खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट The Enemy Class 12 Summary & Explanation में आप Class 12 NCERT English Vistas Chapter 4 यानि The Enemy Class 12 का सारांश और लाइन बाई लाइन करके हिन्दी व्याख्या करना सीखेंगे।
सबसे पहले आप इस चैप्टर यानि The Enemy के बारे में पढ़ते हुए लेखक के बारे में जानेंगे और फिर इस चैप्टर का Summary पढ़ने के बाद आप इस पाठ के एक-एक लाइन का हिंदी अनुवाद भी इसी पेज पर पढ़ सकेंगे।
About the Lesson – The Enemy
“The Enemy” is a short story set during World War II in Japan. It revolves around Dr. Sadao Hoki, a Japanese surgeon, who faces a moral dilemma when he finds an American prisoner of war washed ashore near his house. Despite the ongoing enmity between Japan and America, Sadao’s sense of humanity and professional ethics as a doctor compel him to save the enemy soldier’s life. The story explores themes of humanity vs. patriotism, moral responsibility, and compassion beyond prejudice. It highlights how universal human values can transcend the boundaries of nationality, race, and war.
About the Lesson in Hindi
“दुश्मन” जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान की एक लघु कहानी है। यह एक जापानी शल्यचिकित्सक डॉ. सदाओ होकी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक नैतिक दुविधा का सामना करता है जब उसे अपने घर के पास एक अमेरिकी युद्धबंदी बहकर किनारे पर आता हुआ मिलता है। जापान और अमेरिका के बीच चल रही दुश्मनी के बावजूद, सदाओ की मानवता की भावना और एक डॉक्टर के रूप में पेशेवर नैतिकता उसे दुश्मन सैनिक की जान बचाने के लिए प्रेरित करती है। कहानी मानवता बनाम देशभक्ति, नैतिक ज़िम्मेदारी और पूर्वाग्रह से परे करुणा के विषयों की पड़ताल करती है। यह इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे सार्वभौमिक मानवीय मूल्य राष्ट्रीयता, नस्ल और युद्ध की सीमाओं को पार कर सकते हैं।
About the Author – Pearl S. Buck
Pearl S. Buck (1892–1973) was an American writer and novelist, best known for her works about China and East Asian culture. She spent a significant part of her life in China, where her parents were missionaries, and this experience deeply influenced her writing. Buck won the Pulitzer Prize in 1932 for her novel The Good Earth and the Nobel Prize in Literature in 1938, becoming the first American woman to win the Nobel Prize for Literature. Her writings often reflect humanitarian values, cross-cultural understanding, and social justice.
About the Author in Hindi
पर्ल एस. बक (1892-1973) एक अमेरिकी लेखिका और उपन्यासकार थीं, जो चीन और पूर्वी एशियाई संस्कृति पर अपनी रचनाओं के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चीन में बिताया, जहाँ उनके माता-पिता मिशनरी थे, और इस अनुभव ने उनके लेखन को गहराई से प्रभावित किया। बक ने 1932 में अपने उपन्यास “द गुड अर्थ” के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार और 1938 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीता, और साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली अमेरिकी महिला बनीं। उनके लेखन में अक्सर मानवीय मूल्य, अंतर-सांस्कृतिक समझ और सामाजिक न्याय झलकते हैं।
Summary of The Enemy
The story begins with Dr. Sadao and his wife Hana discovering an injured white man washed ashore near their home. They realise he is an American soldier, a prisoner of war, and face a tough choice: “to hand him over to the authorities as a patriot or to treat him as a doctor.” Despite the risk of being called traitors, Sadao operates on the soldier and saves his life. Their servants leave in protest, and Sadao fears arrest. When he informs the General, the General offers to have the soldier killed by assassins, but they never arrive. Eventually, Sadao secretly helps the American escape by giving him a boat and supplies. The story ends with Sadao reflecting on his actions, realising that humanity is above hatred and war.
Hindi Summary of The Enemy
कहानी की शुरुआत डॉ. सदाओ और उनकी पत्नी हाना द्वारा अपने घर के पास किनारे पर बहकर आए एक घायल श्वेत व्यक्ति की खोज से होती है। उन्हें पता चलता है कि वह एक अमेरिकी सैनिक है, एक युद्धबंदी, और उनके सामने एक कठिन चुनाव आता है: “उसे एक देशभक्त के रूप में अधिकारियों को सौंप दें या एक डॉक्टर की तरह उसका इलाज करें।” देशद्रोही कहे जाने के जोखिम के बावजूद, सदाओ उस सैनिक का ऑपरेशन करता है और उसकी जान बचाता है। उनके नौकर विरोध में चले जाते हैं, और सदाओ को गिरफ्तारी का डर सताता है। जब वह जनरल को सूचित करता है, तो जनरल सैनिक को हत्यारों द्वारा मरवाने की पेशकश करता है, लेकिन वे कभी नहीं पहुँचते। अंततः, सदाओ गुप्त रूप से उस अमेरिकी को एक नाव और रसद देकर भागने में मदद करता है। कहानी का अंत सदाओ द्वारा अपने किए पर विचार करने और यह एहसास करने के साथ होता है कि मानवता घृणा और युद्ध से ऊपर है।
Key Points in Summary:
- Setting: Japan during World War II
- Main Characters: Dr. Sadao, Hana, the American soldier, and the General
- Conflict: Patriotism vs. Humanity
- Climax: Sadao secretly helps the enemy soldier escape
- Resolution: The soldier safely leaves, and Sadao realises the strength of human compassion.
सारांश के मुख्य बिंदु:
- परिदृश्य: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान
- मुख्य पात्र: डॉ. सदाओ, हाना, अमेरिकी सैनिक और जनरल
- संघर्ष: देशभक्ति बनाम मानवता
- चरमोत्कर्ष: सदाओ गुप्त रूप से दुश्मन सैनिक को भागने में मदद करता है
- समाधान: सैनिक सुरक्षित निकल जाता है, और सदाओ को मानवीय करुणा की शक्ति का एहसास होता है।
The Enemy Summary in English
The story opens on a misty evening along the coast of Japan, during World War II. Dr. Sadao Hoki, a skilled Japanese surgeon, and his wife Hana notice something struggling in the sea. Soon, they realise it is a wounded man who has been washed ashore. On closer examination, they discover that he is an American soldier—an enemy during wartime.
Sadao faces a moral dilemma. As a Japanese citizen, his duty is to report or hand over the prisoner to the authorities. But as a doctor, his professional ethics compel him to save a dying man, irrespective of nationality. The man has a bullet wound in his back and is unconscious. Both Sadao and Hana hesitate, fearing the consequences if anyone finds out, but their humanity prevails, and they carry him inside their home.
The servants react with fear and disapproval. They believe harbouring an enemy is treason and will bring misfortune. Despite their warnings, Sadao decides to operate on the man to save his life. Hana assists him reluctantly but faithfully, even administering anaesthesia when needed. Sadao successfully removes the bullet, and the man survives, though weak and exhausted. During his recovery, Hana nurses him because none of the servants agree to help.
Meanwhile, the servants grow more hostile and eventually leave the household, fearing association with the white man. Sadao’s position becomes increasingly dangerous. He contemplates informing the General, who is an influential figure and one of Sadao’s patients. When Sadao visits the General for treatment, he confides in him about the prisoner. Surprisingly, the General does not report Sadao; instead, he offers to send assassins to quietly kill the man to avoid trouble for Sadao and himself.
Sadao agrees but does not inform Hana, knowing she would be terrified. However, several nights pass, and the assassins never come—possibly because the General is too absorbed in his own health issues. Meanwhile, Sadao feels increasingly anxious and realises he cannot continue living under such stress. Finally, he decides to help the soldier escape.
One dark night, Sadao puts food, water, and clothes in his boat and instructs the soldier to row to a nearby island where he can wait for a Korean fishing boat to rescue him. He even gives him a flashlight for signalling when food is needed or when it is safe to leave. The soldier gratefully departs, and Sadao returns home relieved.
A few days later, when Sadao visits the General again, he learns that the General had indeed forgotten to send the assassins because of his illness. The General even asks Sadao to keep this secret to protect his own reputation. The story ends with Sadao reflecting on the strangeness of his inability to kill the man despite every reason to do so. His humanity ultimately triumphs over prejudice and patriotism.
The Enemy Summary in Hindi
कहानी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जापान के तट पर एक धुंधली शाम से शुरू होती है। एक कुशल जापानी सर्जन, डॉ. सदाओ होकी और उनकी पत्नी हाना, समुद्र में किसी चीज़ को संघर्ष करते हुए देखते हैं। जल्द ही, उन्हें एहसास होता है कि यह एक घायल व्यक्ति है जो बहकर किनारे पर आ गया है। करीब से जाँच करने पर, उन्हें पता चलता है कि वह एक अमेरिकी सैनिक है—युद्ध के दौरान एक दुश्मन।
सादाओ एक नैतिक दुविधा का सामना करता है। एक जापानी नागरिक होने के नाते, उसका कर्तव्य है कि वह कैदी की सूचना अधिकारियों को दे या उसे सौंप दे। लेकिन एक डॉक्टर होने के नाते, उसकी पेशेवर नैतिकता उसे एक मरते हुए व्यक्ति को बचाने के लिए बाध्य करती है, चाहे उसकी राष्ट्रीयता कुछ भी हो। उस व्यक्ति की पीठ में गोली लगी है और वह बेहोश है। सादाओ और हाना, दोनों ही हिचकिचाते हैं, अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा, इसके डर से, लेकिन उनकी मानवता प्रबल होती है, और वे उसे अपने घर के अंदर ले जाते हैं।
नौकर डर और अस्वीकृति से प्रतिक्रिया करते हैं। उनका मानना है कि किसी दुश्मन को शरण देना देशद्रोह है और दुर्भाग्य लाएगा। उनकी चेतावनियों के बावजूद, सादाओ उस व्यक्ति की जान बचाने के लिए उसका ऑपरेशन करने का फैसला करता है। हाना अनिच्छा से लेकिन निष्ठा से उसकी मदद करती है, यहाँ तक कि ज़रूरत पड़ने पर उसे बेहोशी की दवा भी देती है। सदाओ गोली निकालने में कामयाब हो जाता है और वह आदमी बच जाता है, हालाँकि वह कमज़ोर और थका हुआ होता है। उसके ठीक होने के दौरान, हाना उसकी देखभाल करती है क्योंकि कोई भी नौकर उसकी मदद करने को तैयार नहीं होता।
इस बीच, नौकर और भी ज़्यादा आक्रामक हो जाते हैं और अंततः उस गोरे आदमी से मिलने के डर से घर छोड़ देते हैं। सदाओ की स्थिति लगातार ख़तरनाक होती जाती है। वह जनरल को, जो एक प्रभावशाली व्यक्ति है और सदाओ का मरीज़ है, सूचित करने की सोचता है। जब सदाओ इलाज के लिए जनरल से मिलने जाता है, तो वह कैदी के बारे में उससे बात करता है। हैरानी की बात है कि जनरल सदाओ को इसकी सूचना नहीं देता; बल्कि, सदाओ और खुद के लिए मुसीबत से बचने के लिए उस आदमी को चुपचाप मारने के लिए हत्यारे भेजने की पेशकश करता है।
सादाओ मान जाता है, लेकिन हाना को सूचित नहीं करता, यह जानते हुए कि वह डर जाएगी। हालाँकि, कई रातें बीत जाती हैं, और हत्यारे कभी नहीं आते—शायद इसलिए क्योंकि जनरल अपनी स्वास्थ्य समस्याओं में बहुत ज़्यादा उलझा हुआ है। इस बीच, सदाओ की चिंता बढ़ती जाती है और उसे एहसास होता है कि वह इस तरह के तनाव में और नहीं रह सकता। अंततः, वह सैनिक को भागने में मदद करने का फैसला करता है।
एक अंधेरी रात में, सदाओ अपनी नाव में खाना, पानी और कपड़े रखता है और सैनिक को पास के एक द्वीप पर जाने का निर्देश देता है जहाँ वह एक कोरियाई मछली पकड़ने वाली नाव का इंतज़ार कर सकता है जो उसे बचाएगी। वह उसे एक टॉर्च भी देता है ताकि वह संकेत दे सके कि कब भोजन की ज़रूरत है या कब जाना सुरक्षित है। सैनिक कृतज्ञतापूर्वक चला जाता है, और सदाओ राहत महसूस करते हुए घर लौटता है।
कुछ दिनों बाद, जब सदाओ फिर से जनरल से मिलने जाता है, तो उसे पता चलता है कि जनरल अपनी बीमारी के कारण हत्यारों को भेजना भूल गए थे। जनरल सदाओ से अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए यह राज़ छुपाने को भी कहता है। कहानी का अंत सदाओ द्वारा उस आदमी को मारने में अपनी असमर्थता की विचित्रता पर विचार करने के साथ होता है, जबकि ऐसा करने के कई कारण थे। अंततः उसकी मानवता पूर्वाग्रह और देशभक्ति पर विजय पाती है।
Summary of all chapters of Class 12 English
Q&A of The Enemy Class 12
The Enemy Explanation in Hindi
The Enemy का हिंदी अर्थ होगा – दुश्मन। इस चैप्टर को एक अमेरिकी लेखिका और उपन्यासकार पर्ल बक के द्वारा लिखा गया है। नीचे Class 12 NCERT English Vistas Supplementary Chapter 4 यानी The Enemy Class 12 का Paragraph wise Hindi Translation दिया गया है।
[1] Dr. Sadao……………………make it”.
डॉ० सदाओ होकी का मकान जापानी बंदरगाह के उस स्थान पर था जहाँ छोटे लड़के की अवस्था में वे अक्सर खेला करते थे। वह नीचा चौकोर पत्थर का बना मकान उस संकीर्ण समुद्र-तट से काफी ऊँचाई पर चष्टानों के ऊपर था, जिसके किनारे पर झुके हुए देवदार के वृक्ष लगे थे। जब वह छोटा लड़का था तब सदाओ अपने नंगे पैरों के बल पर इन देवदारों पर चढ़ जाता था जैसे कि दक्षिणी समुद्र में उसने लोगों को नारियल के पेड़ पर चढ़ते देखा। जब वे नारियल लेने के लिए चढ़ा करते थे। उन समुद्रों के द्वीपों पर उसके पिता उसे प्रायः ले जाते थे और अपने बगल में खड़े छोटे बहादुर लड़के से यह यह कहना कभी नहीं भूलते थे, “वे सामने वाले द्वीप जापान के भविष्य की सीढ़ियाँ हैं।”
“वहाँ से हम कहाँ जायेंगे?” सदाओ ने गंभीरता से पूछा था। “कौन जाने?” उसके पिता ने उत्तर दिया था।” हमारे भविष्य को कौन सीमाओं में बांध सकता है?” यह इस पर निर्भर करता है कि हम इसे क्या बनायेंगे।
[2] Sadao…………………in Japan.
सदाओ ने इस बात को याद रखा था वैसे ही जैसे उसने अपने पिता की हर बात को याद रखा था, उसका ऐसा पिता जिसने कभी उसके साथ हँसी-मजाक नहीं किया था और न ही कोई खेल खेला था परंतु जिसने अपने इकलौते बेटे के लिए काफी कष्ट उठाये थे। सदाओं जानता था कि उसकी शिक्षा उसके पिता की सबसे बड़ी चिंता थी। इसी कारण से बाइस वर्ष की उम्र में उसे अमरीका भेज दिया गया था ताकि वह शल्य चिकित्सा और औषधि विज्ञान के बारे में वह सब कुछ सीख ले जो सीख सकता है। वह तीस वर्ष की आयु में वापस आया था, और अपनी मृत्यु से पहले उसके पिता ने सदाओं को न केवल शल्य चिकित्सक बल्कि वैज्ञानिक के रूप में प्रसिद्ध होता देख लिया था। उसे फौज के साथ विदेश नहीं भेजा गया था क्योंकि वह एक ऐसी खोज में लगा था जिससे घावों को पूरी तरह साफ किया जा सके। वह यह भी जानता था कि इस बात का कुछ खतरा था कि ऐसी स्थिति आ जाये कि बूढ़े सेनाध्यक्ष का उस बीमारी के लिए आपरेशन करने पड़े जिसका इलाज फिलहाल दवाइयों से किया जा रहा था, और इस संभावना के कारण सदाओं को जापान में रखा गया था।
[3] Clouds…………………two children.
समुद्र के बादल ऊपर उठ कर आ रहे थे। पिछले कुछ दिनों की अनपेक्षित गर्मी ने रात्रि में शीत लहरों से भारी धुंध खींच ली थी। सदाओ देख रहा था कि कोहरा तट के निकट वाले टापू की सीमा रेखाओं को छिपा कर बीच के ऊपर रेंगता हुआ घर के नीचे आ गया था और देवदार वृक्षों से लिपट गया था। कुछ ही मिनटों में धुंध घर पर भी छा जायेगी। तब वह कमरे के अंदर चला जायेगा जहाँ उसकी पत्नी हेना दो बच्चों के साथ उसकी प्रतीक्षा कर रही होगी।
[4] But at………………..possible.
लेकिन इसी क्षण दरवाजा खुला और अपने किमोनो के ऊपर गहरे नीचे रंग की हाओरी पहने हुए उसने बाहर देखा। वह प्रेम से उसके पास आयी और जहाँ वह खड़ा था वहीं अपनी बाँह उसकी बाँह में डाल दी, मुस्करायी और कुछ न बोली। वह हाना से अमरीका में मिला था पर वह उससे प्रेम करने के लिए उस समय तक इंतजार करता रहा जब तक की उसे निश्चय नहीं हो गया की वह जापानी थी। उसके पिता ने उसे कभी स्वीकार न किया होता अगर उसकी जाति शुद्ध (जापानी) न होती। वह अक्सर सोचता कि अगर वह हाना से न मिला होता तो किससे शादी करता, और क्या सौभाग्य या कि वह उससे बड़े साधारण ढंग से, शब्दशः संयोग से, एक अमरीकन प्रोफेसर के घर पर मिल गया था। प्रोफेसर और उसकी पत्नी दयालु लोग थे जो अपने थोड़े से विदेशी विद्यार्थियों के लिए कुछ करने को उत्सुक थे और विद्यार्थी, हालांकि उबाऊ होते थे, इस दयालुता को स्वीकार कर लेते थे। सदाओ अक्सर हाना को बताता था कि उस रात कैसे उसने प्रोफेसर हालें के घर जाने का विचार लगभग त्याग ही दिया था कमरे बहुत छोटे थे, खाना बहुत खराब। प्रोफेसर की पत्नी बहुत बातूनी। पर वह गया था और वहाँ पर उसे हाना मिली थी जो एक नई विद्यार्थी थी और उसने सोचा था कि अगर किंचित भी संभव हुआ तो वह उससे प्रेम करेगा।
[5] Now he…………………his arm.
अब उसने अपने बाजू पर उसके हाथ को अनुभव किया और उसे इसके कारण उत्पन्न होने वाले आनंद का अनुभव किया हालाँकि उनकी शादी हुए इतना समय तो बीत ही गया कि उनके दो बच्चे हो चुके थे। क्योंकि अमरीका के अंदर उन्होंने बिना सोचे समझे शादी नहीं की थी। उन्होंने अपना स्कूल का काम समाप्त किया और जापान में अपने घर आ गये थे जब उसके (सदाओं के) पिता ने उसे (हाना को) देखा पिता से मिले तब शादी पुराने जपानी ढंग से पक्की कर दी गयी हालांकि सदाओं और हाना ने हर बात पहले से निश्चय कर ली थी। वे पूरी तरह प्रसत्र थे। उसने अपना गाल उसके बाँह पर रख दिया।
[6] It was………………….badly torn.
ठीक उसी समय ऐसा हुआ कि उन दोनों ने कोई काली चीज धुंध से बाहर आती देखी यह एक आदमी था। उसे समुद्र के बाहर फेंक दिया गया था ऐसा लगता है जैसे किसी बड़ी लहर ने उसे फेंक दिया गया था। वह कुछ कदम लड़खड़ाते हुए चला, धुंध में उसके शरीर की रेखाएँ दिख रही थी, उसके बाजू उसके सिर के ऊपर थे। फिर घूमती हुई धुंध ने उसे पुनः ढक दिया।
“वह कौन है?” हाना चीखी। उसने सदाओ का बाँह छोड़ दिया और वे दोनों बरामदे की रेलिंग पर झुक गये। अब उन्होंने उसे फिर से देखा। वह व्यक्ति अपने हाथों और पैरों पर रेंग रहा था। फिर उन्होंने देखा कि वह चेहरे के बल गिर गया और वहीं पड़ गया।
“शायद कोई मछुआरा,” सदाओ बोला, अपनी नाव से गिर गया होगा। वह फटाफट सीढ़ियों उतरा और उसके पीछे हाना आ गयी, उसकी खुली आस्तीनें उड़ रही थीं। दोनों ओर एक दो मील की दूरी पर मछुआरों के गाँव थे पर यहाँ तो निर्जन और सुनसान तट था जिस पर खतरनाक पत्थर थे। तट से दूर फेन पर नुकीली चट्टानें थीं। यह व्यक्ति किसी तरह उनमें से निकल आया है। पर अवश्य ही बुरी तरह से घायल हो चुका होगा।
[7] They saw……………………for him.
जब वे पास आये तब उन्होंने देखा कि वास्तव में ऐसा ही था। उसके एक तरफ लगे रेत पर सोखे हुए खून का धब्बा था। “वह घायल है” सदाओ बोल पड़ा। वह जल्दी से उस व्यक्ति की ओर गया जो रेत में अपना चेहरा डाले निश्चल पड़ा था। समुद्री पानी में भीगी एक टोपी उसके सिर पर थी उसके गीले कपड़े चिथड़े हो चुके थे। सदाओ रुका, हाना उसकी बगल
में थी और उसने उस आदमी का सिर पलटा। उन्होंने उसका चेहरा देखा।
“गोरा आदमी!” हाना बुदबुदायी।
हो. यह कोई गोरा आदमी था। उसकी गीली टोपी गिर गयी और उसके गीले, पीले लंबे बाल सामने ये मानो कितने ही सप्ताहों से वे कटे नहीं थे और उसके युवा और पीड़ित चेहरे पर एक झबरी पीली दाढ़ी थी। वह बेहोश या और उन्होंने जो कुछ उसके साथ किया उसका उसे कुछ पता नहीं था।
[8] Now Sadao…………………..an end.
अब सदाओ को घाव की बाद आई और अपनी प्रवीण उंगलियों से वह उसकी खोज करने लगा। उसके छूने से खून फिर बहने लगा। सदाओ ने देखा कि उसकी कमर के दायें भाग के नीचे बंदूक की गोली का जख्म फिर खुल गया था। माँस पाउडर के कारण काला पड़ चुका था। कभी, बहुत दिन न हुए होंगे, कि इस व्यक्ति को गोली लगी थी और उसका इलाज नहीं हुआ था। यह एक बुरा संयोग था कि चट्टान घाव से टकरा गयी थी।
“अरे इसका कितना खून बह रहा है”, हाना फिर गंभीर आवाज में बुदबुदाई। अब धुंध ने उन्हें पूरी तरह ढक लिया था और दिन के समय कोई भी वहीं नहीं आता था। मछुआरे घर जा चुके थे और बीच को खंगालने वाले इक्के-दुक्के लोगों ने भी अब दिन का अंत मान लिया था।
[9] “What shall………………..man.
“हम इस आदमी का क्या करें?” सदाओ बुदबुदाया। परन्तु उसके कुशल हाथ अपनी मर्जी से चलते हुए, लगता था इस अचानक खून बहने को खून रोकने का पूरा प्रयत्न कर रहे थे। उसने बीच पर बिखरी समुद्र की एल्गी से घाव को बंद कर दिया। अपनी मूर्छा में ही आदमी कष्ट से कुछ कराहा, पर वह जागा नहीं।
“सबसे अच्छा काम तो हम यहीं कर सकते हैं कि उसे वापस समुद्र में डाल दे.” अपनी बात का उत्तर देता हुआ सदाओ बोला।”
अब क्योंकि खून का बहना, इस समय रुका हुआ था। वह खड़ा हो आया और अपने हाथों की धूल झाड़ी।
“हाँ, बेशक यह ठीक रहेगा,” हाना ने दृढ़ता से कहा। परंतु वह उस निश्चल पड़े हुए। आदमी की तरफ देखती रही।
[10] “If we………………….is wounded….”.
यदि हम अपने घर में किसी गोरे को शरण दी तो हमें गिरफ्तार किया जा सकता है और अगर हमने उसे कैदी बताकर सीप दिया तो वह निश्चित रूप से मरेगा,” सदाओ बोला।
“उसकी भलाई का सबसे बड़ा काम उसे वापस समुद्र में डालना ही हो सकता है,” हाना ने कहा। पर दोनों में से कोई नहीं हिला। विचित्र सी नफरत के साथ वह उस स्थिर शक्ल की तरफ घूर रहे थे।
“वह कौन है?” हाना बुदबुदायी।
“इसमें कुछ ऐसा है जिससे यह अमरीकन लगता है” सदाओ ने कहा। उसने फटी हुई टोपी उठाई। हाँ, वहाँ पर लगभग मिटे हुए, हल्के अक्षर थे, “एक नाविक,” किसी अमरीकन युद्ध-पोत का।” उसने अक्षरों को पढ़ा यू.एस. नेवी” यह व्यक्ति युद्धबंदी था। “यह बच निकला है. “हाना ने धीमी आवाज में कहा, “और यही कारण है कि यह घायल है।”
“पीछे से,” सदाओ सहमत था।
वे हिचकिचाये, उन्होंने एक दूसरे की ओर देखा। फिर निश्चय के साथ हाना बोली :
“सोचों, क्या हम उसे वापस समुद्र में डाल सकते हैं?”
“अगर मैं ऐसा कर सकूँ, क्या तुम कर सकोगी,” सदाओं ने पूँछा। “न”, हाना ने कहा, “पर अगर तुम अकेले यह कर सको…”
सदाओ फिर हिचकिचाया। “विचित्र बात यह है.” वह बोला “अगर वह आदमी घायल न होता तो मैं बिना किसी मुश्किल के पुलिस को सौंप देता। मुझे उसकी कोई बिंता नहीं है। वह मेरा शत्रु है। सारे अमरीकन मेरे शत्रु हैं और वह तो एक साधारण व्यक्ति है। देखो, चेहरे से वह कैसा मूर्ख लगता है। पर क्योंकि वह घायल।….’
[11] “You also………………..white silk.
“तुम भी उसे वापस समुद्र में नहीं फेंक सकते,” हना ने कहा। फिर बस एक ही काम करना है। हमें उसे घर के अंदर ले जाना होगा।” “लेकिन नौकर?” सदाओ ने पूछा।
“हमें उन लोगों को साफ-साफ बताना होगा कि हमारा इरादा उसे पुलिस को सौंपने का है जैसा कि हमें वास्तव में करना चाहिए, सदाओ। हमें अपने बच्चों के और तुम्हारी पोजीशन (सामाजिक स्थिति) के बारे में सोचना होगा। अगर हमने इस व्यक्ति को युद्धबंदी के रूप में वापस नहीं किया तो हम सब खतरे में पड़ जायेंगे।
“निश्चित रूप से” सदाओ ने सहमति दी। इसके अलावा में और कुछ सोच भी नहीं सकता था।
इस प्रकार सहमत होकर उन दोनों ने मिलकर साथ-साथ उस आदमी को उठाया। वह बहुत हल्का था, एक ऐसे पक्षी की तरह जिसे लंबे समय तक आधा पेट भोजन ही मिला हो और सिर्फ पंख और ढाँचा ही रह गया हो। अतः उसकी लटकती हुई बाँह के साथ उसे सीढ़ियों और बगल के दरवाजे से निकाल कर ले आये। यह दरवाजा एक बरामदे में खुलता था और बरामदा पार कर वे उस व्यक्ति को एक खाली पड़े शयनकक्ष में ले आये। यह शयनकक्ष सदाओ के पिता का था और उनकी मृत्यु के बाद कभी प्रयोग नहीं हुआ था। उन्होंने उस व्यक्ति को मोटे गलीचे वाले फर्श पर लिटा दिया। उस वृद्ध की खुशी के लिए यहाँ की हर वस्तु जापानी क्योंकि वह अपने घर के अंदर न तो कभी किसी विदेशी कुर्सी पर बैठा और न ही विदेशी विस्तर पर सोया। हाना दीवार में लगी अलमारियों तक गई और एक दरवाजा खोल कर एक नर्म कंबल निकाला। वह हिचकिचाई। वह कंबल रेशमी फूलों की कढ़ाई से सजा हुआ था और अस्तर शुद्ध, सफेद सिल्क का था।
[12] “He is………………..should live?”.
“वह कितना गंदा है,” उसने खीजते हुए कहा।
“बेहतर होगा कि उसे नहला दिया जाये,” सदाओ सहमत था। अगर तुम गर्म पानी ला दो तो मैं उसे नहला हूँ।
“तुम्हारा उसको छुना मुझे सहज नहीं होगा,” उसने कहा। हमें नौकरों को बताना होगा कि वह यहाँ है। मैं यूमी को अभी बताती हूँ। वह कुछ मिनटों के लिए बच्चों को छोड़ सकती है और वह उसे नहला सकती है।”
दूंगा। सदाओ ने क्षण-भर के लिए सोचा। “ऐसा ही सही”, वह सहमत था “तुम यूमी को बताओ और मैं अन्य लोगों को बता
पर उस आदमी के बेहोश चेहरे के पीलेपन ने पहले उसे झुककर उसकी नब्ज देखने की प्रेरणा दी। यह बड़ी कमजोर थी पर वह थी जरूर। उसने अपना हाथ उसकी ठंडी छाती पर रखा। दिल भी अभी तक जीवित था। “अगर उसका ऑपरेशन न किया गया तो वह मर जायेगा, “सदाओ ने सोचते हुए कहा।” सवाल तो यह है कि हर स्थिति में इसे मरना ही है।” हाना डर के मारे चीख उठीं। “उसे बचाने का प्रयत्न मत करो! अगर यह जिंदा रहा तो क्या होगा?”
[13] “What if………………..or dead.
“अगर वह मर गया तब क्या होगा? सदाओ ने उत्तर दिया। उस निश्चल पड़े व्यक्ति की ओर देखते हुए वह बोला। इस आदमी में अवश्य ही असाधारण शक्ति रही होगी वरना यह अभी तक मर जाता। पर यह बड़ा युवा भी तो था शायद अभी पच्चीस का भी नहीं।”
“आपका अभिप्राय है ऑपरेशन से मर गया तो?”
हाना ने पूछा।
“हाँ,” सदाओ ने कहा।
हाना ने इस बारे में संदेह के साथ सोचा, और जब उसने कोई उत्तर न दिया तब सदाओ ने दृष्टि दूसरी ओर कर ली।” कुछ भी हो, इसका कुछ न कुछ तो करना ही होगा,” उसने कहा, और सबसे पहले इसे नहलाना होगा।” वह शीघ्रता से कमरे के बाहर चला गया और हाना उसके पीछे-पीछे आ गयी। वह उस गोरे आदमी के साथ अकेले नहीं होना चाहती थी। अमरीका छोड़ने के बाद वह पहला ऐसा व्यक्ति था जो उसे मिला था और अब ऐसा लगता था कि इस व्यक्ति का उन लोगों से कुछ लेना-देना न था जिन्हें वह वहाँ पर रहते हुए जानती थी। यहाँ वह हाना उसका शत्रु था। एक खतरा, जीवित या मृत।
[14] She turned………………..upper lip.
वह बच्चों के कक्ष की ओर मुड़ी और आवाज लगाई, “यूमी” पर बच्चों ने उसकी आवाज सुन ली और क्षण भर के लिए उसे अंदर जाकर उनकी ओर मुस्कराना और शिशु लड़के के साथ खेलना पड़ा जो अब लगभग तीन महीने का था।
शिशु के नाजुक काले बालों के ऊपर से अपना मुँह हिलाकर इशारा किया, “यूमी मेरे साथ आओ।” “मैं शिशु को सुला देती हूँ,.” यूमी ने उत्तर दिया, वह तैयार है।”
वह यूमी के साथ नर्सरी (बच्चों का कमरा) के बगल वाले कमरे में गयी और लड़के को गोद में लिए खड़ी रही जबकि यूमी ने सोने वाले गद्दे फर्श पर बिछाये और उसके अंदर शिशु को लिटा दिया।
फिर हाना शीघ्रता से आगे-आगे चलकर, दबे पाँव (उसे) रसोई में ले आई मालिक ने जो कुछ अभी-अभी कहा था वह सुनकर दोनों नौकर डरे हुए थे। बूढ़ा माली जो घर का नौकर भी था उसने अपनी मूँछ के कुछ बात उखाड़ लिये।
[15] “The master………………..man was.
“मालिक को इस गोरे आदमी के घाव का इलाज नहीं करना चाहिए,” उसने हाना से साफ-साफ कहा। गोरे आदमी को मरना चाहिए। पहले उसे गोली लगी। फिर समुद्र ने उसे पकड़ा और अपनी चट्टानों से उसे घायल किया। अगर मालिक गोली के कृत्य का और समुद्र के अपनी चट्टानों द्वारा किए गए कृत्य का इलाज करेगा तो ये दोनों हमसे उसका बदला लेंगे। “जो कुछ तुम कहते हो, मैं उसे बता दूँगी.” हाना ने विनम्रता से कहा। पर वह स्वयं भी डरी हुई थी, हालांकि उस बूढ़े आदमी की तरह वह अंधविश्वासी नहीं थी। क्या कभी शत्रु की सहायता करना भी अच्छा हो सकता है? फिर भी उसने यूमी से कहा कि वह गर्म पानी लेकर आये और उसे उस कमरे में ले आये जहाँ गोरा आदमी था।
[16] She went………………..work.”
वह आगे बढ़ी और उसने पार्टीशन को पीछे खिसका दिया। सदाओ अभी तक वहीं नहीं आया था। पीछे आती यूमी ने अपनी लकड़ी की बाल्टी नीचे रख दी। फिर वह गोरे आदमी के पास गयी। जब उसने उसे देखा, उसके मोटे होंठ एक जिद के साथ जुड़ गये। “मैंने कभी किसी गोरे को नहीं साफ किया है, “उसने कहा, “और अब इतने गंदे आदमी को मैं बिल्कुल साफ नहीं करूंगी।”
हाना कठोरता से उस पर चीखी! “तुम वह करोगी जो तुम्हारा मालिक आज्ञा देगा।” यूमी के गोल सुर्ख चेहरे पर विरोध का ऐसा भयानक भाव था कि हाना अत्यधिक डर गयी। आखिर तब क्या होगा अगर नौकर कुछ ऐसी खबर दे जो हुआ ही नहीं था?
“ठीक है, “उसने सौम्यता से कहा।” तुम यह समझ लो हम तो केवल उसे होश में लाना चाहते हैं हैं ताकि एक युद्धबंदी के के रूप ने कहा, “मैं एक गरीब व्यक्ति हूँ और यह मेरा काम नहीं है।” में हम उसे सौंप सकें। “मेरा इससे कोई सरोकार न होगा”, यूमी ने
“तब कृपया”, हाना ने सौम्यता से कहा,” अपने काम पर लौटिए।”
[17] At once………………..a child.
यूमी तुरंत ही कमरे से निकल गई। पर अब हाना कमरे में उस गोरे के साथ अकेली थी। वह शायद अकेले वहाँ रहते बड़ी डरती अगर यमी की जिद ने उसे शक्ति न दी होती।
“बेवकूफ यूमी” वह गुस्से में बुदबुदायी।” क्या यह एक आदमी के अलावा कुछ और है?” और वह भी एक लाचार घायल।”
अपनी श्रेष्ठता के विश्वास में, वह आवेग से झुकी और उन गठीले ऊनी कपड़ों के वस्बों को खोला जो गोरे को ढके हुए थे। जब उसने उसके वक्ष को नंगा कर दिया तब उसने उसे छोटी साफ तौलिया को जिसे यूभी लेकर आयी थी भाँप छोड़ते गर्म पानी में डुबोया और उसके चेहरे को सावधानी से धोया। इस व्यक्ति की चमड़ी यद्यपि मौसम की मार से खुरदरी को चुकी थी लेकिन अच्छी बनावट की थी और हल्की पीली (सुंदर) रही होगी जब वह बच्चा था।
[18] While she………………..he said.
जब वह इन बातों के बारे में सोच रही थी, हालांकि वह उस व्यक्ति के बारे में कुछ बेहतर नहीं सोच रही थी क्योंकि अब वह बच्चा न था, वह उसे साफ करती रही जब तक कि उसका ऊपरी शरीर पूरी तरफ साफ नहीं हो गया। पर उसको पलटने का साहस उसे न हुआ। सदाओ कहाँ था? अब उसका गुस्सा कम हो रहा था, और पुनः चिंतित होकर, खड़ी हो गई, अपने हाथ उसने गलत तौलिये से पोंछे। फिर उस व्यक्ति को ठंड से बचाने के लिए, उसने ऊपर कंबल डाल दिया। “सदाओ ! उसने धीमी आवाज में पुकारा।
जब उसने आवाज दी तब वह कमरे के अंदर घुसने वाला था। उसका हाथ दरवाजे पर था और अब उसने इसे खोल दिया। उसने देखा कि वह सर्जन का आपातकालीन थैला लेकर आया था और यह भी कि उसने सर्जन का कोट पहना हुआ था।
“तुमने ऑपरेशन करने का फैसला कर लिया है।” यह चिल्लायी।
“हाँ,” उसने संक्षिप्त में उत्तर दिया। उसने उसकी तरफ पीठ कर ली और एक कीटाणु रहित चादर शो-केश के लिए बने स्थान के फर्श पर बिछा दी, और इसके ऊपर अपने औजार रख दिये।
“तौलिये ले आओ,” उसने कहा।
[19] She went………………..she said.
बड़ी चिंता के साथ आज्ञा-पालन करते हुए अब वह कपड़ों की अलमारी की तरफ बढ़ी और तौलिये निकाले। फर्श पर बिछाने वाली कुछ पुरानी मैटिंग भी होनी चाहिए ताकि खून से सुंदर गलीचे खराब न हो जायें। वह पिछले बरामदे में गयी जहाँ माली मैटिंग (कालीन) के टुकड़े रखता था जिनसे वह ठंडी रातों में नाजुक झाड़ियों की रक्षा करता था, उसने गोद-भर टुकड़े उठा लिए।
पर जब वह लौटकर कमरे में गयी तो उसने देखा कि यह व्यर्थ था। उस व्यक्ति के घावों के ऊपर रखे फाहों से खून पहले ही चू रहा था और उसके नीचे पड़े कालीन को खराब कर चुका था।
“हाय, गलीचा!” वह चिल्लायी।
दी। ‘हाँ, यह खराब हो गया” सदाओ ने ऐसे जवाब दिया मानो उसे चिंता न थी।” उसे घुमाने में मेरी सहायता करो,” उसने आज्ञा
उसने (हाना ने) बिना कोई शब्द बोले उसकी (सदाओ की) आज्ञा का पालन किया और उसने (सदाओ ने) सावधानीपूर्वक उस
आदमी की पीठ (कमर) को धोना शुरू कर दिया।
यूमी उसे साफ करने को तैयार नहीं थी, उसने कहा।
“तब क्या तुमने उसे साफ किया?” बिना एक क्षण के लिए भी अपनी तेज और सही गति को रोके, सदाओ ने पूछा।
“हाँ.” वह बोली।
[20] He did………………..his work.
लगता था, उसने उसकी बात नहीं सुनी। पर जब वह काम करता होता उस समय वह उसके ध्यान मग्न होने की आदी थी। क्षण भर के लिए वह सोचने लगी कि जब तक वह उस काम में लगा है जिसे वह अत्यंत कुशलता से करता है, क्या उसके लिए इस बात का कोई महत्व था कि शरीर किसका था?
“अगर जरूरत पड़ी तो तुम्हें उसे बेहोश करना होगा, वह बोला।
“मैं?” उसने भावहीन स्वर में दोहराया।” पर मैंने यह कभी नहीं किया।”
“यह काफी आसान है,” उसने बेसब्री से कहा।
अब वह पट्टियों हटा रहा था और खून अधिक तेजी से निकलने लगा। माथे पर बंधी सर्जन की टॉर्च से उसने घाव में झांका।” “गोली अब भी अंदर है.” भावहीन स्वर से उसने कहा। “अब मुझे नहीं पता कि जख्म कितना गहरा है। अगर यह अधिक गहरा न हो तो हो सकता है कि मैं गोली निकाल लूँ।” पर खून सिर्फ ऊपर से नहीं बह रहा है। इसका खून अधिक बह चुका है।”
इस क्षण हाना अत्यधिक तनाव में दिखाई दी। उसने (सदाओ ने) आँख उठाई और देखा कि उसके चेहरे पर गंधक का रंग दिख रहा था।
बेहोश न होना, “उसने डाँटते हुए कहा। उसने अपने छानबीन करने वाले औजार नहीं छोड़े।” अगर अब मैं रुक गया तो यह आदमी बिल्कुल मर जाएगा। हाना ने अपने हाथों से अपना मुँह बन्द कर लिया, और कूदी, और दौड़कर कमरे से बाहर चली गयी। बाहर बगीचे में उसे उसके (हाना को) उल्टी करने की कोशिश करने की आवाज सुनाई पड़ी। पर वह अपने काम में लगा रहा।
[21] “It will………………..doing it.”
“अपना पेट खाली कर लेना उसके लिए बेहतर होगा,” उसने सोचा। वह यह तो वाकई भूल ही गया था कि उसने इससे पहले कभी ऑपरेशन देखा नहीं था। पर उसकी (हना की) तकलीफ और उसके पास पहुँचने की उसकी (सदाओ की) असमर्थता से उसे (सदाओं को) उस आदमी के प्रति जओ उसके चाकू के नीचे मृतक के समान पड़ा वा अधीर और क्रोधित बना दिया। “यह व्यक्ति, उसने सोचा,” कहीं कोई कारण नहीं है कि यह व्यक्ति जीवित रहे।” अनजाने ही इस विचार ने उसे कठोर
बना दिया और तेजी से काम करने लगा। वह आदमी अपने सपने में कराहा परंतु उस पर बड़बड़ाने के अतिरिक्त सदाओ ने कोई ध्यान न दिया।
“कराहो,” वह बड़बड़ाया, ‘कराहो अगर इच्छा हो। मैं यह काम अपनी खुशी के लिए नहीं कर रहा हूँ। वास्तव में, मैं नहीं जानता कि यह मैं क्यों कर रहा हूँ?”
[22] The door………………..a little.”
दरवाजा खुला और हाना वहाँ फिर खड़ी थी।
“निश्चेतक कहाँ है?” उसने स्पष्ट आवाज से पूछा।
सदाओ ने अपनी ठोड़ी से इशारा किया।” अच्छा हुआ कि तुम वापस आ गयीं,”
वह बोला, “यह आदमी हिलने लगा है।”
उसके हाथ (हाना के) में एक बोतल और कुछ रूई थी।
“पर मैं करूँ कैसे” उसने पूछा।
“बस रूई को भिगो लो और उसकी नाक के पास ले आओ,” अपनी जटिल क्रिया को एक क्षण भी रोके बिना सदाओ
ने उत्तर दिया। “जब उसका सांस रुकने-सी लगे, इसे थोड़ा दूर हटा देना।”
[23] She crouched………………..for instance.
वह युवा अमरीकन के सोते हुए चेहेर के समीप जाकर झुकी। यह कारूणिक रूप से पतला चेहरा था, उसे लगा, और होंठ मुड़े हुए थे। उसे पता हो कि न हो पर वह आदमी काष्ट में था। उसे देखकर वह सोच रही थी कि बंदियों के कष्टों के बारे में जो कहानियों कभी-कभी सुनी जाती हैं, कहीं वे सच तो नहीं। वे हल्की अफवाहों की तरह आती हैं, एक मुँह से दूसरे मुँह तक, और सदा विरोधी होती हैं। अखबारों में तो सदा यही खबर होती थी कि जहाँ भी जापानी सेना जाती है लोग अपनी आजादी की खुशी के नारे लगाते हुए, बड़ी खुशी से उनका स्वागत करते थे। पर कभी-कभी उसे जनरल टाकीमा जैसे लोगों की याद आती थी, जो घर पर बड़ी निर्दयता से अपनी पत्नी को पीटता था, हालांकि अब कोई इस बात का जिक्र नहीं करता था क्योंकि उसने मन्चूरिया की एक बड़ी लड़ाई में विजय प्राप्त की थी। अगर उस जैसे कोई व्यक्ति अपने अधीन रहने वाली औरत के प्रति इतना निर्दयी हो सकता है तो वह उदाहरण के लिए क्या इस जैसे व्यक्ति के प्रति निर्दयी नहीं हो सकता?
[24] She hoped………………..is murder.”
वह बड़ी चिंता से इच्छा करने लगी कि इस युवक को न सताया गया हो। बिल्कुल इसी क्षण उसने उसकी गर्दन पर बिल्कुल उसके कानों के नीचे लाल निशान देखा।
“वे घाव के निशान,” वह बड़बड़ायी और उसने सदाओ की ओर आँखें उठायी। परंतु उसने उत्तर नहीं दिया। इसी क्षण उसे लगा कि उसके औजार का सिरा किसी कठोर चीज से टकराया था जो खतरनाक रूप से किडनी के बिल्कुल पास था। वह अब पूरी तरह निर्विचार था। उसे केवल शुद्धतम आनंद की अनुभूति हुई। उसने बड़ी कोमलता से अपनी उन उंगुलियों से टटोला जो इस मानव शरीर के हर परमाणु से परिचित थी। शरीर विज्ञान के उसके बूढ़े अमरीकन प्रोफेसर ने वह ज्ञान देखा था।” मानव शरीर का अज्ञान सर्जन का सबसे बड़ा पाप है, श्रीमान! वर्ष प्रति वर्ष वह अपनी कक्षा में गरजा करता था” शरीर का ज्ञान ऐसा होना चाहिए जैसे उसे तुमने ही बनाया है – इससे कम कोई भी बात हत्या है।”
[25] “It is………………..he thought.
“यह पूरी तरह से गुर्दे पर नहीं है, मेरे दोस्त,” सदाओ बड़बड़ाया। उसकी आदत थी कि जब वह ऑपरेशन करते हुए स्वयं को बिल्कुल भूल जाता तो वह मरीज से धीरे-धीरे बुदबुदाता। वह सदा अपने मरीजों को ‘मेरे दोस्त’ कर कर बुलाता था और अब भी उसने वैसा ही किया, यह भूल कर कि वह उसका शत्रु था।
फिर बड़ी शीघ्र, बड़ा साफ सुथरा और बहुत ही सही चीर देकर, गोली निकाल दी गयी। वह व्यक्ति हिला पर वह अभी भी बेहोश था। फिर भी उसने कुछ अंग्रेजी शब्द बोले।
“अंतड़ी.” वह बुदबुदाया, रुक-रुक कर बोलते हुए।” उन्होंने ले ली…. मेरी अंतड़िया”
“सदाओ!” हाना ने तीखी आवाज में कहा।
“चुप,” सदाओ बोला।
वह व्यक्ति फिर चुप्पी में डूब गया, ऐसी गहरी चुप्पी कि सदाओ ने उसकी कलाई उठाई, उस स्पर्श से घृणा होने पर भी। “हाँ” नब्ज अभी चल रही थी कितनी धीमे, कितनी कमजोर मगर इतनी काफी कि अगर वह चाहें तो उसे जीवित रख सकता था, जीवन की आशा कर सकता था। “परन्तु निश्चय ही मैं नहीं चाहता कि यह व्यक्ति जीवित रहे,” उसने सोचा।
[26] “No more………………..the room.
“अब बेहोशी की दवाई बंद,” उसने हाना से कहा।
वह ऐसी तेजी से मुड़ा कि जैसे कि वह कभी रुका ही न था और फिर अपनी दवाइयों में से उसने एक छोटी शीशी निकाली और इससे इंजेक्शन की सीरिज भर ली और उसे मरीज की बायें हाथ में लगा दिया। फिर सुई नीचे रख, उसने उस व्यक्ति की कलाई फिर उठायी। उसकी उँगली के नीचे नब्ज एक दो बार फड़फड़ायी और फिर अधिक शक्तिशाली हो गई। “सारा कुछ होने के बावजूद यह व्यक्ति जीवित रहेगा, वह हाना से बोला और एक आह भरी।
नवयुवक जागा। वह इतना कमजोर और उसकी नीली आँखें इतनी डरी हुई थी। यह देखकर कि वह कहाँ है, कि हाना को लगा उसे क्षमा करना मजबूरी थी। उसने स्वयं उसकी सेवा की क्योंकि कोई नौकर उस कमरे में घुसने को तैयार न था।
[27] When she………………..me over?”
जब वह पहली बार अंदर आयी, उसने देखा कि वह अपनी क्षुद्र शक्ति को एकत्रित कर किसी डरावनी चीज के लिए तैयार था।
“डरो मत,” कोमल आवाज में उसने विनती की।
“क्या बात है… तुम अंग्रेजी बोलती हो…” वह हांफने लगा।
“मैं लंबे समय तक अमरीका में रही हूँ.” उसने उत्तर दिया।
उसने देखा कि वह उसकी बात का उत्तर देना चाहता था पर ऐसा कर न सका, और इसलिए वह झुकी और कोमलता से उसे पोसीलिन के चम्मच से खाना दिया। उसने खाया पर अनिच्छापूर्वक खाया।
“अब तुम शीघ्र ही शक्ति पा लोगे,” उसे पसंद न करते हुए और भी उसे तसल्ली देने के लिए प्रेरित होकर वह बोली।
उसने उत्तर नहीं दिया।
जब सदाओ ऑपरेशन के तीसरे दिन आया तो उसने युवक को बैठते हुए देखा, इस प्रयत्न में उसका चेहरा पीला पड़ चुका था।
“लेट-जाओ,” सदाओ चिल्लाया। ‘क्या तुम मरना चाहते हो?’
उसने उस व्यक्ति को धीरे से लेकिन शक्ति से बलपूर्वक लिटा दिया और उसका घाव देखा। “अगर तुम ऐसे काम करोगे तो तुम अपने को मार सकते हो,” उसने डांटते हुए कहा।
“तुम मेरा क्या करोगे?” लड़का बुदबुदाया। वह इस वक्त मुश्किल से सत्रह वर्ष का लगता था। “क्या तुम मुझे पुलिस को सौंप दोगे?”
[28] For a moment………………..in trouble.
क्षण भर तक सदाओ ने कोई उत्तर नहीं दिया। उसने अपना निरीक्षण पूरा किया और रेशमी रजाई उस आदमी के ऊपर खींच दी।
“मैं खुद नहीं जानता कि मैं तुम्हारे साथ क्या करूं,” वह बोला। “निस्संदेह मुझे तुम्हें पुलिस को सौंपना चाहिए। तुम युद्धबंदी हो-न, न, मुझे कुछ मत बताओ,” उसने अपना हाथ यह देखकर ऊपर उठाया कि युवक कुछ बोलने वाला था।
“जब तक मैं न पूँछु, तुम मुझे अपना नाम भी मत बताओ।” क्षण भर के लिए दोनों एक-दूसरे की ओर देखते रहे और
फिर उस युवक ने अपनी आँखें बन्द करके अपना चेहरा दीवार की ओर कर लिया।
“ठीक है.” वह बुदबुदाया। उसका चेहरा हताशा की मूर्ति था।
दरवाजे के बाहर हाना सदाओं का इंतजार कर रही थी। उसने तुरंत महसूस किया कि वह परेशान है।
[29] “Sadao,………………..hired.
“सदाओ, यूमी का कहना है कि नौकरों के ख्याल से अगर हम इस आदमी को यहाँ और छिपाये रखेंगे तो वे यहाँ नहीं रह सकते,” वह बोली।
“वह मुझे कहती है कि उन लोगों का कहना है कि तुम और मैं अमरीका में इतना समय रहे हैं कि हम अपने देशहित को सर्वोपरि रखना भूल गये हैं। उनके ख्याल से हम अमरीकनों को पसंद करते हैं।”
“यह सच नहीं है,” सदाओ ने कटु स्वर में कहा। “अमरीकन हमारे शत्रु हैं। पर मुझे यह सिखाया गया है कि जहाँ तक मेरा बस हो, मैं किसी आदमी को मरने न दूँ।”
“नौकर इस बात को नहीं समझ सकते,” चिंतित स्वर में वह बोली। “नहीं,” वह सहमत था।
लगता था कि दोनों इसके आगे कुछ नहीं कह सकते थे, और किसी तरह गृहस्थी घिसटती रही। नौकर प्रतिदिन अधिक सतर्क होते गये। ऊपरी तौर पर हमेशा की तरह सम्मान से पेश आते रहे परंतु जिस दंपति की सेवा के लिए उन्हें रखा गया था, उसके प्रति उनकी आँखो में निरूत्साह (ठंडक) था।
[30] It is………………..of it.
यह साफ है कि हमारे मालिक को क्या करना चाहिये.” एक प्रातः बूड़े माली ने कहा। वह सारा जीवन फूलों पर काम करता रहा है और काई के बारे में उसे विशेषज्ञता भी हासिल थी। सदाओ के पिता के लिए उसने जापान के सुन्दरतम काई बागान में से एक बनाकर दिया था, उसके चमकदार हरे गलीचे पर वह लगातार इराडू लगाता रहता था ताकि देवदार की कोई नुकीली पत्ती उसके मखमल को खराब न कर दे। “मेरे पुराने मालिक का बेटा अच्छी तरह जानता है कि उसे क्या करना चाहिए,” किसी झाड़ी से एक कली चुनते हुए यह अब बोला “जब वह व्यक्ति मौत के इतने करीब था तब उसने क्यों नहीं उसका खून बह जाने दिया?” इस युवा-मालिक को अपना जीवन बचाने की योग्यता पर इतना गर्व है कि वह किसी जीवन को भी बचायेगा।” रसोईन तिरस्कारपूर्ण स्वर में बोली। उसने एक पंक्षी की गर्दन निपुणता से तोड़ी और उस तड़पती हुई चिड़िया को पकड़े रही और उसका खून बिस्तेरिया लता की जड़ों में बहा दिया। खून सबसे अच्छा उर्वरक है और बूड़े माली ने उसकी एक बूँद भी उसे व्यर्थ नहीं करने दी।
[31] “It is………………..prisoner.
“बच्चे हैं जिनके बारे में हमें सोचना ही होगा,” यूमी ने दुःख के साथ कहा। “अगर उनके पिता को गद्दार करार दिया तो इनका क्या होगा?” जो कुछ वे कह रहे थे उसे उन्होंने हाना के कानों से बचाने की कोशिश नहीं की क्योंकि वह पास ही बरामदे में दिन के लिए फूल सजा रही थी और वह जानती थी कि उनका उद्देश्य उसे सुनाना था। अपने अस्तित्व के अधिकांशभाग में उसे उनके सही होने का बोध था। परंतु उसका एक दूसरा भाग भी था जिसे वह स्वयं नहीं समझती थी। यह कैदी के प्रति भावुकतापूर्ण आकर्षण न था। वह उसे एक कैदी मान रही थी।
[32] She had………………..into it.
कल भी उसे उस समय वह अच्छा ना लगा जब वह अपने आवेग भरे ढंग में उसने कहा था, “जो भी हो” मैं आपको बता दूँ कि मेरा नाम टॉम है।” उसने केवल भावनाहीन सा अपना सिर हिला दिया था। उसने उसकी आँखों में पीड़ा देखी थी पर वह उस पर मरहम लगाना नहीं चाहती थी। वास्तव में वह इस घर में बड़ी मुसीबत में था।
जहाँ तक सदाओं की बात है, वही प्रतिदिन धाव का ध्यान से निरीक्षण करता रहा। आखिरी टांके भी आज सुबह निकाल दिए गए, और नवयुवक पंद्रह दिन में लगभग पहले की तरह ही स्वस्थ हो जायेगा। सदाओ वापस अपने ऑफिस में गया और सावधानीपूर्वक पुलिस प्रमुख को एक पत्र लिखा जिसमें सारी बात की जानकारी दी गई।” इक्कीस फरवरी के दिन एक भागा हुआ कैदी समुद्र की लहरों के साथ मेरे घर के सामने वाले समुद्र तट पर बह कर आ गया।” इतना उसने टाइप किया और फिर उसने अपनी डेक्स की गुप्त दराज खोली और अपूर्ण रिपोर्ट उसमें रख दी।
[33] On the………………..to Hana.
इस घटना के सात दिन बाद, दो बातें हुई। सवेरे सवेरे अपने सारे सामान को दो बड़ी चौकोर चादरों में बाँधकर, नौकर एक साथ चले गये। सुबह जब हाना जागी तो सारा घर ऐसा ही पड़ा था, घर की सफाई नहीं हुई थी, खाना तैयार नहीं किया गया था और वह इन बातों का मतलब समझती थी। वह निराश और यहाँ तक की आतंकित भी थी, पर घर की मालकिन होने का दर्प उसे ऐसा प्रकट करने नहीं देता था। इसके बजाय जब वे लोग रसोईघर में उसके सामने उपस्थित हुए तो उसने कृपापूर्वक अपनी गर्दन हिलायी; और उसने उन्हें उनके पैसे दिए और उन्होंने उसकी जो सेवा की थी उसका धन्यवाद किया। वे रो रहे थे लेकिन वह नहीं रोयी। रसोईन और माली सदाओ की सेवा में तब से वे जब वह अपने पिता के घर में छोटा सा लड़का था और यूमी बच्चों के कारण रोयी। वह इतनी दुःखी हो रही थी कि जाने के बाद वह वापस दौड़कर कर हाना के पास आयी।
[34] “If the………………..brusquely.
“यदि बच्चा आज रात मुझे ज्यादा याद करे तो मुझे बुला लेना। मैं अपने ही घर जा रही हूँ और आपको पता है यह कहाँ है।”
“धन्यवाद.” हाना ने मुस्कराते हुए कहा पर अपने मन में उसने स्वयं से कहा कि बच्चा चाहे जितना रोये वह यूमी को नहीं बुलायेगी।
उसने नाश्ता तैयार किया और सदाओ ने बच्चे संभालने में मदद की। दोनों में से किसी ने नौकरों को लेकर इससे अधिक चर्चा नहीं की कि वे छोड़ गये हैं। पर सवेरे का भोजन कैदी को पहुँचाने के बाद, हाना सदाओं के पास वापस आयी।
“ऐसा क्यों है कि हम अपने कर्तव्य को साफ-साफ नहीं देख सकते हैं?” उसने उससे पूछा। “यहाँ तक कि नौकर भी हमारी अपेक्षा स्पष्ट देख सकते हैं। हम दूसरे जापानियों से अलग क्यों हैं?”
सदाओं ने उत्तर नहीं दिया। परंतु कुछ देर बाद वह उस कमरे में गया जहाँ कैदी था और जल्दी-जल्दी और कठोरता से बोला।
[35] Today………………..not ask.
“आज तुम अपने पैरों पर खड़े हो सकते हो। मैं चाहता हूँ कि तुम एक बार में केवल पाँच मिनट ही खड़े हो कल तुम इस प्रयत्न को दुगुना कर सकते हो। अच्छा हो कि तुम अपनी शक्ति जितनी जल्दी हो सके प्राप्त कर लो।”
उसके उस युवा चेहरे पर आतंक की झलक थी जो अभी भी बहुत पीला था। “ठीक है, “लड़का बुदबुदाया। स्पष्टतः उसने कुछ और कहने का निश्चय लिया था। मेरा ख्याल है डाक्टर, मेरी जान बचाने के लिए मुझे तुम्हारा धन्यवाद करना चाहिए। “मुझे धन्यवाद देने में अधिक जल्दी न करो,” सदाओं ने ठंडे स्वर में कहा।
उसने लड़के की आँखों में पुनः आतंक की झलक देखी इतना साफ आतंक जैसा जानवर का होता है। क्षण भर के लिए उसके गले के चिह्न गहरे लाल हो गये। वे धब्बे। वे क्या थे? सदाओ ने नहीं पूछा।
[36] In the………………..from work.
तीसरे पहर दूसरी बात घटित हो गई। किसी असामान्य श्रम पर मेहनत से जुटी हाना ने एक संदेशवाहक को सरकारी वर्दी में दरवाजे पर आता देखा। उसके हाथ कमजोर पड़ गये और वह सांस न ले सकी। अवश्य ही नौकरों ने पहले ही बता दिया है। वह हाँफती हुई सदाओ की ओर भागी, कोई शब्द वह न बोल सकती थी। पर तब संदेहवाहक उसके पीछे-पीछे बगीचे तक आ चुका था और वहाँ खड़ा था। लाचार होकर उसने उसकी ओर संकेत किया।
सदाओं ने पुस्तक से अपनी नजरें उठाई वह ऑफिस में था, जिसका दूसरा हिस्सा दक्षिण से आती हुई धूप के लिए बगीचे में खुलता था।
“क्या बात है?” उसने संदेहवाहक से पूछा और फिर उस आदमी की वदीं देखकर वह खड़ा हो गया।
“आपको महल में आना है,” वह आदमी बोला।” बूढ़े जनरल साहब को फिर से दर्द हो रहा है।”
“ओह,” हाना ने साँस ली.” बस इतना ही?”
“बस?” संदेशवाहक बोला, “क्या यह काफी नहीं है?”
“बिल्कुल काफी है,” वह बोली। “मुझे क्षमा करें।”
जब सदाओ “विया” कहने के लिए आया, वह रसाई में थी पर कर कुछ नहीं रही थी। बच्चे सो रहे थे और वह क्षण भर के लिए सिर्फ आराम करने बैठी थी, काम की अपेक्षा अपने डर से ज्यादा थकी हुई थी।
[37] I thought………………..my operation?”
” मैंने सोचा वे तुम्हें पकड़ने आये हैं.” वह बोली।
उसने उसकी चिंतित आँखों में ध्यान से देखा।” तुम्हारी खातिर मुझे इस आदमी से छुटकारा पाना ही होगा,” वह परेशानी से बोला।” किसी न किसी तरह मुझे उससे छुटकारा लेना होगा।”
‘निसंदेह, जनरल ने कमजोर स्वर में कहा, “मैं पूरी तरह समझता हूँ। पर ऐसा इसलिए है कि मैंने एक बार प्रिंसटन से एक डिग्री ली थी। बहुत कम जापानियों ने ली है।” साहब, मुझे इस आदमी की कोई चिंता नहीं है, “सदाओ बोला, लेकिन इतनी सफलता पूर्वक उसका ऑपरेशन करने के बाद…”
“हाँ, हाँ, जनरल बोला।” इससे तो मुझे यही अहसास होता है कि तुम मेरे लिए और भी आवश्यक हो।” साफ है कि तुम किसी को भी बचा सकते हो-तुम बहुत निपुण हो। तुम कहते हो तुम्हारा ख्याल है कि जैसा अटैक मुझे आज हुआ था वैसा में एक और सह सकता हूँ?”
“एक से ज्यादा नहीं, सदाओ बोला।
“तब निश्चय ही में तुम्हें कुछ नहीं होने दे सकता,” जनरल ने चिंता से कहा। उसका लंबा पीला जापानी चेहरा भावशून्य हो गया जिसका अर्थ था कि वह गहरे विचारों में डूबा था। “तुम्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता,” अपनी आँखें बंद करता हुआ जनरल बोला। “मान लो कि तुम्हें मौत की सजा हो जाये और अगले दिन मेरा ऑपरेशन होना है।
[38] “There are………………..irritably.
” और भी सर्जन हैं, साहब, सदाओ ने सुझाया।
मैं किसी पर भरोसा नहीं करता,” जनरल ने जवाब दिया। सर्वोत्तम वे हैं जो जर्मनी में पड़े हैं और अगर मैं मर भी गया तो वे ऑपरेशन को सफल मानेंगे। उनके दृष्टिकोण की मुझे चिंता नहीं है।” उसने आह भरी। “यह दुःखद लगता है क्यों हम जर्मन निर्ममता को अमरीकन भावुकता से नहीं जोड़ पाते। तब तुम अपने कैदियों को मौत दे सकते और फिर भी मैं विश्वास कर लेता कि मेरी बेहोशी में भी तुम मेरी हत्या नहीं करोगे। जनरल हंसा। उसमें हास्य की असाधारण समझ थी। “एक जापानी के रूप में क्या तुम इन दोनों तत्वों को जोड़ नहीं सकते?” उसने पूछा। सदाओ मुस्कराया। “मैं पूरे विश्वास से नहीं कह सकता.” पर श्रीमान् आपकी खातिर मैं कोशिश करने को तैयार हूँ।”
जनरल ने अपना सिर हिलाया। “मैं परीक्षा की वस्तु नहीं बनना चाहता”, यह बोला। पूरे दक्षिणी सागर पर होने वाली बार-बार की विजय ने उसके ऊपर बहुत सी जिम्मेदारियाँ ला दी हैं और उसे अचानक कमजोरी और जीवन की चिंताओं से पराजय की अनुभूति हुई। “यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि यह आदमी लहरों के द्वारा तुम्हारे दरवाजे पर आ गिरा,” उसने दुःखी स्वर में कहा।
[39] “I feel………………..body.”
“मुझे भी ऐसा ही लगता है.” सदाओ ने नम्रता से कहा।
“सबसे अच्छा तो यह हो कि चुपचाप मार दिया जाये.” जनरल बोला। “तुम्हारे द्वारा नहीं बल्कि किसी ऐसे व्यक्ति के द्वारा जो उसे जानता न हो। मान लो, उनमें से दो को मैं आज रात या बेहतर हो किसी भी रात भेज दूँ। तुम्हें इस बारे में कुछ जानने की आवश्यकता नहीं है। अब मौसम गर्म है- इसमें अधिक स्वाभाविक और क्या होगा कि तुम उस गोरे के कमरे का बगीचे में खुलने वाला दरवाजा, जब वह सो रहा हो तब खुला रखो ?”
“निश्चित रूप से यह बड़ा स्वाभाविक होगा,” सदाओ सहमत था। वास्तव में हर रात यह इसी तरह खुला रखा जाता है।”
“बहुत अच्छे,” जनरल जम्हाई लेता हुआ बोला। वे बड़े समर्थ (काबिल) हत्यारे हैं वे – कोई शोर नहीं करते और उन्हें बिना खून बहाये हत्या करना भी आता है। अगर तुम चाहो तो मैं उनसे शरीर को भी वहाँ से ले जाने के लिए कह सकता हूँ।”
[40] Sadao considered………………..room?”
सदाओ ने सोचा। “श्रीमान, यह शायद सबसे अच्छा होगा.” हाना के बारे में सोचता हुआ वह सहमत था।
तब जनरल को छोड़कर वह घर चला गया और योजना के बारे में सोचता रहा। इस प्रकार वह सारे मामले में मुक्त हो गायेगा। वह हना को कुछ नहीं बतायेगा क्योंकि वह घर में हत्यारों के होने की बात पर कमजोर पड़ जायेगी और फिर भी ऐसे लोग तानाशाही राज्य में आवश्यक होते हैं जैसे कि जापान था। वरना शासक उन लोगों से कैसे निपटे जो उनके विरोधी थे? अपने बुद्धि के अतिरिक्त अपने मस्तिष्क के वातावरण में किसी अन्य बात को प्रवेश करने की अनुमति न दी थी जब वह उस कमरे में घुसा जहाँ अमरीकन सोया हुआ था। पर जब उसने दरवाजा खोला तो उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि वह नौजवान जागा हुआ था और बगीचे में जाने की तैयारी कर रहा था।
“यह क्या हो रहा है।” यह बोल पड़ा, “तुम्हें कमरे से बाहर निकलने की अनुमति किसने दी?”
[41] “I’m not………………..war.”
टॉम ने खुश होकर कहा, “मुझे इजाजत की प्रतीक्षा करने की आदत नहीं है” “गोश, मैं फिर से काफी अच्छा अनुभव कर रहा हूँ। किंतु क्या इस तरफ की मांसपेशियाँ सदा सख्त ही रहेंगी।”
“क्या यह बात है?” सदाओ ने पूछा हैरान होकर। वह और सब कुछ भूल गया। “अब मेरा ख्याल था कि मैंने उसका इंतजाम कर दिया था.” वह बुदबुदाया। उसने उस व्यक्ति की कमीज का सिरा उठाया और ठीक होते हुए दाग की तरफ देखा।” मालिश शायद इसे ठीक कर दे.” वह बोला, “अगर व्यायाम से काम न हो सके।”
“इससे मुझे अधिक परेशानी न होगी.” नवयुवक बोला। छोटी घनी पीली दाढ़ी में नीचे उसका चेहरा पतला नजर आ रहा था “सुनो” डाक्टर, एक बात है जो मैं आपसे कहना चाहता हूँ। अगर आप जैसा कोई जापानी न मिला होता तो मैं जानता हूँ कि मैं जिंदा न होता।
सदाओ ने सिर झुकाया पर वह कुछ बोल न सका।
“निश्चित ही मैं यह जानता हूँ” टॉम जोश में कहता गया। उसके लंबे पतले हाथ कस कर कुर्सी को पकड़े थे, उसकी उंगलियों के गिट्टी सफेद थे।” मेरा ख्याल है कि अगर सारे जापानी आपके जैसे होते तो युद्ध न होता।
[42] “Perhaps,………………..he promised.
“शायद,” सदाओ कठिनाई से बोला, “और अब मेरे ख्याल में तुम्हारे लिए सोना बेहतर होगा।”
उसने लड़के की वापस बिस्तर में आने में मदद की और फिर सिर झुकाया।
“शुभ रात्रि,” उसने कहा।
उस रात सदाओं को ठीक से नींद न आयी। बार-बार वह जाग जाता, उसे लगता कि उसने कदमों की सरसराहट, किसी डंडी (टहनी) के टूटने की आवाज, अथवा किसी पत्थर के बगीचे में गिरने की आवाज ऐसा शोर जो वे लोग करते हैं, किसी बोझ को लेकर चलते हैं। अगली प्रातः उसने मेहमानों के कमरे में पहले जाने का बहाना बनाया। अगर अमरीकन जा चुका होता तो वह हाना को बता देता कि यह जनरल के इशारे पर हुआ है। पर जब उसने दरवाजा खोला तो उसने तुरंत देख लिया कि तकिये के ऊपर लंबे बालों से भरा पीला सिर रखा था। वह नींद की शांत साँसों को सुन सकता था और उसने दरवाजा फिर से बंद कर दिया।
“वह सो रहा है.” उसने हाना को बताया।” इस तरह से सोने का अर्थ है कि वह लगभग ठीक हो चुका है।”
“हम उसका क्या करेंगे?” हाना ने धीमी आवाज में वह गाना दोहराया।
सदाओ ने अपना सिर हिलाया। “एक दो-दिन में मैं निश्चय कर लूँगा।” उसने वचन दिया।
[43] But certainly………………..them.
पर निश्चय ही उसने सोचा, दूसरी रात आखिरी रात होगी। उस रात तेज हवा चली और उसने झुकती शाखाओं और सीटी मारते दरवाजों की आवाजें सुनी।
हाना भी जाग गयी।” “क्या हमें नहीं जाना चाहिए और बीमार आदमी का दरवाजा बन्द नहीं करना चाहिए?” उसने पूछा नहीं,” सदाओ ने कहा। “वह अब अपना काम खुद करने के लिए सक्षम है” पर अगली सुबह अमरीकन वहाँ पर मौजूद था।
फिर निश्चित ही तीसरी रात अंतिम रात होनी चाहिए। हवा धीमी वर्षा में बदली और बगीचा चूती हुई ओरी और झरनों से बहते हुए पानी की आवाज से भरा हुआ था। सदाओं को कुछ बेहतर नींद आयी पर किसी चीज के टूटने की आवाज से जाग गया और उछल कर खड़ा हो गया। “यह क्या था?” हाना चिल्लाई। उसकी आवाज से बच्चा जाग गया और रोने लगा। “मुझे जाकर देखना होगा” पर उसने (हाना को) उसे रोके रखा और उसे हिलने नहीं दिया।
“सदाओ,” वह चीखी, “तुम्हें हुआ क्या है?”
“मत जाओ,” वह बुदबुदाया, “मत जाओ।”
उसके डर का उस पर असर पड़ा और वह हॉफती और इंतजार करती खड़ी रही। वहाँ केवल सत्राटा था। दोनों साथ-साथ बिस्तर पर वापस आ गये, बच्चा उनके बीच में था।
[44] Yet when………………..are here.”
जब सवेरे मेहमानों के कमरे का दरवाजा खोला, वह नवयुवक वहाँ था। वह बड़ा खुश था और पहले ही हाथ-मुँह धो चुका था और अब अपने पैरों पर खड़ा था। कल उसने एक रेजर माँगा था और अपनी दाढ़ी बनाई और आज उसके गालों पर हल्की लाली थी।
“मैं ठीक है,” उसने प्रसन्नतापूर्वक कहा।
सदाओ ने अपने थके हुए शरीर पर अपना किमोनो पहना। अचानक उसने फैसला किया की वह एक और रात नहीं गुजार सकता। ऐसा नहीं था कि उसे युवक की जान की कोई चिंता थी। न ‘बस’ यह कष्ट उठाने के लायक नहीं था। “तुम स्वस्थ हो, “सदाओ सहमत था। उसने अपनी आवाज नीची की। तुम इतने स्वस्थ हो कि मेरा ख्याल है अगर आज रातः मैं अपनी नाव समुद्र तट ले जाऊँ इसमें भोजन और फालतू कपड़े रख दूँ तो तुम शायद उस छोटे द्वीप तक जा सकते हो जो तट से अधिक दूर नहीं है। यह तट के इतना निकट है कि इसकी रक्षा के योग्य नहीं माना गया है। इसमें कोई रहता नहीं है क्योंकि तूफान में यह डूब जाता है। पर यह मौसम तूफान का नहीं है। तुम वहाँ तब तक रह सकते हो जब तक तुम्हें कोरियन मछली पकड़ने वाली नौका गुजरती न दिखे। वे द्वीप के काफी पास से गुजरती है क्योंकि वहाँ पानी काफी गहरा है।”
नवयुवक उसको घूरता रहा, धीरे-धीरे समझता रहा,” क्या मुझे ऐसा करना ही पड़ेगा?” उसने पूछा।
“मेरा ख्याल ऐसा ही है, “सदाओ ने सज्जनतापूर्वक कहा,” तुम समझते हो तुम्हारा यहाँ होना छिपा हुआ नहीं है।”
[45] The young………………..him so.”
पूरी समझ के साथ युवक ने सिर हित्ताया। “ठीक है,” उसने सपाट स्वर में कहा।
शाम तक सदाओ उससे फिर नहीं मिला। जैसे ही अंधेरा हुआ, वह अपनी मजबूत नाव को खींचकर तट तक ले आया और उसमें भोजन और वह बोतलबंद पानी रखा जो वह गुप्त रूप से दिन में खरीद लाया था, साथ ही वे दो कंबल भी जो उसने किसी साहूकार से खरीदे थे। नाव को उसने समुद्र में एक खंभे से बांध दिया क्योंकि लहरें ऊंबी थी। आकाश में चाँद न था और वह बिना टार्च के काम करता रहा।
घर वापस आकार उसने ऐसे प्रवेश किया मानो वह अभी अपने ऑफिस से आया हो और इसलिए हाना को कुछ पता न लगा। “आज यूभी आयी थी, रात्रि का अंतिम भोजन उसे परोसते हुए उसने कहा। यद्यपि वह इतनी आधुनिक थी, फिर भी वह उसके साथ न खाती थी। “यूमी बच्चे से लिपट कर रोयी,” आह भर कर वह गयी।” वह उसे बड़ा याद करती है।”
[46] “The servants………………..called.
जैसे ही विदेशी जायेगा नौकर आ जायेंगे,” सदाओ ने कहा।
उस दिन सीने से पहले वह मेहमान के कमरे में गया और ध्यानपूर्वक अमरीकन का तापक्रम चेक किया, घाव का हाल देखा, और उसका दिल और नब्ज देखी। नब्ज अनियमित थी पर यह शायद उत्तेजना के कारण था। युवक के पीले ओठ कस कर बंद थे और उसकी आँखें जल रही थीं। केवल उसकी गर्दन के धब्बे लाल थे।
“मैं समझता हूँ कि आप फिर से मेरा जीवन बचा रहे हो” उसने सदाओं से कहा।
“बिल्कुल नहीं, सदाओं ने कहा।” बस अब तुम्हें यहाँ और रखना असुविधाजनक है।”
वह बहुत हिचकिचाया था, उस व्यक्ति को एक टार्च देते हुए। पर आखिर में उसको वह देने का निश्चय कर लिया। यह उसकी अपनी छोटी-सी चीज थी जिसे वह रात्रि में उपयोग करता था जब उसे बुलाया जाता था।
[47] “If your………………..he slept.
“यदि किसी नाव के मिलने से पहले तुम्हारा खाना खत्म हो जाये,” वह बोला, “मुझे टार्च दो बार जलाकर उस क्षण इशारा करना जब सूर्य क्षितिज में डूबने वाला हो।” अंधेरे में कोई इशारा न करना, क्योंकि उसे देख लिया जायेगा। अगर तुम ठीक-ठाक हो लेकिन वहीं पर हो, तब मुझे एक इशारा करना। तुम ताजी मछली आसानी से पकड़ सकोगे पर तुम उन्हें कच्चा ही खाना। आग दिखाई दे जायेगी।
“ठीक है,” युवक ने सांस ली।
इस समय वह वे जापानी कपड़े पहने था जो सदाओ ने उसे दिये थे, और आखिरी क्षण सदाओ ने एक काला कपड़ा
उसके पीले सिर पर बाँध दिया।
“अब, सदाओ ने कहा।
युवा अमरीकन ने बिना कुछ बोले सदाओ का हाथ गर्मजोशी से मिलाया, और फिर फर्श पर चलता हुआ वैसे ही सीढ़ियों नीचे उतरकर बगीचे के अंधेरे में खो गया। एक बार दूसरी बार…. सदाओं ने रास्ता देखने के लिए उसकी टार्च का फ्लैश देखा। पर इस पर कोई शक नहीं करेगा। वह प्रतीक्षा करता रहा जब तक कि किनारे से एक और फ्लैश दिखाई दिया। फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया। उस रात उसे नींद आयी।”
[48] “You say………………..for you”?
“तुम कहते हो कि वह आदमी भाग गया?” जनरल ने कमजोर आवाज में कहा। उसका एक सप्ताह पहले ऑपरेशन हुआ था. यह एक आपातकालीन ऑपरेशन था जिसके लिए सदाओ को रात में बुलाया गया था। बारह घंटों तक सदाओ को निश्चय नहीं था कि जनरल बचेगा या नहीं। पित्ताशय काफी बिगड़ा हुआ था। फिर बूढ़ा व्यक्ति गहरी साँस लेने लगा और भोजन माँग रहा था। सदाओ हत्यारों के बारे में पूछ नहीं सका था। जहाँ तक उसे पता था वे कभी आये ही नहीं थे। नौकर लौट आये थे और यूमी ने मेहमान खाना पूरी तरह साफ कर दिया था और गोरे की गन्ध निकालने के लिए उसमें गंधक जलायी थी। कोई कुछ नहीं बोला था। केवल माली क्रुद्ध था क्योंकि उसे क्रिसेन्थेमम रोपने में देर हो गयी थी। पर एक सप्ताह के बाद सदाओ को लगा की जनरल अब इस हालत में था कि उसके कैदी के बारे में बात की जा सके।
“हाँ, साहिब, वह बच निकला,” सदाओ अब बोला। वह खाँसने लगा जिसका अर्थ था कि उसने अभी सब कुछ नहीं कहा था जो वह कहना चाहता था, परंतु वह अभी जनरल साहिब को और तकलीफ नहीं देना चाहता था। परंतु उस वृद्ध व्यक्ति ने अचानक ही अपनी आँखें खोली।
“वह कैदी,” उसने कुछ जोश से कहा,” क्या मैंने तुमसे वायदा नहीं किया कि मैं तुम्हारी खातिर उसे मार दूँगा?”
[49] “You did………………..rewarded.”
“आपने अवश्य किया साहिब,” सदाओ ने कहा।
“ठीक-ठीक!” बूढ़े ने आश्चर्य के स्वर में कहा, “मैंने यही कहा था!” पर देखो न, मैं कष्ट में था। सच तो यह है कि मैं अपने अलावा कुछ सोच ही नहीं रहा था, मैं तुम्हें दिया गया अपना वचन भूल गया।”
“मैंने सोचा, साहिब” सदाओ बुदबुदाया।
“यह निश्चय ही मेरी लापरवाही थी,” जनरल बोला। परंतु तुम जानते हो इसका कारण न तो देशभक्ति की कमी थी और न ही कर्तव्य की अवहेलना।” उसने चिंता के साथ अपने डाक्टर की ओर देखा। “अगर यह बात निकले तब तुम इस बात को समझोगे न, नहीं क्या?”
“निश्चय ही, साहब, “सदाओ ने कहा।” अचानक उसकी समझ में आया कि जनरल उसकी मुट्ठी में है और इसके परिणामस्वरूप वह पूरी तरह सुरक्षित है। “साहिब,” में आपकी निष्ठा की कसम खा सकता हूँ, वह बूढ़े जनरल से बोला, “और दुश्मन के विरुद्ध आपके उत्साह की।”
“तुम अच्छे व्यक्ति हो.” जनरल ने बुदबुदाते हुए अपनी आँखें बंद कर ली, “तुम्हें पुरस्कृत किया जायेगा।”
[50] But Sadao………………..kill him?”
परंतु सदाओ को उस रात पुरस्कार मिल गया, संध्या के समय समुद्र में काले धब्बे की तलाश करते हुए। गोधूलि में टार्च की कौंध नहीं हुई। अब टापू पर कोई नहीं था। उसका कैदी जा चुका था सुरक्षित, निस्संदेह, क्योंकि उसे चेतावनी दी। यी कि वह केवल कोरिया की मछली पकड़ने वाली नौका की प्रतीक्षा करे।
वह क्षण भर के लिए बरामदे में खड़ा उस समुद्र को ताकता रहा जहाँ से वह युवक गुजरी एक रात को आया था। और उसके मस्तिष्क में, यद्यपि कोई कारण न था, अन्य वे गोरे चहरे आये जिन्हें उसने जाना था वह प्रोफेसर जिसके घर पर वह हाना से मिला था, एक मूर्ख व्यक्ति था और उसकी पत्नी मूर्ख बातूनी, हालांकि उसकी इच्छा सदा दयालु होने की होती थी। उसे याद आई शरीर-विज्ञान के अपने बूढ़े अध्यापक की जो इस बात पर अमादा था कि चाकू बड़ी दयापूर्वक चलाया जाये और तब उसे अपनी मोटी और लापरवाह मकान मालकिन की याद आई।
“अमरीका में रहने के लिए मकान पाने में उसे बड़ी कठिनाई पेश आयी थी क्योंकि वह जापानी था। अमरीकन पूर्वधारणाओं से ग्रस्त थे और वहाँ रहना एक कटु अनुभव था, यह जानते हुए कि वह उनसे श्रेष्ठ था। उसे उस अज्ञानी और गंदी बूढ़ी औरत से कैसी घृणा थी जो आखिर में अपने घटिया घर में उसे रखने के लिए मान गयी थी। एक बार उसने उसके प्रति आभारी होने का प्रयत्न किया था क्योंकि उसके अंतिम वर्ष में इंफ्लूएंजा से पीड़ित होने पर उसने उसकी सेवा की थी परंतु ऐसा करना मुश्किल या क्योंकि कृपालु होने पर भी वह कम घृणित नहीं लग रही थी। अब उसे याद आया अपने कैदी का युवा परेशान (थका हुआ) चेहरा-गोरा और विकर्षित।
“विचित्र बात है,” उसने सोचा, “मुझे हैरानी है मैं उसे मार क्यों नहीं सका?”