We Too are Human Beings Class 12 Summary & Explanation

खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट We Too are Human Beings Class 12 Summary & Explanation में आप Class 12 NCERT English Vistas Chapter 6 यानि Memories of Childhood के दूसरे कहानी We Too are Human Beings का Summary और लाइन बाई लाइन करके हिन्दी व्याख्या करना सीखेंगे।

सबसे पहले आप इस Second Part यानि We Too are Human Beings के बारे में पढ़ते हुए लेखक के बारे में जानेंगे और फिर इसका Summary पढ़ने के बाद आप इस पाठ के एक-एक लाइन का हिंदी अनुवाद भी इसी पेज पर पढ़ सकेंगे।

About the Lesson – We Too are Human Beings

This lesson is an excerpt from “Karukku” by Bama, which portrays the deeply rooted caste discrimination in Indian society. It presents the perspective of a young Dalit girl who realises the humiliation her community faces due to untouchability and vows to fight it through education.

About the Lesson in Hindi

यह पाठ बामा की “करुक्कु” से एक अंश है, जो भारतीय समाज में गहराई से जड़ जमाए जातिगत भेदभाव को दर्शाता है। यह एक युवा दलित लड़की का दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है जो अस्पृश्यता के कारण अपने समुदाय के अपमान का एहसास करती है और शिक्षा के माध्यम से इससे लड़ने का संकल्प लेती है।


About the Author – Bama

Bama (born 1958) is a Tamil Dalit Christian writer best known for her autobiographical works like Karukku, Sangati, and Kisumbukkaaran. Her writings focus on the struggles of Dalits, particularly women, and advocate for social justice and equality.

About the Author in Hindi

बामा (जन्म 1958) एक तमिल दलित ईसाई लेखिका हैं जो “करुक्कु”, “संगति” और “किसुम्बुक्कारन” जैसी आत्मकथात्मक रचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी रचनाएँ दलितों, विशेषकर महिलाओं के संघर्षों पर केंद्रित हैं और सामाजिक न्याय एवं समानता की वकालत करती हैं।


Summary of We Too are Human Beings

The story recounts an incident from Bama’s childhood when she saw an elder from her community carrying a food packet by its string for an upper-caste landlord. At first, she found it amusing, but later her brother explained that it was because of untouchability—they were considered “polluted” by touch. This revelation angered her and made her determined to fight caste discrimination through education. Inspired by her brother’s advice, she studied hard, topped her class, and earned respect, proving that education is a tool to challenge social injustice.

Hindi Summary of We Too are Human Beings

कहानी बामा के बचपन की एक घटना का वर्णन करती है जब उन्होंने अपने समुदाय के एक बुजुर्ग को एक ऊँची जाति के जमींदार के लिए रस्सी से भोजन का पैकेट ले जाते देखा। पहले तो उन्हें यह मज़ेदार लगा, लेकिन बाद में उनके भाई ने समझाया कि यह अस्पृश्यता के कारण था – उन्हें स्पर्श से “अपवित्र” माना जाता था। इस बात का खुलासा होने पर वह बहुत नाराज़ हुईं और उन्होंने शिक्षा के ज़रिए जातिगत भेदभाव से लड़ने का दृढ़ निश्चय किया। अपने भाई की सलाह से प्रेरित होकर, उन्होंने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की, अपनी कक्षा में अव्वल रहीं और सम्मान अर्जित किया, जिससे यह साबित हुआ कि शिक्षा सामाजिक अन्याय को चुनौती देने का एक ज़रिया है।


We Too are Human Beings Summary in English

The story is an excerpt from Bama’s autobiography Karukku and describes an incident from her childhood when she was in the third grade. At that time, she was unaware of the concept of untouchability but had already experienced humiliation because of her caste. Every day, she took a long time to walk home from school because she enjoyed watching the vibrant street life – street performers, snake charmers, food stalls, political meetings, puppet shows, and other attractions.

One day, while returning home, Bama noticed something that at first seemed funny: an elder from her community was carrying a packet of vadais (snacks) in a very peculiar way – holding the packet by its string without touching it. He then gave it respectfully to an upper-caste landlord, who ate the food without hesitation. Bama initially laughed at the absurd sight and shared the incident with her elder brother Annan, expecting him to find it amusing as well. However, Annan was serious and explained that the man carried the food like that because of caste discrimination. Upper-caste people considered Dalits “polluted” and would not eat anything touched by them.

This revelation shocked and saddened Bama. She felt angry and humiliated that her people were forced to live with such indignities and treated as subhuman. Her brother then gave her an important piece of advice: the only way to fight this injustice was through education. He told her that if Dalits studied hard and achieved academic success, they could earn respect and escape such oppressive treatment. Motivated by this advice, Bama decided to work hard and excel in her studies. Eventually, she topped her class and gained the respect of others.

The story emphasises the cruelty of caste-based discrimination and the transformative power of education in challenging social inequality.

We Too are Human Beings Summary in Hindi

यह कहानी बामा की आत्मकथा “करुक्कु” का एक अंश है और उनके बचपन की एक घटना का वर्णन करती है जब वह तीसरी कक्षा में थीं। उस समय, उन्हें छुआछूत की अवधारणा का ज्ञान नहीं था, लेकिन अपनी जाति के कारण उन्हें पहले ही अपमान सहना पड़ा था। हर दिन, उन्हें स्कूल से घर पैदल आने में काफ़ी समय लगता था क्योंकि उन्हें सड़कों पर होने वाली चहल-पहल देखने में मज़ा आता था – सड़क पर प्रदर्शन करने वाले कलाकार, सपेरों, खाने-पीने की दुकानों, राजनीतिक सभाओं, कठपुतली शो और अन्य आकर्षण।

एक दिन, घर लौटते समय, बामा ने एक ऐसी चीज़ देखी जो पहले तो अजीब लगी: उनके समुदाय का एक बुज़ुर्ग बड़े ही अजीब तरीके से वड़ियों (नाश्ते) का एक पैकेट ले जा रहा था – पैकेट को बिना छुए उसकी डोरी से पकड़े हुए। फिर उसने उसे एक ऊँची जाति के ज़मींदार को सम्मानपूर्वक दे दिया, जिसने बिना किसी हिचकिचाहट के खाना खा लिया। बामा पहले तो इस बेतुके दृश्य को देखकर हँसीं और अपने बड़े भाई अन्नान को यह घटना बताई, यह सोचकर कि उन्हें भी यह मज़ेदार लगेगा। हालाँकि, अन्नान गंभीर थे और उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति जातिगत भेदभाव के कारण इस तरह से खाना ले जा रहा था। ऊँची जाति के लोग दलितों को “अपवित्र” मानते थे और उनके द्वारा छुआ हुआ कुछ भी नहीं खाते थे।

इस रहस्योद्घाटन ने बामा को स्तब्ध और दुखी कर दिया। उन्हें गुस्सा और अपमान महसूस हुआ कि उनके लोगों को इस तरह के अपमान के साथ जीने के लिए मजबूर किया जा रहा था और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था। तब उनके भाई ने उन्हें एक महत्वपूर्ण सलाह दी: इस अन्याय से लड़ने का एकमात्र तरीका शिक्षा है। उन्होंने कहा कि अगर दलित कड़ी मेहनत से पढ़ाई करें और शैक्षणिक सफलता प्राप्त करें, तो वे सम्मान अर्जित कर सकते हैं और इस तरह के दमनकारी व्यवहार से बच सकते हैं। इस सलाह से प्रेरित होकर, बामा ने कड़ी मेहनत करने और अपनी पढ़ाई में उत्कृष्टता हासिल करने का फैसला किया। अंततः, उन्होंने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और दूसरों का सम्मान प्राप्त किया।

यह कहानी जाति-आधारित भेदभाव की क्रूरता और सामाजिक असमानता को चुनौती देने में शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति पर ज़ोर देती है।


Summary of all chapters of Class 12 English

Q&A of We too are Human Beings

We Too are Human Beings Explanation in Hindi

We Too are Human Beings का हिन्दी अर्थ होगा – ‘हम भी मनुष्य हैं।’ इस चैप्टर को एक तमिल दलित ईसाई लेखिका बामा के द्वारा लिखा गया है। नीचे Class 12 NCERT English Vistas Supplementary Chapter 6 यानी Memories of Childhood के Part 2, ‘We Too are Human Beings’ का Paragraph wise Hindi Translation दिया गया है।

[1] When I……………………..bazaar.

जब मैं तीसरी कक्षा में पढ़ रही थी, मैंने उस समय तक लोगों को अस्पर्शता के बारे में मुक्त रूप से बोलते हुए नहीं सुना वा। लेकिन मैं पहले से ही देख चुकी थी, महसूस किया था, अनुभव किंया था और इसके द्वारा अपमानित हो चुकी थी।

एक दिन में स्कूल से घर जा रही थी, एक पुराना बैग मेरे कंधों से लटका हुआ था। उस दूरी को वास्तव में दस मिनट में तय करना संभव था। परंतु आमतौर पर मुझे घर पहुँचने में कम से कम तीस मिनट लग जाया करते थे। रास्ते में समय बरबाद करने में मुझे आधे से एक घण्टा लगता था, रास्ते में जारी तमाशों और खेलों को देखते हुए, सभी मजेदार कौतूहल और विचित्रताएँ जो गलियों, दुकानों और बाजार में थे।

[2] The performance…………………… further.

खेल दिखाता हुआ बंदर, साँप जिसे सपेरा पिटारों में रखता था और समय-समय पर इसे दिखाता था, साईकिल चालक जो पिछले तीन दिनों से बाइक से नहीं उतरा था, और जो सुबह से तेजी से पैडल चला रहा था, रुपयों के नोट जो उसकी कमीज पर पिन से लगाए गए थे उसे प्रोत्साहित करने के लिए, चरखे कानते हुए, मरिमाता मंदिर, वहाँ लटकती हुई बड़ी घंटी, पोंगल का चढ़ावा जो मंदिर के सामने पकाया जा रहा होता था, गाँधी जी के बुत के पास सूखी मछलियों की दुकान, मिठाइयों की दुकान, तले हुए स्नैक्स (नाश्ता) बेचने वाली दुकान, और आस-पास अनेक दुकानें, स्ट्रीट लाइट हमेशा यह याद दिलाते हुए कि वह नीले से बैगनी कैसे हो सकती थी, नारीक्कुरवन शिकारी बंजारा अपने पिंजरे में जंगली बंदर के साथ, सुइयाँ बेचता हुआ, मिट्टी के मनके और कान साफ करने का यंत्र बेचता हुआ ओह, मैं देखती ही रह जाती थी। प्रत्येक चीज मुझे रोक लेती थी ओर मुझे आगे नहीं जाने देती थी।

[3] At times……………………..going home.

समय-समय पर, विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के लोग आया करते थे, एक मंच लगाते और माइकों द्वारा जोश के साथ भाषण देते थे। कभी कोई नुक्कड़ नाटक अथवा कठपुतली का खेल अथवा एक खेल ‘न जादू, न चमत्कार’ करतब हो सकता था। ये सब समय-समय पर हुआ करते थे। परंतु कोई न कोई मनोरंजन निश्चित तौर पर होता ही रहा करता था।

इसके अलावा, बाजार में कॉफी (दूध) क्लब थे, जिस तरह से वेटर कॉफी को ठण्डा करते थे, एक गिलास को ऊँचा उठाकर इसके अंदर की सामग्री को दूसरे हाथ में पकड़े हुए गिलास में उड़ेल कर। रास्ते में कुछ लोग दुकानों के सामने प्याज काटते हुए, उनकी निगाह दूसरी तरफ मुड़ी हुई होशियारी दिखाते हुए ताकि उनकी आँखों में जलन न हो। अथवा वहाँ उगा बादाम का पेड़ और इसका फल जो कभी-कभार हवा के द्वारा गिरा दिया जाता था। ये सभी दृश्य कुल मिलाकर मेरे पैरों को बंधि लेते थे और घर जाने से रोक लेते थे।

[4] And then……………………the fun.

और फिर मौसम के अनुसार वहाँ आम, ककड़ी, गन्ना, मीठा आलू, ताड़ की कोपलें, चना, ताड़ का शर्बत, ताड़ का फल, अमरूद और कटहल हुआ करते थे। प्रतिदिन में लोगों को मिठाई और स्वादिष्ट तले हुए स्नैक, पायासम, हलवा, उबले हुए इमली के बीज और बर्फ की लालियों बेचते हुए देखती थी।

इस सबकी ओर एकटक देखते हुए, एक दिन, मैं अपनी गली में आई, मेरा बैग मेरे कंधे पर लटकाए हुए। सामने वाले कोने में एक खलिहान बना हुआ था, और जमींदार वहाँ चलती हुई वाली प्रक्रिया को देख रहा था, एक पत्थर की सिल पर एक बोरी का टुकड़ा बिछा हुआ था जिस पर वह बैठा था। हमारे लोग काम में लगे हुए थे। बैलों की जोड़ी को हांकते हुए गोलाई में अनाज को तिनकों से अलग-अलग करने के लिए। जानवरों के मुंह ढके हुए थे ताकि वे भूसे को स्वयं न खा सकें। मैं थोड़ी देर तक वहाँ खड़ी रही और इसन तमाशे को देखती रही।

[5] Just then…………………….fall out?

उसी समय हमारी गली का एक बूढ़ा व्यक्ति बाजार की तरफ से वहाँ आया। जिस ढंग से वह चल रहा था, मुझे दोहरा होकर चलने को मजबूर किया। मैं इतने बड़े आदमी को एक छोटे से पैकेट को लिए हुए चलने के ढंग को देखकर हँसी से चीखना चाहती थी। मैंने अंदाजा लगाया कि पैकेट में बड़ा (खाने की चीज) अथवा हरे केले की भाजी होगी। क्योंकि लपेटने वाले कागज पर तेल के धब्बे थे। वह पैकेट की रस्सी को थामे हुए आया, इसका स्पर्श किए बिना। मैं वहाँ खड़ी होकर मन ही मन में सोचती रही, यदि वह पैकेट को इस तरह न थामता तो क्या पैकेट फट जाता और ‘बड़े’ बाहर निकल जाते?

[6] The elder……………………..its string.

बूढ़ा सीधा जमींदार के पास गया, नीचे झुका और उसकी तरफ पैकेट को बढ़ाया, दूसरे हाथ से रस्सी पकड़ने वाले हाथ को सहारा देते हुए। जमींदार ने पैकेट को खोला और ‘बड़ों’ को खाना शुरू कर दिया।

यह सब देख लेने के बाद अंत में मैं घर गई। मेरा बड़ा भाई वहीं था। मैंने उसे वह कहानी हास्य के साथ सुनाई। मैं उस बड़े आदमी को देखकर हँसी से लोट-पोट हो गई। बूढ़े आदमी ने पैकेट को ले आने का कैसा खेल बना रखा था। लेकिन अन्ना को इसमें आनंद नहीं आया। अन्ना ने मुझे बताया कि वह आदमी पैकेट को इस तरह लाते हुए मजाकिया नहीं था। उसने कहा कि हर कोई विश्वास करता था कि वे उच्च जाति के थे और इसलिए हमें उन्हें नहीं छूना चाहिए। यदि वे छूते, तो वे दूषित हो जाते। यही कारण था उस पैकेट को इसकी रस्सी पकड़ कर ले जाना पड़ता था।

[7] When I……………………. infuriated me.

जब मैंने यह सुना तो मैं अब और नहीं हँसना चाहती थी और मैंने भयंकर उदासी महसूस की। वे कैसे विश्वास कर सकते थे कि यह घृणापूर्ण था यदि हममें से कोई पैकेट को अपने हाथों से पकड़े, यद्यपि ‘बड़ों’ को पहले से ही केले के पत्ते से लपेटा गया था, और फिर कागज के पार्सल में लपेटा गया था? मुझे इतनी अधिक उत्तेजना और गुस्सा महसूस हुआ कि मैं उन बेकार के ‘बड़ों’ को सीधी जाकर छूना चाहती थी। हम इन लोगों के लिए चीजें क्यों लाएँ। मैं हैरान थी। हमारा इतना महत्वपूर्ण आदमी विनम्रता से स्नैक्स लाने के लिए दुकान पर जाता है और उनको सम्मान के साथ पकड़ता है, सिर झुकाकर और सिकुड़कर उस आदमी को जो केवल वहाँ बैठा रहता था, देता है और वह अपने मुँह से दूँसता है। इस विचार ने मुझे गुस्सा दिला दिया।

[8] How was…………………….caste too.

ऐसा कैसे है कि ये लोग अपने स्वयं के बारे में इतना सोचते हैं? क्योंकि उन्होंने चार पैसे जोड़ लिए थे, क्या उसका तात्पर्य यह था कि उन्हें अपनी सारी मानवीय भावनाएँ खो देनी चाहिए। लेकिन हम भी मानव हैं। हमारे लोगों को इन लोगों के महत्त्वहीन काम करने के लिए कभी दौड़ना नहीं चाहिए।

मेरा बड़ा भाई जो एक यूनिवर्सिटी (विश्वविद्यालय) में अध्ययन कर रहा था, छुट्टियों में घर आया हुआ था। वह प्रायः पड़ोस के गाँव के पुस्तकालय से किताबें उधार लेने के लिए जाता था। एक दिन वह घर लौट रहा था, एक सिंचाई के तालाब के किनारे चलता हुआ। जमींदार का एक नौकर उसके पीछे-पीछे आया उसने सोचा कि मेरे अन्ना अनजान दिखाई दे रहे थे, और इसलिए उसने पूछा, “तुम कौन हो, अप्पा तुम्हारा क्या नाम है? अन्ना ने उसे अपना नाम बताया। तुरंत ही उस व्यक्ति ने पूछा “थाम्बी (ठहरों) तुम कौन-सी गली में रहते हो? इसके पीछे कारण यह था कि यदि वह जान लेता कि हम कौन-सी गली में रहते थे, तो वह हमारी जाति भी जान लेता।

[9] Annan…………………….my friends.

अन्ना ने मुझे यह सभी बातें बताई। और उसने कहा, “क्योंकि हम इस समुदाय में पैदा हुए हैं, हमें कभी कोई सम्मान, आदर और इज्जत नहीं दी जाती; हमें इस सबसे वंचित रखा जाता है। लेकिन हम अध्ययन करें और उन्नति कर लें, तो हम इन बेइज्जतियों को उखाड़ फेंक सकते हैं। इसलिए ध्यानपूर्वक पढ़ाई करो और वह सब कुछ सीखो जो तुम सीख सकती हो। यदि तुम अपनी पढ़ाई में अन्य लोगों से आगे रहोगी तो लोग स्वयं अपनी इच्छा से तुम्हारे पास आयेंगे और स्वयं तुमसे संबंध कायम करेंगे।” कठिन परिश्रम करो और सीखो” अन्ना के द्वारा बोले गए उस दिन के इन शब्दों का मुझ पर गहरा प्रभाव पड़ा और मैंने पढ़ाई में सख्त मेहनत की, अपना पूरा जोर लगाकर, और लगभग एक झक्की (पागल) की भाँति। जैसे कि अत्रा ने सलाह दी थी, मैं अपनी कक्षा में प्रथम रही और उसके कारण बहुत से लोग मेरे मित्र बन गए।

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