The Rattrap Class 12 Summary & Explanation

खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट The Rattrap Class 12 Summary & Explanation में हम Class 12 NCERT English Flamingo Prose Chapter 4 यानि The Rattrap Class 12 का सारांश और लाइन बाई लाइन करके हिन्दी अनुवाद करना सीखेंगे।

About the Lesson – The Rattrap

“The Rattrap” by Selma Lagerlöf is a short story that revolves around the metaphor of life as a rattrap, which tempts human beings with material comforts and pleasures, only to trap them later. The story highlights human greed, loneliness, and the power of kindness and compassion to bring about transformation. It follows a poor peddler who makes and sells rattraps, indulges in petty theft, and later realises the significance of goodness when treated with respect and hospitality by Edla Willmansson.

About the Lesson in Hindi

सेल्मा लेगरलोफ़ की “द रैट्रैप” एक लघुकथा है जो जीवन को एक चूहेदानी के रूप में दर्शाती है, जो मनुष्यों को भौतिक सुख-सुविधाओं का लालच देती है, और बाद में उन्हें फँसा लेती है। यह कहानी मानवीय लालच, अकेलेपन और परिवर्तन लाने वाली दया व करुणा की शक्ति पर प्रकाश डालती है। यह एक गरीब फेरीवाले की कहानी है जो चूहेदानी बनाता और बेचता है, छोटी-मोटी चोरी करता है, और बाद में एडला विलमैनसन द्वारा सम्मान और आतिथ्य के साथ व्यवहार किए जाने पर उसे अच्छाई के महत्व का एहसास होता है।


About the Author – Selma Lagerlof

Selma Lagerlöf (1858–1940) was a Swedish author and the first woman to win the Nobel Prize in Literature in 1909. Her stories often carry a universal theme of faith in the essential goodness of human beings, which can be awakened through love and understanding. “The Rattrap” reflects this belief and is written in the style of a fairy tale, set in Sweden’s ironworks region.

About the Author in Hindi

सेल्मा लेगरलोफ़ (1858-1940) एक स्वीडिश लेखिका और 1909 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला थीं। उनकी कहानियाँ अक्सर मनुष्य की मूल अच्छाई में विश्वास के सार्वभौमिक विषय को लेकर चलती हैं, जिसे प्रेम और समझ के माध्यम से जागृत किया जा सकता है। “द रैट्रैप” इसी विश्वास को दर्शाता है और स्वीडन के लौह-क्षेत्र में एक परीकथा की शैली में रचित है।


Summary of The Rattrap

The story begins with a vagabond who survives by selling small rattraps, begging, and stealing. One day, he imagines the world as a giant rattrap, where wealth and pleasures are baits to trap people. He receives hospitality from a lonely crofter, who shows him thirty kronor he earned by selling milk. Tempted, the peddler steals the money and flees into a forest, where he gets lost and feels trapped like a rat. He reaches an ironworks where the ironmaster mistakes him for an old friend and invites him home. Initially refusing, he agrees after Edla Willmansson, the ironmaster’s daughter, persuades him. She treats him with kindness, making him feel respected. The next day, when the truth is revealed, Edla insists on letting him stay for Christmas. Moved by her generosity, the peddler decides to change his ways. He leaves a rattrap as a gift with a note and the stolen money, calling himself “Captain von Stahle,” signifying his redemption.

Hindi Summary of The Rattrap

कहानी एक आवारा व्यक्ति से शुरू होती है जो छोटे-छोटे चूहेदान बेचकर, भीख माँगकर और चोरी करके गुज़ारा करता है। एक दिन, वह दुनिया को एक विशाल चूहेदान के रूप में देखता है, जहाँ धन और सुख लोगों को फँसाने के लिए चारा हैं। उसे एक अकेले काश्तकार का आतिथ्य मिलता है, जो उसे दूध बेचकर कमाए गए तीस क्रोनर दिखाता है। लालच में आकर, फेरीवाला पैसे चुरा लेता है और एक जंगल में भाग जाता है, जहाँ वह खो जाता है और खुद को चूहे की तरह फँसा हुआ महसूस करता है। वह एक लौह-कारखाने में पहुँचता है जहाँ लौह-स्वामी उसे अपना पुराना दोस्त समझकर अपने घर बुलाता है। शुरुआत में मना करने के बाद, लौह-स्वामी की बेटी एडला विलमैनसन के समझाने पर वह मान जाता है। वह उसके साथ दयालुता से पेश आती है, जिससे उसे सम्मान का एहसास होता है। अगले दिन, जब सच्चाई सामने आती है, तो एडला उसे क्रिसमस तक रुकने देने पर ज़ोर देती है। उसकी उदारता से प्रभावित होकर, फेरीवाला अपना रास्ता बदलने का फैसला करता है। वह एक चूहेदानी उपहार के रूप में, एक नोट और चुराए हुए पैसे के साथ छोड़ देता है, और खुद को “कैप्टन वॉन स्टाहल” कहता है, जो उसके उद्धार का प्रतीक है।


The Rattrap Summary in English

The story “The Rattrap” by Selma Lagerlöf uses the metaphor of a rattrap to highlight the human tendency to be tempted by materialistic pleasures, which can lead to suffering.

The Peddler’s Life and Philosophy:
The story begins with a poor vagabond who made small rattraps from wire to earn a living. His business was unprofitable, so he resorted to begging and petty theft. He led a lonely, miserable life, wandering from place to place. One day, while walking along the road, he was struck by an unusual thought: the whole world was nothing but a big rattrap, set to trap people with its baits, riches, comforts, and joys. This gave him a strange sense of amusement, as he considered life unfair and harsh.

The Crofter’s Hospitality and Betrayal:
One cold evening, the peddler sought shelter at a lonely crofter’s cottage. The crofter, a generous and lonely man, welcomed him warmly, offering him food, tobacco, and company. He even showed the peddler his savings, thirty kronor earned by selling cow’s milk, to prove how well his cow supported him. The next day, after leaving, the peddler returned, smashed the window, stole the thirty kronor, and fled.

Lost in the Forest – Trapped Like a Rat:
After stealing, he avoided the main road and entered a dense forest to escape. However, he soon realised he had lost his way and was walking in circles. In despair, he recalled his own metaphor of the world as a rattrap and felt that he himself had been trapped by greed.

At the Ironworks – Mistaken Identity:
Hearing hammering sounds, he reached Ramsjö Ironworks for shelter. The blacksmith allowed him to stay without question. Later, the ironmaster arrived for inspection and mistook the peddler for an old regimental friend, Captain von Stahle. The peddler did not reveal the truth, hoping to get some money. The ironmaster insisted he come home, but fearing discovery of the stolen money, he refused.

Edla’s Kindness and Invitation:
Soon, Edla Willmansson, the ironmaster’s daughter, arrived. Unlike her father, she spoke kindly and assured the stranger he could leave whenever he wished. Her compassion convinced the peddler to accept the invitation. On the way, he regretted stealing the money but felt helpless.

The Truth Revealed:
The next morning, the ironmaster realised his mistake after seeing the peddler in daylight. The peddler confessed he never claimed to be anyone else and was ready to leave. The ironmaster wanted to call the sheriff, but Edla stopped him, saying it was Christmas Eve and they should show kindness. She insisted he stay and enjoy the festival.

Transformation and Redemption:
Edla’s warmth touched the peddler deeply. He was treated with respect, given clean clothes, and allowed to rest peacefully, things he had never experienced before. The next morning, when the family returned from church, they feared the peddler had stolen silver spoons and fled. Instead, he had left behind a small rattrap containing the stolen thirty kronor and a letter for Edla. In the letter, he thanked her for treating him like a real captain and signed himself as “Captain von Stahle.” He wrote that her kindness had saved him from being caught in the rattrap of the world.

Main Message in Summary:
The story ends on a positive note, emphasising that compassion and understanding can transform even the most wayward individuals.

The Rattrap Summary in Hindi

सेल्मा लेगरलोफ़ की कहानी “द रैट्रैप” भौतिक सुखों के प्रति आकर्षित होने की मानवीय प्रवृत्ति को उजागर करने के लिए चूहेदानी के रूपक का उपयोग करती है, जो दुख का कारण बन सकती है।

द फेरीवाले का जीवन और दर्शन:
कहानी एक गरीब आवारा से शुरू होती है जो जीविका चलाने के लिए तार से छोटे-छोटे चूहेदान बनाता था। उसका व्यवसाय घाटे का था, इसलिए उसने भीख माँगना और छोटी-मोटी चोरियाँ करना शुरू कर दिया। वह एकाकी, दयनीय जीवन व्यतीत कर रहा था, जगह-जगह भटकता रहता था। एक दिन, सड़क पर चलते हुए, उसके मन में एक अजीब सा विचार आया: यह पूरी दुनिया एक बड़े चूहेदान के अलावा कुछ नहीं है, जो लोगों को अपने चारे, धन, सुख-सुविधाओं और खुशियों से फँसाने के लिए तैयार है। इससे उसे एक अजीब सा मनोरंजन मिला, क्योंकि वह जीवन को अनुचित और कठोर मानता था।

द क्रॉफ्टर का आतिथ्य और विश्वासघात:
एक ठंडी शाम, उस फेरीवाले ने एकांत में रहने वाले एक किसान की झोपड़ी में शरण ली। एक उदार और एकाकी किसान ने उसका गर्मजोशी से स्वागत किया, उसे खाना, तंबाकू और साथ दिया। उसने फेरीवाले को अपनी बचत, गाय का दूध बेचकर कमाए तीस क्रोनर भी दिखाए, यह दिखाने के लिए कि उसकी गाय उसे कितनी अच्छी तरह पालती है। अगले दिन, जाने के बाद, फेरीवाला वापस आया, खिड़की तोड़ दी, तीस क्रोनर चुरा लिए और भाग गया।

जंगल में खोया – चूहे की तरह फँसा:
चोरी करने के बाद, वह मुख्य सड़क से बचता हुआ एक घने जंगल में भागने के लिए घुस गया। हालाँकि, उसे जल्द ही एहसास हुआ कि वह रास्ता भटक गया है और चक्कर लगा रहा है। निराशा में, उसे दुनिया को चूहेदानी कहने वाला अपना ही रूपक याद आया और उसे लगा कि वह खुद लालच में फँस गया है।

लोहे के कारखाने में – गलत पहचान:
हथौड़े की आवाज़ सुनकर, वह शरण के लिए राम्सजो आयरनवर्क्स पहुँचा। लोहार ने उसे बिना किसी सवाल के रुकने दिया। बाद में, लोहार निरीक्षण के लिए आया और उसने फेरीवाले को अपने पुराने रेजिमेंटल दोस्त, कैप्टन वॉन स्टाहल समझ लिया। फेरीवाले ने पैसे पाने की उम्मीद में सच्चाई नहीं बताई। आयरनमास्टर ने उससे घर आने की ज़िद की, लेकिन चोरी हुए पैसों का पता चलने के डर से उसने मना कर दिया।

एडला की दयालुता और निमंत्रण:
जल्द ही, आयरनमास्टर की बेटी एडला विलमैनसन आ पहुँची। अपने पिता के विपरीत, उसने विनम्रता से बात की और अजनबी को आश्वासन दिया कि वह जब चाहे जा सकता है। उसकी करुणा ने फेरीवाले को निमंत्रण स्वीकार करने के लिए राज़ी कर लिया। रास्ते में, उसे पैसे चुराने का पछतावा हुआ, लेकिन वह खुद को असहाय महसूस कर रहा था।

सच्चाई का खुलासा:
अगली सुबह, फेरीवाले को दिन के उजाले में देखकर आयरनमास्टर को अपनी गलती का एहसास हुआ। फेरीवाले ने कबूल किया कि उसने कभी कोई और होने का दावा नहीं किया था और वह जाने के लिए तैयार था। आयरनमास्टर शेरिफ को बुलाना चाहता था, लेकिन एडला ने उसे यह कहकर रोक दिया कि क्रिसमस की पूर्व संध्या है और उन्हें दयालुता दिखानी चाहिए। उसने ज़ोर देकर कहा कि वह वहीं रहे और त्योहार का आनंद उठाए।

परिवर्तन और मुक्ति:
एडला की गर्मजोशी ने फेरीवाले को गहराई से छू लिया। उसके साथ सम्मान से पेश आया गया, उसे साफ़ कपड़े दिए गए और उसे शांति से आराम करने दिया गया, ऐसा उसने पहले कभी अनुभव नहीं किया था। अगली सुबह, जब परिवार चर्च से लौटा, तो उन्हें डर लगा कि फेरीवाला चाँदी के चम्मच चुराकर भाग गया है। इसके बजाय, उसने चोरी किए गए तीस क्रोनर और एडला के लिए एक पत्र वाला एक छोटा सा चूहेदानी छोड़ दिया था। पत्र में, उसने एडला को एक असली कप्तान की तरह व्यवहार करने के लिए धन्यवाद दिया और खुद को “कैप्टन वॉन स्टाहल” के रूप में हस्ताक्षरित किया। उसने लिखा कि उसकी दयालुता ने उसे दुनिया के चूहेदानी में फँसने से बचाया।

मुख्य संदेश:
कहानी एक सकारात्मक मोड़ पर समाप्त होती है, जो इस बात पर ज़ोर देती है कि करुणा और समझ सबसे भटके हुए व्यक्ति को भी बदल सकती है।


Q&A: The Rattrap Questions and Answers Up Board

Summary of all chapters of Class 12 English

The Rattrap Explanation in Hindi

नीचे Class 12 NCERT English Flamingo Prose Chapter 4 यानी The Rattrap Class 12 Paragraph wise Hindi Translation दिया गया है।

[1] Once upon………………….his eyes.

एक बार एक आदमी था जो तार की बनी छोटी चूहेदानियाँ बेचने चारों ओर जाता था। वह उन्हें दुकानों और फार्म हाऊसों से माँग कर लाए गए सामान से अपने हिसाब से स्वयं बनाता था। किन्तु फिर भी व्यापार विशेष रूप से लाभदायक नहीं था, इसलिए जीवनयापन के लिए उसे भीख माँगने तथा छोटी-मोटी चोरी करने, दोनों का ही सहारा लेना पड़ता था। फिर भी उसके कपड़े फटे पुराने होते थे, उसके गाल पिचके हुए थे और भूख उसकी आँखों में साफ झलकती हुई दिखाई पड़ती थी।

[2] No one…………………..an end.

कोई सोच भी नहीं सकता कि ऐसे घुमक्कड़ के लिए जीवन कितना दुखद और नीरस हो सकता है जो अपने ही विचारों में खोया सड़क पर चलता रहता है। परंतु एक दिन, इस आदमी को विचार आया जो उसे बहुत ही मनोरंजक लगा। स्वाभाविक रूप से वह अपनी चूहेयानियों के बारे में सोच रहा था कि अचानक उसे विचार आया कि उसके चारों ओर की पूरी दुनिया-भूषि, समुद्र, शहर और गाँव के साथ पूरी दुनिया एक बड़ी चूहेदानी के अलावा कुछ नहीं है। लोगों को ललचाने या फँसाने के लिए चारे वाली वस्तुएँ डालने के अलावा इस दुनिया का अस्तित्व और किसी उद्देश्य के लिए नहीं है। यह दुनिया संपत्ति, खुशियाँ, आश्रय, भोजन, गर्मी, वख ठीक उसी तरह देती है जजैसे चूहेबानी पनीर और सुअर का मांस पेश करती है और जैसे ही कोई (चूल्हा) भोजन के लालच में पड़कर इसे छूता है तो यह उसे बन्द कर देती है और फिर सब कुछ समाप्त हो जाता है।

[3] The world………………….bedtime.

संसार उसके लिए सचमुच कभी भी दयालु नहीं रहा था, इसलिए उसके बारे में बुरा सोचने से उसे अजीब सा सुख मिलता था। अपनी बहुत सी नीरस यात्राओं के दौरान ऐसे परिचित लोगों के बारे में सोचना उसका इच्छित मनोरंजन बन गया था जिन्होंने स्वयं को खतरनाक जाल में फैसने दिया था और दूसरे उनके बारे में जो अभी भी ललचाने वाले चारे का चक्कर लगा रहे थे।

एक अंधेरी शाम जब वह सड़क पर थकावट के कारण धीरे-धीरे जा रहा था तो उसकी नजर सड़क के किनारे स्थित एक पुराने छोटे घर पर पड़ी और उसने रात-भर का आश्रय पाने के लिए दरवाजा खटखटाया। उसे मना भी नहीं किया गया। आमतौर पर मिलने वाली दुखी चेहरों के बजाय घर का मालिक, जो बिना पत्नी और बच्चे का बूढ़ा आदमी था, अपने अकेलेपन में बातचीत करने हेतु किसी को पाकर खुश हुआ। शीघ्र उसने दलिया की हाँडी आग पर चढ़ा दी और उसे रात्रिकालीन भोजन कराया, फिर उसने अपने तंबाकू के मण्डल में से इतनी बड़ी फाँक काटकर निकाली जो अजनबी और उसकी स्वयं की दोनों की चिलम के लिए पर्याप्त थी। अंत में उसने एक पुरानी ताश की गड्डी निकाली और सोने का समय होने तक अपने मेहमान के साथ ताश का mjölis नामक खेल खेला।

[4] The old………………………pouch.

बूढ़ा आदमी बलिया और तंबाकू के प्रति जितना उयार था उतना ही उदार अपनी गुप्त बातें बताने के प्रति। अतिथि को तुरन्त ही बताया गया कि अपनी समृद्धि के दिनों में उसका मेजबान अर्थात् वह बूढ़ा आदमी रामसे लौह उद्योग की जमीन में एक कृषक था औ उसने उस भूमि पर काम किया था। अब जबकि वह दिन-भर की मजदूरी नहीं कर पाता था, उसकी गाय ही उसका सहारा थी। असाधारण थी। यह प्रतिदिन मक्खन के लिए दूध दे सकती थी और पिछले माह उसे पूरे तीस क्रोनोर भुगतान में प्राप्त हुए थे।

बुड़े व्यक्ति को अवश्य ही ऐसा लगा होगा कि वह अजनवी उसकी बात पर विश्वास नहीं कर रहा है कि उसने वास्तव में तीस कोनीर प्राप्त किए होंगे, चूड़ा व्यक्ति साड़ा हुआ और खिड़की तक गया, चमड़े का बैला उतारा जो उसी खिड़की के बाँचे में लगी एवं कौल पर लटका हुआ था और दस क्रोनोर के तीन मुड़े हुए नोट निकाले। ये नोट उसने अतिथि की आँखों के सामने जान बूझकर सिर हिलाते हुए रखे अर्थात् इस तरह पकड़े कि अतिथि को दिखाई दे जाए, और फिर उन्हें वापस थैले में ठूंस दिया।

[5] The next………………………went away.

अगले दिन दोनों आदमी अच्छी मनःस्थिति में जागे। कृषक को अपनी गाय दुहने की जल्दी थी और दूसरे आदमी ने सोचा होगा कि जब घर का मुखिया जाग चुका था तो उसे बिस्तर पर नहीं रहना चाहिए। वे एक ही समय साथ-साथ घर से निकले। कृषक ने दरवाजे पर ताला लगाया और चाबी अपने जेब में रख ली। चूहेदानी बेचने वाले आदमी ने नमस्कार किया और धन्यवाद दिया और इसके बाद दोनों अपने-अपने काम पर चले गए। किंतु आधे घण्टे बाद फेरी लगाकर चूहेदानी बेचने वाला एक बार फिर दरवाजे के सामने खड़ा था। तथापि उसने अंदर जाने की कोशिश नहीं की। वह सिर्फ खिड़की तक गया, एक काँच तोड़ा, अपना हाथ अन्दर डाला और उस बैले को पकड़ लिया जिसमें तीन क्रोनोर रखे थे। उसने पैसा लिया और अपनी जेब में डाल लिया। फिर उसने चमड़े के बैले को बड़ी सावधानी से उसके स्थान पर लटका दिया और चला गया।

[6] As he………………..never escape.

जब वह जेब में पैसा लेकर चला तो वह अपनी चतुराई पर बड़ा खुश हुआ। उसने महसूस किया कि शुरू में मुख्य सड़क पर चालते रहने की उसकी हिम्मत नहीं थी। रास्ता बदलकर उसे जंगल में जाना चाहिए। शुरू के कुछ घंटों में इससे उसे कोई परेशानी नहीं हुई। दिन में कुछ समय पश्चात ही अधिक परेशानी हो गई क्योंकि यह एक बड़ा और भ्रम में डालने वाला जंगल था जिसमें वह प्रवेश बखर गया था और फैस गया था। आश्वस्त होने के लिए उसने एक निश्चित दिशा में चलने की कोशिश की किंतु रास्ते अजीबो-गरीब तरीके से आगे-पीछे मुह रहे थे। वह चलता रहा किंतु जंगल के छोर तक न पहुँच सका और उसने महसूस किया कि वह जंगल के उसी भाग में इधर-उधर घूम रहा था। अचानक उसे संसार और चूहेदानी के बारे में अपने विचार गाव आए। अब उसकी स्वयं की बारी जी गई थी। अब वह स्वयं ही संसार रूपी चूहेदानी में फैस गया था। उसने चारे को उसको मूर्ख बनाने की अनुमति दी थी और फैस गया था। मूर्खता से फैसकर दूसरे का धन चुरा लिया था और इस प्रकार संसार के मकड़जाल में फँस गया था। पूरा जंगल अपने तनों, शाखाओं, झुरमुटों और गिरे हुए, लक्कड़ों के साथ उसे एक ऐसी दुर्गम जेल की भाँति घेर रहा था जिसमें से वह कभी भी नहीं निकल सकता था।

[7] It was………………………crates.

दिसंबर समाप्त होने को था। अंधेरा पहले ही जंगल पर छाने लगा था। इसने खतरा बढ़ा दिया और उसकी उदासी और निरासर को भी बढ़ा दिया। अंत में उसे कोई उपाय न सूझा, और यह बहुत अधिक थका हुआ था, यह सोचते हुए जमीन पर गिर गया कि उसका अंतिम समय आ गया था। लेकिन जैसे ही उसने अपना सिर जमीन पर टिकाया, उसने एक आवाज सुनी, एक जोरदार लगातार बाप थप की आवाज। इसमें कोई संदेह नहीं था कि वह क्या था। वह उठ खड़ा हुआ। यह किसी लोहे की फैक्ट्री से हथौड़े के प्रहार की ध्वनि है।” उसने सोचा, “पास में ही लोग होने चाहिए।” उसने अपनी पूरी ताकत जुटाई, खड़ा हुआ और लड़खड़ाते हुए ध्वनि की दिशा में चला। रामसे लौह उद्योग जो अब बन्द हो गया था, बोड़े समय पहले प्रगालक, बेलनी मिल और बलाईघर से युक्त एक विशाल कारखाना था। गर्मी के दिनों में पूरी तरह से भरी हुई नौकाओं की कतारें उस नहर में चलती थी। जो इस इलाके के मध्य भाग में स्थित बड़ी झील की तरफ जाती थी और सर्दी के दिनों में मिल के पास की सड़क कोयले की टोकरियों से छनकर गिरी कोयले की धूल से काली हो जाती थी।

[8] During one………………………roof.

क्रिसमस से ठीक पहले लंबी अंधेरी संध्याओं में से एक लंबी अंधेरी संध्या को मुख्य लोहार और उसका सहयोगी भट्टी के पास अधकार युक्त बलाईघर में बैठे आग में डाले हुए कच्चे लोहे को निहाई पर डालने के लिए तैयार होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। बीच-बीच में उनमें से कोई एक लंबी लोहे की छड़ से सुलगते पिण्ड को कुरेदने के लिए खड़ा होता और कुछ ही क्षणों में टपकते हुए पसीने के साथ लौटता, जैसा कि प्रथा थी, एक लंबी शर्ट और लकड़ी के जूतों के अलावा कुछ भी पहने हुए नहीं होता था।

हर समय भट्टी में कई प्रकार की ध्वनियों सुनाई दे रही थीं। बड़ी धौकनी कराहती थी और जलता हुआ कोवला चटकता था तथा बाग की देखभाल करने वाला लड़का बड़ा खड़खड़ का शोर करता हुआ बेलचे से भड्डी में कोयला शौकता था। बाहर जलप्रपाल हाइते में तेज उत्तरी हवा फर्श के ईंटों पर वर्षा के कोड़े मारती थी।

[9] It was………………………single word.

सम्भवतः इस सब शोर के कारण लोहार का ध्यान कि एक आदमी गेट खोलकर आ गया, तब तक न गया जब तक वह आदमी भट्ठी के निकट आकर खड़ा हो गया।
निश्चय ही रात के लिए किसी बेहतर आश्रयरहित गरीब घुमक्कड़ों के लिए कालिमा लगे शीशों से निकलने वाले प्रकाश की चमक के पास बलाईघर की ओर आकर्षित होना और आग के सामने तपने के लिए अंदर आना बिल्कुल ही असामान्य नहीं था। लोहे का काम करने वालों ने घुसपैठिये पर एक सरसरी और निरपेक्ष भाव से अर्थात उदासीनता से नजर डाली। वह वैसा ही दिखाई पड़ रहा था जैसा उसकी तरह के लोग दिखाई पड़ते हैं, लंबी दाढ़ी, गंदा, फटेहाल और उसके सीने पर चूहेदानियों का गुच्छा लटकता हुआ दिखा।
उसने ठहरने की अनुमत्ति माँगी और मुख्य लोहार ने उसके सम्मान में एक भी शब्द बोले बिना घमण्ड भरी स्वीकृति में सिर हिला दिया।

[10] The tramp………………………face.

घुमक्कड़ ने भी कुछ नहीं कहा। वह वहाँ बात करने के लिए नहीं वरन् तापने और सोने के लिए आया था। उन दिनों रामसे लौह उद्योग का मालिक एक बहुत प्रसिद्ध लोहे का व्यापारी था जिसकी सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा बाजार में अच्छा लोहा पहुंचाना था। वह दिन- रात यही निगरानी रखता था कि काम यथाशक्ति जितना सम्भव हो अच्छा हो और इसी समय वह बलाईघर में निरीक्षण के लिए अपने एक रात्रिकालीन दौरे पर आया था।

स्वाभाविक रूप से जो पहली चीज उसने देखी, वह लंबा घुमक्कड़ था जो भट्ठी के इतना नजदीक सरक गया था कि उसके गीले फटे कपड़े से भाप उठने लगी थी। लौह व्यापारी ने लोहारों के उदाहरण का अनुसरण नहीं किया, जिन्होंने अजनबी की ओर देखने तक की कृपा नहीं की थी। वह उसके ज्यादा पास आया, उसे ध्यान से देखा और फिर उसके चेहरे को और अच्छी तरह देखने के लिए उसने झुके टोप को हटाया।

[11] “But of………………………tramp.

परन्तु निसंदेह यह तुम हो, नील्स अलोफ”, उसने कहा। “तुम कैसे दिख रहे हो।
चूहेदानियों वाले आदमी ने रामसे के मालिक लौह व्यापारी को पहले कभी नहीं देखा था और यह भी नहीं जानता था कि उसका नाम क्या था। परन्तु उसके दिमाग में आया कि यदि वह भला आदमी सोचता है कि वह उसका कोई पुराना परिचित है तो शायद यह उसे दो क्रोनोर फेंककर दे दे। इसलिए वह उस लौह व्यापारी के भ्रम को तुरंत ही दूर नहीं करना चाहता था। हाँ, भगवान जानता है मेरे साथ बहुत बुरा हुआ है” उसने कहा।

“तुम्हें रेजीमेंट से त्यागपत्र नहीं देना चाहिए था, लौह व्यापारी ने कहा! वह गलती थी। काश उस समय भी मैं सेवा में होता, तो यह कभी-भी न होता। खैर, अब तुम मेरे साथ घर चलोगे।” जमींदार के घर पर जाना और उसके स्वामी द्वारा सेना के पुराने साथी की भाति स्वागत किया जाना हालांकि इस बात से (घुमक्कड़ खुश नहीं हुआ।

[12] “No, I………………………faster.

नहीं” मैं इसके बारे में सोच भी नहीं सकता था, उसने बिल्कुल चौकत्रा अपने को दिखाते हुए कहा। उसने तीस क्रोनोर के बारे में सोचा। जमींदार के घर जाना स्वयं को स्वेच्छा से शेर की माँद में फेंकने या डालने जैसा होगा। वह तो बस यहाँ बलाईघर (भट्टी) में सोने का और यथासंभव चुपके से खिसकने का एक मौका चाहता था। लौह व्यापारी ने समझा कि वह अपने खराब कपड़ों के कारण (शर्मिंदा या। “कृपया ऐसा न सोचें कि मेरा इतना सुन्दर घर है कि तुम वहाँ जा ही नहीं सकते, उसने कहा…. “एलीजाबेथ मर चुकी है, जैसा कि तुम पहले सुन चुके होगे। मेरे लड़के (विदेश में हैं और घर पर मैं और मेरी सबसे बड़ी बेटी के अलावा कोई नहीं है। हम अभी- अभी कह रहे थे कि बड़ी बुरी बात थी कि क्रिसमस पर हमारे साथ कोई नहीं था। अब मेरे साथ आओ और क्रिसमस के भोजन को थोड़ा और जल्दी समाप्त करने में हमारी मदद करो।”

[13] But the……………………he himself.

किंतु अजनबी चार-बार मना करता रहा और लौह व्यापारी को लगा कि उसे हार मान लेनी चाहिए अर्थात् उससे चलने की जिद नहीं करनी चाहिए।

ऐसा लगता है मानो कैप्टन वॉन स्टेल ने आपके साथ आज रात ठहरना पसंद किया, स्तेनस्वोम (एक उपनाम), उसने मुख्य लोहार से कहा और पीछे की ओर घूम गया। किंतु जाते-जाते वह अपने आप हंसा और लोहार जो उसे जानता ना अच्छी तरह समझ गया कि यह अपनी अंतिम बात नहीं कह चुका था। आधे घण्टे से कम समय में ही जलाईधर (भट्टी) के बाहर उन्हें एक बाहन के पहियों की आवाज सुनाई पड़ी और एक नया अतिथि अंदर आया किंतु इस बार यह लौह व्यापारी नहीं था। उसने अपनी बेटी को भेजा था, यह आशा करते हुए कि मनाने की ज्यादा अच्छी शक्तियाँ उसमें उससे अधिक होगी।

[14] She entered……………………frightened.

उसने अंदर प्रवेश किया, पीछे-पीछे अपनी बाँह पर बड़ा फर (समूर) का कोट डाले उनका निजी लौकर) था। यह बिल्कुल आकर्षक नहीं थी, किंतु शालीन और बहुत संकोचशील लग रही थी। बलाईघर में सब कुछ वैसा ही था जैसा कि पहले शाम को था। मुख्य लोहार और उसका (सहायक अभी भी बैंच पर बैठे थे और लोहा और काठकोयला अभी भी भट्टी में चमक रहे थे। अजनबी जमीन पर पसर गया था और अशुद्ध लोहे का एक टुकड़ा सिर के नीचे लगा कर लेटा हुआ था और उसने अपना टोप आँखों पर सरका लिया। जैसे ही जुवा सकड़ी ने उसे देखा वह उसके पास गई और उसका टोप उठा दिया। साफ तौर पर उस आदमी को एक आँख खोलकर सोने की आदत थी। वह अचानक उछला और बिल्कुल डरा हुआ लगा।

[15] “My name……………………once.”

मेरा नाम एड्‌ला विलमेनसन है, युवती ने कहा। मेरे पिता जी घर आए और उन्होंने बताया कि आज रात आप यहाँ बलाईघर में सोना चाहते हैं और फिर मैंने आने और आपको ले जाने की अनुमति माँगी। कप्तान, मुझे बहुत दुःख है, कि आप इतने बुरे समय से गुजर रहे हैं।

उसने अपनी गंभीर आँखों से सहानुभूतिपूर्वक उसकी ओर देखा और फिर उसने देखा कि वह आदमी डरा हुआ था। या तो इसने कोई वस्तु चुराई है या फिर जेल से भाग कर आया है। उसने सोचा और जल्दी से यह बात जोड़ी, “कप्तान, आप आश्वस्त हो सकते हो कि आपको हम उतना ही स्वतंत्रतापूर्वक जाने देंगे जितनी स्वतंत्रतापूर्वक आप आये हो। कृपया सिर्फ क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हमारे साथ ठहर जाएँ।” उसने यह इतने मिलनसारिता भरे अंदाज में कहा कि चूहेदानी के फेरी वाले को उस पर भरोसा हो गया। ‘विस, यह बात मेरे दिमाग में कभी न आती कि आप मुझे लेकर परेशान होंगी।” उसने कहा “मैं अभी तुरन्त चलूँगा।”

[16] He accepted……………………rattraps.”

उसने फर का वह कोट स्वीकार कर लिया जो नौकर ने झुककर सम्मान करते। हुए उसे दिया, उसे अपने फटे चिवड़ों के ऊपर डाल दिया और चकित लोहारों की तरफ भी निगाह डाले बिना, युवती के पीछे-पीछे वाहन तक गया। किंतु जमींदार के घर की तरफ गाड़ी में बैठकर जाते समय उसे (अनिष्ट की आशंकों) हो रही थी।

“आखिर मैंने उस आदमी का पैसा क्यों चुरा लिया था?” उसने मोचा। “अब मैं पिंजरे के अंदर बैठ रहा हूँ और कभी भी इससे बाहर नहीं निकलूँगा।”

अगले दिन क्रिसमस की पूर्व संध्या थी और जब लौह व्यापारी भोजन कक्ष में नाश्ते के लिए आया तो शायद उसने अपने सेना के साथ उस साथी के बारे में (संतोषपूर्वक) सोचा जिससे उसकी मुलाकात अप्रत्याशित) रूप से हो गई थी।

“सर्वप्रथम हमें यह देखना चाहिए कि इसकी हड्डियों पर थोड़ा मांस चढ़ जाए,” उसने अपनी बेटी से कहा, जो मेज पर भोजन लगाने में व्यस्त थी। “और फिर हमको यक्ष देखना चाहिए कि इस देश में चारों ओर घूम-घूमकर चूहेवानियाँ बेचने की अपेक्षा कोई दूसरा काम मिल जाए।”

[17] “It is……………………whole shoes.

“बढ़ी विचित्र बात है कि इसके साथ चीजें इतनी ज्यादा बिगड़ गई हैं”, बेटी ने कहा। “पिछली रात मुझे नहीं लगा कि उसमें कोई भी ऐसी बात थी जो यह दिखा सकती थी वह कभी कोई शिक्षित व्यक्ति रहा था।”

“तुम्हें धैर्य रखना चाहिए, मेरी छोटी बच्ची, पिता ने कहा। “जैसे ही यह नहा लेगा और नए कपड़े पहन लेगा तो तुम्हें कुछ भिन्त्र दिखाई देगा। पिछली रात वह स्वाभाविक रूप से शरमा रहा था। उसके घुमक्कड़ वाले कपड़ों के उतरने के साथ ही उसके घुमक्कड़ वाले ढंग तथा तहजीब समाप्त हो जाएंगे।” ज्यों ही उसने ऐसा कहा, दरवाजा खुला और अजनबी अंदर आया। हाँ, अब वह सचमुच साफ-सुथरा और अच्छे कपड़े पहने हुए था। नौकर ने उसे स्नान कराया।

उसके बाल काटे थे, और उसकी दाढ़ी बनाई थी। इसके अलावा उसने मिल मालिक को सुंदर दिखने वाली पोशाक पहन रखी यी। उसने सफेद शर्ट, कलफ लगा कड़क कालर और साबुत जूते पहन रखे थे।

[18] But although……………………matter.”

यद्यपि उसका अतिथि अब खूब सजा सैवरा था, लेकिन लौह व्यापारी संतुष्ट नहीं लगा। उसने माथे पर सलवटें शिकन डालते है। उसकी ओर देखा और समझना आसान था कि उसने अजनबी को भट्टी के मुँधले प्रकाश में देखा तो उसने गलती कर दी होगी ि अब जबकि नह वहाँ दिन के खुले उजाले में खड़ा था, उसे पुराना परिचित समझने की गलती करना असंभव था।

“इसका क्या मतलब है?” उसने गरजकर कहा।
अजनबी ने धोखा देने की कोशिश नहीं की। वह तुरंत भाँप गया कि शान-शौकत का अंत हो चुका था। “श्रीमान्, यह मेरी गलते नहीं है, उसने कहा। “मैंने एक गरीब व्यापारी के अलावा कुछ भी दिखाने का नाटक नहीं किया और मैंने ढलाईघर में ठहरने की अनुमति पाने के लिए प्रार्थना की। किंतु कोई नुकसान नहीं हुआ है। बुरे से बुरा यह हो सकता है, मैं अपने फटे पुराने कपड़े पुनः पहन सकत हूँ और जा सकता हूँ।”

“अच्छा” थोड़ा हिचकिचाते हुए, लौह व्यापारी ने कहा, “यह ईमानदारीपूर्ण बात भी नहीं थी। तुम्हें यह स्वीकार करनी बाहिए, और मुझे आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए।
यदि न्यायिक अधिकारी इस मामले में कुछ कहें।”

[19] The tramp……………………you can.”

घुमक्कड़ एक कदम आगे बढ़ा और मेज पर एक घूंसा मारा।
“क्या बात है, श्रीमान् लौह व्यापारी, अब मैं आपको बताने जा रहा हूँ.” उसने कहा। “यह संपूर्ण संसार एक बड़ी चूहे दानी के अलावा कुछ भी नहीं है। सारी अच्छी चीजें जो आपको पेश की जाती हैं किसी गरीब को परेशानी में डालने के लिए सजाई गई पनी की बाहरी परत और सुअर के मांस के टुकड़ों के अलावा कुछ नहीं है और यदि अब इस बात के लिए न्यायाधिकारी आएँ और मुझे जेल में डाल दें, तो श्रीमान् लौह व्यापारी, याद रखें कि एक दिन आ सकता है जब आप सुअर के मांस का बड़ा टुकड़ा प्राप्त कार चाह सकते हो और तब आप स्वयं पिंजड़े में फैस जाओगे।”

लौह व्यापारी हँसने लगा।
“कहा हुआ कथन बुरा नहीं है, मेरे प्यारे साथी। शायद क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हमें न्यायाधिकारी को तो छोड़ ही देना चाहिए। परंतु अब यहाँ से जितना जल्दी हो सके बाहर निकलो।”

[20] But just……………………whole year.”

किंतु ज्यों ही यह आदमी दरवाजा खोल रहा था, बेटी ने कहा मैं समझती हूँ इन्हें आज हमारे साथ रुकना चाहिए। मैं नहीं चाहती कि वह चला जाएँ।” और इसके साथ ही वह गई और दरवाजा बन्द कर दिया।

यहाँ, अब तुम क्या कर रही हो?” पिता ने कहा।
बेटी वहाँ बिल्कुल परेशान खड़ी थी और शायद ही जानती थी कि क्या उत्तर दे। उस सुबह उसे बहुत खुशी हुई थी जब उसने सोचा था कि बेचारे भूखे अभागे के लिए चीजों को वह कितना घर जैसा और क्रिसमस के अनुरूप बनाने के लिए तैयारी कर रही थी। वह इस विचार को अचानक त्याग न सकी और यही कारण था कि उसने घुमक्कड़ के लिए दया की माँग की।

“मैं यहाँ इस अजनबी के बारे में सोच रही हूँ”, युवती ने कहा। “वह पूरे ही वर्ष घूमता रहता है और पूरे देश में लगभग एक भी स्थान ऐसा नहीं है जहाँ उसका स्वागत होता है और जहाँ पर घर जैसा महसूस करता हो। वह जहाँ भी जाता है वहाँ से भगा दिया जाता है उसे हमेशा गिरफ्तार होने और प्रश्न पूछे जाने का डर लगा रहता है। मैं चाहूंगी कि वह हमारे साथ यहाँ पर शांति का एक दिन गुजारे- पूरे वर्ष में केवल एक दिन।”

[21] The ironmaster……………………idea be?

लौह व्यापारी ने अपनी दाड़ी के अंदर कुछ बुदबुदाया। वह (अपनी बेटी का) उसका विरोध न कर सका।
“निसंदेह, यह एक गलती थी, “उसने अपनी बात जारी रखी। किन्तु खैर मैं नहीं समझती कि हम एक ऐसे मनुष्य को भगा दें जिसे हमने यहाँ बुलाया है, और जिसके लिए हमने क्रिसमस की खुशी का वादा किया है।” तुम तो किसी पादरी से भी बुरा उपदेश दे रही हो”, लौह व्यापारी ने कहा। मैं तो सिर्फ यह आशा करता हूँ कि तुम्हें इसके लिए पञ्चाताप न करना पड़े।”

युवती ने अजनबी का हाथ पकड़ लिया और मेज तक ले गई।
“अब बैठ जाओ और भोजन करो, उसने कहा, क्योंकि उसने देख लिया था उसके पिता ने हार मान ली थी। चूहेदानियों वाले आदमी ने एक शब्द भी नहीं कहा, वह केवल बैठ गया और भोजन लेकर खाने लगा। बीच-बीच में वह उस युवती युवती की ओर देख लेता था जिसने उस पर दया करने के लिए बीच में दखल दी थी। उसने ऐसा क्यों किया था? कौन-सा मूर्खतापूर्ण विचार हो सकता था।

[22] After that……………………porridge.

इसके बाद रामसे में क्रिसमस की पूर्व संध्या ठीक वैसे ही गुजरी जैसा कि हमेशा गुजरती थी। अजनबी ने कोई परेशानी पैदा नहीं की क्योंकि उसने सोने के अलावा कुछ नहीं किया। दोपहर पहले वह अतिथि कक्षों में से एक सोफे पर लेटा रहा और लगातार सोता रहा। दोपहर को उन्होंने उसे जगाया ताकि वह क्रिसमस के अच्छे भोजन का अपना हिस्सा ले सके, लेकिन इसके बाद यह फिर सो गया। ऐसा लगता था मानों वर्षों से वह इतना शांतिपूर्वक और सुरक्षित नहीं सो पाया था जितना यहाँ रामसे में सोया था।

शाम को जब क्रिसमस वृक्ष को प्रकाशित किया गया, उन्होंने उसे फिर जगाया और यह थोड़ी देर बैठक कक्ष में इस प्रकार आँखें टिमटिमाते हुए खड़ा रहा जैसे मोमबत्ती का प्रकाश उसे चोट पहुँचाता रहा था, किन्तु इसके बाद वह पुनः गायब हो गया। दो घण्टे बाद उसे पुनः जगाया गया। उसे फिर भोजन कक्ष में नीचे जाना पड़ा और क्रिसमस की मछलियाँ और दलिया खाया।

[23] As soon……………………rattraps.

जैसे ही वे मेज से खड़े हुए, वह सभी उपस्थित लोगों के पास गया और उसने उन सभी को धन्यवाद दिया और शुभ रात्रि कहा, लेकिन जब वह युवती के पास आया तो उसने उसे समझाया कि उसने जो वस्त्र पहन रखे हैं वे क्रिसमस का उपहार है- उसे उन्हें वापस नहीं करना पड़ेगा, और यदि वह क्रिसमस की अगली पूर्व संध्या ऐसी जगह बिताना चाहे जहाँ वह शांतिपूर्वक रह सके और आश्वस्त हो सके कि उसका कोई अनिष्ट नहीं होगा तो फिर से उसका स्वागत किया जाएगा।।

चूहेदानियों वाले आदमी ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया। वह केवल असीम आश्चर्य के साथ युवती की तरफ टकटकी लगाकर देखता रहा। अगली सुबह लौह व्यापारी और उसकी बेटी प्रसत्रचित्त भाव में जल्दी क्रिसमस की पूजा के लिए जागे। उनका मेहमान (अतिथि) अभी भी सोया हुआ था और उन्होंने उसे बाधा नहीं पहुंचाई।

जब, लगभग दस बजे, वे लोग चर्च से वापिस चले, तो युवती बैठ गई और सामान्य से कहीं ज्यादा निराशा में सिर लटका लिया। चर्च में उसे पता चला कि लौह मिल के एक पुराने क्राफ्टर (कृषक) को एक ऐसे आदमी ने लूट लिया था जो घूम-घूम कर चूहेदानी बेचता था।

[24] “Yes,……………………Von Stale.”

“हाँ, वह बढ़िया आदमी था जिसे तुमने घर में आने की अनुमति दी थी”, पिता ने कहा। “मैं तो सिर्फ यह सोचता हूँ कि इस समय अलमारी में चाँदी की कितनी चम्मच बची हुई है।”
गाड़ी मुश्किल से सामने की सीढ़ियों के पास पहुंची ही थी कि लौह व्यापारी ने नौकर से पूछा कि क्या अजनबी अब भी वहीं था। उसने आगे कहा कि उसने चर्च में सुना था कि वह आदमी चोर था। नौकर ने बताया कि आदमी जा चुका था और अपने साथ कुछ भी नहीं ले गया था।

इसके अलावा विपरीत क्रिसमस उपहार के रूप में एक पैकेट छोड़ गया था जिसे कृपास्वरूप मिस विलमेनसन को स्वीकार करना था। युक्ती ने पैकेट खोला तो वह इतनी बुरी तरह बंधा हुआ था कि उसके अंदर का सामान तुरन्त दिखाई दे गया। वह खुशी से हल्का-सा चीख पड़ी। उसे एक छोटी चूहेदानी मिली और इसके अंदर दस क्रोनीर के तीन नोट थे। परन्तु यही सब कुछ नहीं था। चूहेदानी में एक बड़े व टेढ़े अक्षरों में लिखा हुआ एक पत्र पड़ा था-

“आदरणीय और दयालु कुमारी, “क्योंकि पूरे दिन आप मेरे प्रति अच्छी रही हैं, मानों मैं कोई कप्तान हूँ, मैं बदले में आपके प्रति अच्छा होना चाहता हूँ, जैसे कि मैं सचमुच में ही कोई कप्तान हूँ – मैं क्रिसमस के अवसर पर एक चोर द्वारा आपको शर्मिंदा नहीं होने देना चाहता हूँ, लेकिन आप यह धन सड़क किनारे वाले बूढ़े आदमी को वापिस दे सकती हो, जिसने गरीब घुमक्कड़ों को लालच में डालने के लिए खिड़की की फ्रेम (किनारे) पर थैला लटका रखा है।
यह चूहेदानी एक ऐसे चूहे की ओर से क्रिसमस का उपहार है जो इस संसार की चूहेदानी में फंस गया होता यदि उसे कैप्टन न बनाया गया होता, क्योंकि इस तरह उसे स्वयं को साफ करने (सही रास्ते पर लाने) की शक्ति मिल गई थी।”
“मित्रता और अत्यंत आदर के साथ लिखित,
“कैप्टन वॉन स्टेल।”

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