खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट The Tale of Melon City Class 11 Hindi Summary & Explanation में हम Class 11 NCERT English Snapshot Chapter 5 का लाइन बाई लाइन करके Hindi Explanation करना सीखेंगे।
लेकिन सबसे पहले The Tale of Melon City Hindi Summary के अंतर्गत हम इस चैप्टर के About the Author और फिर About the Lesson के बारे में पढ़ेंगे और उसके बाद इस इस चैप्टर का Summary यानि सारांश पढ़ने के बाद हम लोग Explanation पर आएंगे।
The Tale of Melon City Class 11 Hindi Summary & Explanation
The Tale of Melon City जिसका हिंदी अर्थ होगा – तरबूज शहर की कहानी। इस चैप्टर को विक्रम सेठ ने लिखा है जो एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक और कवि हैं। चलिए Vikram Seth के बारे में The Tale of Melon City Class 11 About the Author के माध्यम से थोड़ा विस्तार से जानते हैं।
About the Author – Vikram Seth
Vikram Seth is a renowned Indian author and poet, celebrated for his versatility and storytelling. His works often blend humour, irony, and deep human emotions. “The Tale of Melon City” is a satirical poem from his collection Mappings, first published in 1981.
About the Author in Hindi
विक्रम सेठ एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक और कवि हैं, जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा और कहानी कहने की कला के लिए जाने जाते हैं। उनकी रचनाओं में अक्सर हास्य, विडंबना और गहरी मानवीय भावनाओं का मिश्रण होता है। “द टेल ऑफ़ मेलन सिटी” उनके संग्रह मैपिंग्स से एक व्यंग्यात्मक कविता है, जो पहली बार 1981 में प्रकाशित हुई थी।
About the Lesson
The poem is a humorous and ironic tale about a “just and placid” king whose adherence to justice leads to absurd consequences. It reflects on governance, people’s attitudes, and the principles of laissez-faire, where everyone is content as long as they are left undisturbed.
About the Lesson in Hindi
कविता एक “न्यायप्रिय और शांत” राजा के बारे में एक विनोदी और विडंबनापूर्ण कहानी है, जिसका न्याय के प्रति पालन बेतुके परिणामों की ओर ले जाता है। यह शासन, लोगों के दृष्टिकोण और अहस्तक्षेप के सिद्धांतों को दर्शाता है, जहाँ हर कोई तब तक संतुष्ट रहता है जब तक उन्हें बिना किसी परेशानी के छोड़ दिया जाता है।
The Tale of Melon City Class 11 Summary
The story unfolds in a city ruled by a king who is proud of being just and calm. He orders an arch to be built to commemorate his rule. However, during its inauguration, the king’s crown is knocked off by the arch due to its height. Furious, the king demands justice.
The blame shifts from builders to masons to architects, and finally back to the king himself. A wise man decrees the arch guilty. However, the crowd objects to hanging the arch, so someone else must be hanged. After much confusion, the king himself is declared the culprit and is executed.
As per tradition, the next ruler is chosen by the first person passing through the city gate. This happens to be an idiot who declares “a melon” as the king. The ministers fulfill this wish, and the city accepts the melon king, valuing peace and liberty over active governance.
This poem humorously critiques rigid justice, bureaucratic absurdities, and people’s passive acceptance of authority.
The Tale of Melon City Summary in Hindi
कहानी एक ऐसे शहर में सामने आती है जिस पर एक राजा का शासन है, जिसे न्यायप्रिय और शांत रहने पर गर्व है। वह अपने शासन की याद में एक मेहराब बनवाने का आदेश देता है। हालाँकि, इसके उद्घाटन के दौरान, मेहराब की ऊँचाई के कारण राजा का मुकुट गिर जाता है। क्रोधित होकर राजा न्याय की माँग करता है।
दोष बिल्डरों से राजमिस्त्री और वास्तुकारों पर और अंत में खुद राजा पर आ जाता है। एक बुद्धिमान व्यक्ति मेहराब को दोषी ठहराता है। हालांकि, भीड़ मेहराब को लटकाने पर आपत्ति जताती है, इसलिए किसी और को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। बहुत उलझन के बाद, राजा को ही अपराधी घोषित कर दिया जाता है और उसे फांसी पर चढ़ा दिया जाता है।
परंपरा के अनुसार, अगला शासक शहर के द्वार से गुजरने वाले पहले व्यक्ति द्वारा चुना जाता है। यह एक मूर्ख होता है जो “खरबूजे” को राजा घोषित करता है। मंत्री इस इच्छा को पूरा करते हैं, और शहर सक्रिय शासन पर शांति और स्वतंत्रता को महत्व देते हुए तरबूज राजा को स्वीकार करता है।
ये कविता कठोर न्याय, नौकरशाही की बेतुकी बातों और लोगों द्वारा सत्ता की निष्क्रिय स्वीकृति की विनोदी आलोचना करती है।
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The Tale of Melon City Class 11 Explanation in Hindi
अब हम Class 11 NCERT English Snapshot Chapter 5 यानी The Tale of Melon City class 11 Hindi Explanation करना शुरू करते हैं।
The Tale of Melon City Hindi Explanation -1
In the………………………and said,
जिस नगर की मैं बात कर रहा हूँ, वहाँ एक न्यायप्रिय तथा शांतिप्रिय राजा था।
राजा ने घोषणा की कि एक मेहराब द्वार का निर्माण किया जाये जो सफलता सूचक के रूप में
नगर के बड़े मार्ग को ऊपर से ढक लें
ताकि दर्शकों को शिक्षा या जानकारी प्राप्त हो जाए।
मजदूर गये तथा उन्होंने वह तोरण या वन्दनवार बना दिया।
उन्हें यह काम करना ही पड़ा क्योंकि आज्ञा देने वाला शासक था।
राजा उस मार्ग पर सवार होकर निकल चला।
ताकि दर्शकों को जानकारी मिल जाए।
तोरण के नीचे राजा का राजमुकुट गिर गया।
कारण यह था कि वह द्वार नीचा था।
राजा के शान्त चेहरे की त्योरी चढ़ गया।
वह बोला, ‘यह तो अपमानजनक है।
भवन निर्माता प्रमुख को फाँसी दे दी जाए।’
रस्सी तथा टिकटी का प्रबंध कर दिया गया।
भवन निर्माता प्रमुख को वहाँ लाया गया।
वह राजा के सामने से गुजरा। वह चिल्लाकर बोला,
‘हे प्रभु, यह तो कारीगर की गलती थी।’
‘ओह,’ राजा बोला, तथा कार्यवाई स्थगित कर दी।
चूंकि वह न्यायप्रिय था, (और अब पहले से शांत भी),
वह बोला, ‘मैं चाहूँगा कि सभी मजदूरों, कारीगरों को
फाँसी पर लटका दिया जाये।
कारीगर हैरान रह गए, वे बोले,
The Tale of Melon City Hindi Explanation -2
‘O King………………………was he-.
‘ओ राजा, आप समझते क्यों नहीं
कि ईंटें गलत आकार की बनी थीं।
‘राजमिस्त्रियों को बुलाओ !’ राजा ने कहा।
राजमिस्त्री वहाँ काँपते हुए खड़े थे।
‘यह तो शिल्पकार की गलती थी।’ उन्होंने कहा,
भवन शिल्पी को तलब किया गया।
‘अच्छा शिल्पी,’ महाराज बोले,
‘मैं आदेश देता हूँ कि तुम्हें फाँसी
दे दी जाए,’ शिल्पी बोला, ‘हे राजा,
आप एक छोटी-सी बात भूल गए।
आपने कुछ परिवर्तन या सुधार कर दिए थे
उन नक्शों में जो मैंने आपको दिखाये थे।’
राजा ने यह सुना। उसे खतरा दिखाई दिया।
वास्तव में उसका सर फिर गया।
पर चूँकि वह एक न्यायप्रिय और शांतिप्रिय शासक था,
वह बोला, ‘यह तो पेचीदा स्थिति हो गई है।
मुझे कुछ सलाह मशविरे की जरूरत है। मेरे पास ले आओ
इस देश का सर्वाधिक बुद्धिमान व्यक्ति।’
बुद्धिमान व्यक्ति को खोज लिया गया और उसे लाया गया
नहीं, उसे उठाकर लाया गया राजदरबार में,
वह न तो चल सकता था न ही देख सकता था,
वह इतना वृद्ध (और इसी कारण बुद्धिमान) था –
The Tale of Melon City Hindi Explanation -3
But in………………………Royal Decree.
पर काँपती आवाज में वह बोला,
‘अपराधी को दण्ड अवश्य दिया जाना चाहिए।
वास्तव में, तोरणद्वार ही अपराधी था जो टकरा गया
तथा उसने राजमुकुट को गिरा दिया, उसे फाँसी दी जानी चाहिए।’
फाँसी के तख्ते पर मेहराब को लाया गया
तभी सहसा एक दरबारी ने कहा-
‘हम भला किस प्रकार से निर्लज्जतापूर्वक उस मेहराब को फाँसी लगा सकते हैं
जिसने आपके सिर को स्पर्श किया, महाराज?’
‘सच कहते हो,’ राजा ने सोचा। इस दौरान जनसमूह
बेचैन हो गया, वह जोर-जोर से बुदबुदाने लगा।
राजा ने उनका मूड देखा तथा काँप गया
और वहाँ एकत्रित सभी लोगों को बोला-
‘चलो हम इस समस्या के महीन नुक्तों पर
विचार करना कि कौन दोषी था, टाल देते हैं। राष्ट्र तो
तो फाँसी की माँग कर रहा है। फाँसी तो लगानी ही होगी
किसी न किसी को, और वह भी तुरन्त ।’
फंदा लटका दिया गया कुछ ऊँचाई पर
हर व्यक्ति की लम्बाई नापी गई
पर केवल एक ही व्यक्ति इतना लम्बा था
कि वह फिट आया। एक व्यक्ति। बस दूसरा नहीं।
वह राजा स्वयं था। महाराज
को इसलिये शाही फरमान के अनुसार फाँसी दे दी गई।
The Tale of Melon City Hindi Explanation -4
‘Thank………………………it down.
“परमात्मा की कृपा है कि हमने एक व्यक्ति को खोज लिया है,
‘मंत्रियों ने कहा, ‘क्योंकि यदि हम न खोज पाते तो
यह उपद्रवग्रस्त नगर
हमारे राजतंत्र के विरुद्ध मोर्चा खोल देता।’
‘राजा चिरंजीवी हो!’ मंत्री बोले
‘राजा चिरायु हो! राजा स्वर्गवासी हो गया है।’
उन्होंने इस संकट की स्थिति पर विचार किया, फिर
व्यावहारिक बुद्धि वाले व्यक्ति होने के कारण,
उन्होंने मुनादी या घोषकों को घोषणा करने भेज दिया।
(उसी पूर्व दिवंगत राजा के नाम पर) यह घोषणा कर दी गई
जो भी अगला व्यक्ति नगर के द्वार से गुजरेगा
वही राज्य के नये शासक का चयन करेगा;
यही हमारी रीति है। इस रीति का पालन
उचित समारोह के साथ किया जाएगा।’
एक मूर्ख वहाँ से गुजरा।
प्रहरियों ने आवाज दी, ‘ठहरो!
अगला राजा कौन होगा? निर्णय करो।’
‘एक तरबूज,’ उस मूर्ख ने उत्तर दिया।
यही उसका सामान्य उत्तर
हुआ करता था हर प्रश्न का (क्योंकि उसे तरबूज प्रिय थे)
‘तुम्हीं अब हमारे शासक हो,’ मंत्रियो ने कह दिया,
जब उन्होंने तरबूज का राज्याभिषेक किया। फिर वे
ले गये तरबूज को राजसिंहासन तक
और पूरे सम्मान के साथ उसे वहाँ आसीन करा दिया।
The Tale of Melon City Hindi Explanation -5
This………………………there.
यह घटना बहुत वर्षों पूर्व घटी थी
जब लोगों से पूछा जाता है, ‘तो
तुम्हारा राजा तो तरबूज जैसा दिखता है।
यह हुआ किस प्रकार से है?’ तो वे उत्तर देते हैं,
‘हमारी रीति के अनुसार ऐसा चयन हुआ।
यदि हमारा राजा इसी में खुश है
कि वह तरबूज बना रहे, तो हमें क्या आपत्ति,
क्योंकि हम लोग कौन कहने वाले हैं
कि उसे कैसा होना या दिखाई देना चाहिए,
जब तक कि वह हमें शांति और आजादी से रहने देता है?’
वहाँ पर राजकीय नियन्त्रण से मुक्ति की नीति
भली-भाँति स्थापित हो चुकी दिखाई देती है।
तो स्टूडेंट्स ये था ‘मेलन सिटी की कहानी’ चैप्टर का सारांश, और व्याख्या; आप चाहे तो The Tale of Melon City Up Board Question Answer को भी पढ़ सकते हैं।