को देखता रहा। वह इतने समय तक इस स्थिति में बना रहा और उसके विचार में क्रिस्टीन ऐसी छाई रही कि जब वृद्ध महिला ने अचानक उसे पुकारा तो वह चौक गया। उसका चिन्तन दूसरी दिशा में चल रहा था।
“सूसन ने बोला था कि उसे बेहोशी की दवा न सुंघाई जाए यदि उससे बच्चे को कोई हानि पहुँचने का भय हो, डॉक्टर।” उसकी बूढ़ी आँखों में एक अचानक आये विचार से चमक आ गई।
उसने मंद स्वर में कहा, ‘हम सभी ऐसे है।’ डॉक्टर ने स्वयं को सप्रयास सँभाला।
“क्लोरोफॉर्म कोई नुकसान नहीं करेगा,” डॉक्टर बोला। “सब ठीक हो जाएगा।”
Birth Hindi Explanation – Para-4
Here the………………………damp brow.
ऊपर से नर्स की आवाज आई, वह बुला रही थी। एंड्रयू ने घड़ी देखी, अब साढ़े तीन बज रहे थे। यह उठा तथा बेडरूम में गया। उसने देखा कि अब वह काम शुरू कर सकता है।
एक घण्टा बीत गया। लम्बा, कठोर संघर्ष था। फिर जब प्रातः की पहली प्रभा पर्दे के किनारे से अन्दर आई तो बच्चे ने जन्म ले लिया, पर वह निर्जीव था।
जब उसने निर्जीव आकृति को देखा, तो उसके शरीर में भय की कंपकंपी होने लगी। यह फल होगा उसके सारे वायदों का। उसका चेहरा जो उसके परिश्रम के कारण गर्म हो गया था, सहसा ठण्डा पड़ गया। वह अनिश्चय की स्थिति में आ गया, एक ओर तो बच्चे को साँस देकर जीवित करने की इच्छा और दूसरी ओर माँ के प्रति उसका कर्तव्य जो स्वयं भी नाजुक स्थिति में थी। उसका द्वन्द्र इतना तीव्र था कि उसने इसे हल करने पर विचार नहीं किया। स्वाभाविक रूप से बिना सोचे-विचारे उसने बच्चे को तो नर्स को पकड़ा दिया तथा अपना ध्यान सूसन मॉर्गन की ओर लगाया जो अब बेहोश-सी हो गई थी, उसकी नब्ज लगभग खो गई थी, तथा वह बेहोशी की दवा के असर में थी, करवट लेकर लेटी थी।
उसके पास समय की कमी थी, उसे तो माँ की गिरती स्थिति को संभालना अत्यावश्यक था। उसने एक शीशी को झट से तोड़ा और उसका इंजेक्शन दे दिया। फिर उसने सिरिंज फेंकी और शिथिल सूसन को होश में लाने में लग गया। कुछ मिनट के अनथक प्रयास से सूसन का दिल कुछ मजबूत हो गया। डॉक्टर ने देखा कि वह अब माँ को कुछ देर के लिए छोड़ सकता है। वह घूमा, वह कमीज पहने था, उसके बाल भीगी भौहों पर चिपके हुए थे।
Birth Hindi Explanation – Para-5
“Where’s the………………………bath.
“बच्चा कहाँ है?”
दाई भयभीत हो गई। उसने तो बच्चे को बिस्तर के नीचे रख दिया था। क्षण भर के लिए एंड्यू झुका। उसने पलंग के नीचे पड़े गंदे अखबारों में बच्चे को खोजा, उसे बाहर निकाल लिया। लड़का था, बिल्कुल सही बनावट थी। शिथिल गर्म शरीर सफेद तथा चर्बी की तरह मुलायम हो गया था। नाल जिसे जल्दी से काट दिया गया था, टूटे तने की भांति पड़ी थी। बच्चे की त्वचा चिकनी तथा कोमल थी। उसका सर उसकी पतली गर्दन पर झूल रहा था। हाथ-पाँव में जैसे हड्डी ही नहीं थी।
अभी भी झुके हुए एंड्रयू ने बच्चे को गौर से देखा। उसके शरीर की सफेदी का एक ही अर्थ था कि उसकी साँस घुट गयी थी, और उसके दिमाग में, जो अस्वाभाविक रूप से तनावग्रस्त हो गया था, एक केस का ध्यान आया जिसे उसने समारीटन में देखा था तथा जो उपचार प्रयोग में लाया गया था। तुरन्त वह खड़ा हो गया।
“कुछ गर्म तथा कुछ ठण्डा पानी लाओ.” उसने नर्स को बोला। “और तसले भी। जल्दी करो।
“पर डॉक्टर-” वह हकलाई, उसकी आँखे बच्चे के पीले, विवर्ण शरीर पर टिकी थी।
“जल्दी करो!” डॉक्टर चिल्लाया।
एक कम्बल पर उसने बच्चे को लिटा दिया और उसे मुँह से सॉस देने की विशेष प्रक्रिया शुरू कर दी। तसले आ गये, एक लोहे की केतली आ गई। तेज गति से डॉक्टर ने ठण्डा पानी एक तसले में उड़ेला तथा दूसरे में पानी को उतना ही गर्म रखा जितना हाथ सह ले। फिर किसी सनकी जादूगर की भांति उसने बच्चे को कभी ठण्डे पानी में और कभी गर्म पानी में डाला, बर्फ जैसा ठण्डे पानी में और फिर भाप उठते गर्म जल में।
Birth Hindi Explanation – Para-6
Fifteen………………………white fish.
पंद्रह मिनट गुजर गये। पसीना अब एंड्रयू की आँखों के अन्दर जा रहा था, वह देख नहीं पा रहा था। उसकी कमीज की एक बाँह नीचे लटकी थी, उसमें से बूंदे टपक रही थी। उसकी साँस हांफते हुए आ-जा रही थीं। पर बच्चे के ढीले शरीर से कोई साँस आ-जा नहीं रही थी।
डॉक्टर के मन में पराजय की भावना जोर मार रही थी, निराशा फैल रही थी। दाई की निगाह उस पर विस्मय तथा व्याकुलता से गड़ी थी। जबकि उधर दीवार से सटी, जहाँ वह सारा समय रही थी, उसका हाथ अपने गले पर था, वह बोल कुछ भी नहीं रही थी पर उसकी आँखों से आग निकल रही थी- वह वृद्ध महिला थी डॉक्टर को याद आया कि वह वृद्धा किस प्रकार से नाती की कामना कर रही थी। उतनी ही तीव्रता से जितनी उसकी बेटी इस बच्चे के लिए बेचैन थी। सब कुछ धूल में मिल गया, व्यर्थ गया, लाइलाज हो गया।
फर्श पर चीजे उलट-पुलट बिखरी थीं। एक तौलिये के ऊपर लड़खड़ाते हुए एंड्रयू ने लगभग बच्चे को गिरा दिया, बच्चा जो उसके हाथ में अब गीला तथा फिसलन वाला हो गया था, जैसे कोई विचित्र सफेद मछली हो।
Birth Hindi Explanation – Para-7
“For mercy’s………………………cry.
“परमात्मा के लिए, डॉक्टर,” दाई दबी जुबान में बोली। “यह तो मृत ही जन्मा है।”
एंड्रयू ने उसकी बात अनसुनी कर दी। पराजित, निराश तथा आधे घण्टे से व्यर्थ ही परिश्रम करते हुए, डॉक्टर अभी थी एक अंतिम प्रयास करता रहा, उसने बच्चे को खुरदरे तौलिये से रगड़कर पोछा, उसकी छाती को अपने दोनों हाथ से दबाया तथा ऊपर उठने दिया, उस शिथिल पड़े शरीर में साँस वापस लाने के लिए बहुत प्रयास किया।
और तभी, एक चमत्कार हुआ। वह छोटी-सी छाती जिसे वह अपने हाथों में लिए था, उसमें एक छोटी धड़कन आ गई। फिर दूसरी और फिर तीसरी एंड्रयू को चक्कर आ गया। जीवन का एहसास जो उसकी अंगुलियों के नीचे हो रहा था, इतने प्रयास के बाद, वह इतना सुन्दर था कि उसे मूर्छा-सी हो गई। उसने अपने प्रयास और तेजी से शुरू कर दिए। बच्चा अब हाँफने लगा था, गहराई से। थूक का एक बुलबुला उसके एक नथुने से आया – एक खुशी भरा चमकदार बुलबुला। उसके अंग-प्रत्यंग अब हड्डीरहित नहीं थे। उसका सर अब शिथिल होकर लटक नहीं रहा था। सफेद पड़ी त्वचा अब गुलाधी हो चली थी। फिर उत्कृष्ट रूप से बच्चे ने चीख मारी।
“हे परमात्मा,” नर्स रोने लगी। “यह तो जीवित हो गया है।”
Birth Hindi Explanation – Para-8
Andrew……………………..at last”.
एंड्यू ने बच्चे को नर्स को दे दिया। उसे कमजोरी लग रही थी। उसके चारों ओर कमरा सामान से बिखरा पड़ा था – कंबल, तौलिये, तसले, गंदे औजार, सिरिज, जिसकी नोक लिनोलियम में धंसी थी, घड़ा लुढ़का हुआ था, केतली पानी में लुढ़की पड़ी थी। बिस्तर पर माँ बेहोशी की दवा के असर से बाहर निकल रही थी। वृद्ध महिला अभी भी दीवार से पीठ लगाये खड़ी थी। पर उसके हाथ जुड़े हुए थे, उसके होंठ बिना स्वर से हिल रहे थे। वह परमात्मा को याद कर रही थी।
यंत्रवत् एंड्रयू ने अपनी कमीज की बाजू खोल दी, अपनी जैकट पहन ली।
“मैं अपना बैग बाद में ले जाऊँगा, नर्स।”
वह सीढ़ी से नीचे उतर गया, किचन के बीच से प्रक्षालन कक्ष में गया। उसके होठ सूख गये थे। उस कक्ष में उसने पानी, पीया। उसने अपना हैट तथा कोट उठाए।
बाहर उसने जो को फुटपाथ पर तनावग्रस्त तथा उत्सुक चेहरे के साथ खड़ा पाया।
“सब ठीक हो गया, जो,” वह भारी स्वर में बोला।
“दोनों ठीक है।”
अब प्रकाश फैल गया था। लगभग पाँच बज रहे थे। कुछ खनिज सड़को पर आ चुके थे। रात पारी की पहली शिफ्ट के वे लोग बाहर निकले थे। जैसे एंड्यू उनके साथ चला, थका और मंदगति, उसके पैरों की आवाज अन्य लोगों की पदचाप के साथ गूंज रही थी। वह सोच रहा था, उसने ब्लेनेली में पहले जो कुछ किया था, वह भूल चुका था। “मैंने कुछ तो किया, परमात्मा, मैंने अन्ततः कुछ वास्तविक काम कर लिया।”
तो स्टूडेंट्स, ये था बर्थ चैप्टर का सारांश, और व्याख्या; आप चाहे तो Birth Class 11 Up Board Question Answer को भी पढ़ सकते हैं।