हेलो डियर स्टूडेंट्स Khulkar Seekhen के इस ब्लॉग पोस्ट The Enchanted Pool Story in Hindi में हम The Enchanted Pool का लाइन बाई लाइन करके हिंदी एक्सप्लेनेशन करना सीखेंगे। इस चैप्टर को चक्रवर्ती राजगोपालाचारी जी ने लिखा है। Chakravarti Rajagopalachari एक भारतीय वकील स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजनीतिज्ञ तथा लेखक भी थे।
The Enchanted Pool Summary
This chapter contains a short story of the Mahabharata, which occurs in his exile with the Pandavas. Pandavas i.e. Yudhishthira, Arjuna, Bhima, Nakula and Sahadeva; These five brothers are known as Pandavas in Mahabharata.
It happens that during his exile, the Pandavas feel very thirsty wandering in the forest. then at the behest of the eldest brother Yudhishthira, the younger brother Sahadeva climbs a tree to see if there is a source of water nearby. He sees a pond at some distance, he comes down and tells Yudhishthira, and then Yudhishthira sends Nakula to that pond to get water. Now after a long time, Nakula does not come back with water, so Yudhishthira sends Sahadev in search of him. He also does not return with water. After that, Yudhishthira sends Arjuna in search of him. It is too late Arjuna does not return with his brothers and in the final Yudhishthira sends Bhima to find his brothers. Now when Bhima does not come back after some time, Yudhishthira is worried about his brothers.
Distraught with anxiety and thirst, Yudhishthira also walks towards the same pond where his brothers have gone. After walking for a while, they reach that pond. Now, what does Yudhishthira see on the pond? How do they face the Yaksha? What questions does the Yaksha ask them and why? And do Yudhishthira answer all the questions of Yaksha with his intelligence? Exactly who does the Yaksha and why does he come on the pond? You will know the answer to all these questions after reading the Hindi translation of this chapter.
The Enchanted Pool Summary in Hindi
इस पूरे चैप्टर में महाभारत के एक छोटी-सी कहानी का वर्णन है जो पांडवो के साथ उनके वनवास में घटित होती है। पांडव यानि युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव; इन पाँचो भाईयों को महाभारत में पांडव के नाम से जाना जाता है।
होता ये है कि वनवास के समय पांडवों को वन में भटकते-भटकते बहुत तेज प्यास लगती है तो सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर के कहने पर छोटे भाई सहदेव एक वृक्ष पर चढ़कर देखते हैं कि आस-पास कहीं पानी का स्रोत है या नहीं। उनको कुछ दूरी पर एक तालाब दिखता है वह नीचे आकर युधिष्ठिर से बताते हैं तो युधिष्ठिर नकुल को पानी लेने के लिए उस तालाब की ओर भेज देते हैं। अब बहुत देर बाद नकुल पानी लेकर वापस नहीं आते हैं तो फिर युधिष्ठिर, सहदेव को उनके तलाश में भेजते है वो भी पानी लेकर नहीं लौटते हैं उसके बाद युधिष्ठिर,अर्जुन को उनके तलाश में भेजते हैं। काफी देर हो जाता है अर्जुन भी अपने भाइयों के साथ वापस नहीं आते हैं और अंतिम में युधिष्ठिर भीम को भी अपने भाइयों को खोजने के लिए भेज देते हैं। अब जब कुछ देर बाद भीम भी वापस लौटकर नहीं आते हैं तो युधिष्ठिर को अपने भाइयों की बड़ी चिंता होती है।
चिंता और प्यास से व्याकुल युधिष्ठिर भी उसी तालाब की ओर चल देते हैं जिधर उनके भाई गए होते हैं। कुछ देर चलने के बाद वह उस तालाब पर पहुँच जाते हैं। अब युधिष्ठिर तालाब पर क्या देखते हैं? उनका सामना यक्ष से कैसे हो जाता है? यक्ष उनसे किन-किन प्रश्नों को पूछता है और क्यों पूछता है? तथा क्या युधिष्ठिर अपनी बुद्धिमत्ता से यक्ष के सभी प्रश्नों का जबाब दे पाते हैं? वास्तव में यक्ष कौन रहता है और वह तालाब पर क्यों आया हुआ रहता है? इन सारे प्रश्नों का जबाब आपको इस चैप्टर का हिंदी अनुवाद पढ़ने के बाद पता चल जाएगा।
The Enchanted Pool Story in Hindi
इस चैप्टर का नाम The Enchanted Pool है जिसका हिंदी अर्थ होगा – जादुई तालाब। नीचे इस चैप्टर का Passage Wise हिंदी अनुवाद दिया गया है।
Passage-1
युधिष्ठिर चिंता और प्यास से अपने भाइयों की प्रतीक्षा कर रहे थे। युधिष्ठिर चिंता कर रहे थे कि क्या वे किसी श्राप के प्रभाव के अधीन हो गए अथवा अभी तक जंगल में पानी की तलाश में भटक रहे हैं अथवा क्या वे मुर्छित हो गए या फिर प्यास के कारण मर गए और इन विचारों को सहन करने में असमर्थ होकर और एक तीव्र प्यास के कारण उन्होंने प्रतीक्षा करना छोड़ दिया और अपने भाईयों को तथा तालाब को खोजने के लिए निकल पड़े ये आशा करते हुए की वे उन्हें पा लेंगे।
Passage-2
युधिष्ठिर उसी दिशा में आगे बढ़ने लगे जिधर उनके भाई गए हुए थे और जंगली भालुओं, चितकबरे हिरणों और बड़े जगली पक्षियों से भरे जंगल से होकर चलते हुए वह एक स्वच्छ पानी के तालाब पर पहुंचे जिसके चारो ओर एक सुन्दर हरा चारागाह था। लेकिन जब वहाँ उन्होंने अपने भाइयों को खम्भे की तरह पड़े हुए देखा तो अपने दुःख को रोकने में असमर्थ होकर, वह जोर-जोर से रोने लगे।
Passage-3
उन्होंने भीम और अर्जुन के चेहरों को छुआ जो अभी तक बेजान पड़े हुए थे और उन्होंने विलाप करते हुए कहा: “ क्या यही पर हमारे सभी प्रतिज्ञाओं का अंत होना था? जब हमारा वनवास समाप्त होने वाला है तो तुम लोग मुझसे दूर चले गए। यहां तक कि ईश्वर ने भी मुझे मेरे दुर्भाग्य में छोड़ दिया।”
Passage-4
जैसे ही उन्होंने अपने भाइयों के शक्तिशाली हाथों और पैरों को देखा जो अब इतने असहाय थे तो उन्होंने दुःखपूर्वक आश्चर्य किया कि कौन इतना शक्तिशाली हो सकता है जो इन्हें मार सके। इसके बाद वह स्वयं अपने तीव्र प्यास को बुझाने के लिए तालाब में उतरे। तुरंत एक बिना रूप की आवाज ने उन्हें चेतावनी दी।
Passage-5
तुम्हारे भाई मारे गए क्योंकि उन्होंने मेरे शब्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया। वे सब बिना मेरे प्रश्नों का उत्तर दिए पानी पीने का प्रयास किये। तुम उनका अनुसरण मत करो। पहले मेरे प्रश्नों का उत्तर दो और तब तुम अपना प्यास बुझा सकते हो। यह तालाब मेरा है।
Passage-6
युधिष्ठिर ने इसे समझने में एक भी पल नहीं लगाया कि यह शब्द यक्ष के शब्दों के अलावा और किसी का नहीं हो सकता और अनुमान लगाया कि उनके भाइयों के साथ क्या हुआ है। और उनको जीवित करने के लिए एक संभव रास्ता देखने में भी उन्होंने समय नहीं लगाया। उन्होंने बिना रूप (निराकार) वाले आवाज से कहा : “कृपया अपने प्रश्न पूछिए।”
Passage-7
“साहस”
“किसी शास्त्र का अध्ययन करने से मनुष्य बुद्धिमान नहीं होता, बुद्धिमान लोगों की संगत करने से ही मनुष्य को बुद्धिमत्ता प्राप्त होती है।”
“मन”
“एक दुःख में मारा हुआ ह्रदय”
“ज्ञान”
“पत्नी”
“धर्म, धर्म ही मृत्यु के बाद आत्मा की सुनसान यात्रा में अकेला साथी होता है।”
“पृथ्वी, जो सबको अपने अंदर सँजोए रखती हैं; यही सबसे बड़ा बर्तन है।”
“अच्छे आचरण का परिणाम ही प्रसन्नता है।”
“घमंड, अगर मनुष्य घमंड करना छोड़ दे तो वह सबका प्रिय हो जाएगा।”
“क्रोध, यदि हम क्रोधित होना छोड़ दें तो हम लम्बे समय तक दुःख के संपर्क में नहीं रहेंगे।”
“इच्छा या लालच, यदि मनुष्य लालची होना छोड़ दे तो वह धनवान हो जाएगा।”
“जन्म और ज्ञान से कोई ब्राह्मण नहीं बनता है; केवल अच्छा आचरण ही किसी मनुष्य को एक वास्तविक ब्राम्हण बनाता है। कोई मनुष्य कितना ही ज्ञानी क्यों न हो, वह तब तक ब्राम्हण नहीं बन सकता जब तक कि वह अपने बुरी आदतों को ना छोड़ दे। यहाँ तक की यदि कोई मनुष्य चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) का ज्ञाता हो लेकिन उसकी आदतें बुरी हों तो वह निम्न जाति में ही गिना जाएगा।”
“प्रत्येक दिन मनुष्य प्राणियों को यमलोक जाते हुए देखते हैं; और फिर भी जो जीवित बचे हुए रहते हैं वह हमेशा के लिए जीवित रहना चाहते हैं। वास्तव में यही सबसे बड़ा आश्चर्य है।”
Passage-8
इस प्रकार, यक्ष ने अनेक प्रश्नों को पुछा और युधिष्ठिर ने उन सभी का उत्तर दिया। अंत में यक्ष ने पूछा, “हे! राजन, तुम्हारे मरे हुए भाइयों में से कोई एक अब पुनर्जीवित हो सकता है। तुम किसको जीवित देखना चाहते हो?”
ऐसा सुनकर यक्ष बहुत प्रश्न हुआ और युधिष्ठिर से पूछ: “तुमने भीम के स्थान पर नकुल को क्यों चुना, जिसके पास सोलह हजार हाथियों का बल है? मैंने सुना है कि भीम तुम्हे बहुत प्रिय है और अर्जुन को क्यों नहीं चुना जिसके भुजाओं की शक्ति में तुम्हारी रक्षा है। मुझे बताओ कि तुमने इन दोनों के अतिरिक्त नकुल को ही क्यों चुना।”
Passage-9
युधिष्ठिर ने जाबाब दिया: ‘धर्म’ ही मनुष्य का एकमात्र रक्षा कवच है भीम और अर्जुन नहीं; अगर धर्म छोड़ दिया जाए तो मनुष्य बर्बाद हो जाएगा। कुंती और माद्री मेरे पिता की दो पत्नियां थीं। मैं कुंती का एक पुत्र जीवित हूँ और इसीलिए वह पूर्ण रूप से शोकसंतप्त नहीं होंगी अर्थात दुःखी नहीं होंगी। इसी क्रम में कि न्याय का तराजू सामान हो सके; मैंने माद्री के पुत्र नकुल को जीवित होने के लिए कहा।”
यक्ष युधिष्ठिर के निष्पक्षता पर बहुत प्रसन्न हुआ और वह उनके सभी भाइयों को जीवनदान दे दिया।
Passage-10
यह मृत्यु के देवता यम थे, जो यक्ष का रूप धारण कर लिए थे ताकि वह युधिष्ठिर को देख सके और उनकी परीक्षा ले सके। उन्होंने युधिष्ठिर को गले लगाया और उन्हें आशीर्वाद दिया; फिर विलुप्त गए अर्थात गायब हो गए।
About The Author
The Enchanted Pool Writer’s Name is Chakravarti Rajagopalachari who is also known as Rajaji or C.R. He was an Indian lawyer, freedom fighter, politician and writer. He was also the founder of the Swatantra Party. He was the first man to receive India’s highest civilian award, the Bharat Ratna. He was also nicknamed the Mango of Salem. He wrote on the abridged retelling of Mahabharat in English. He was deeply religious and a pious person and a follower of the Vedas and Upanishads.
About The Author in Hindi
जादुई तालाब अध्याय के लेखक चक्रवर्ती राजगोपालाचारी हैं जिन्हें राजाजी अथवा सी. आर. के नाम से भी जाना जाता है। वह एक भारतीय वकील, स्वतंत्रता सेनान, राजनीतिज्ञ और लेखक थे। वे स्वतंत्र पार्टी के संस्थापक भी थे। वे भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न को प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्हें मैंगो ऑफ सेलम का उपनाम भी दिया गया था। उन्होंने अंग्रेजी में महाभारत का संक्षिप्त वर्णन लिखा। वह गहरा धार्मिक और धर्मनिष्ठ व्यक्ति और वेदों और उपनिषदों के अनुयायी थे।
FAQ
Who is the writer of The Enchanted Pool?
Chakravarti Rajagopalachari is the writer of The Enchanted Pool.
Who was Yaksha?
Yaksha was Yama, the lord of death. who had taken the form of Yaksha to see Yudhishthira.
तो इस तरह से आपने The Enchanted Pool in Hindi पढ़ लिया है। आपको ये कहानी पढ़कर कैसा लगा, मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Sir Question answer bhi de dijie please 🙏🙏
Bahut accha laga sir, ab jaldi se question answer bhi de dijiye.
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