The Portrait of a Lady Class 11 Hindi Explanation & Summary

खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट The Portrait of a Lady Class 11 Hindi Explanation में हम Class 11 NCERT English Hornbill Prose Chapter 1 यानि The Portrait of a Lady Class 11 का लाइन बाई लाइन करके Hindi Explanation करना सीखेंगे।

लेकिन सबसे पहले The Portrait of a Lady Class 11 Hindi Explanation के अंतर्गत हम The Portrait of a Lady Class 11 के About the Author और फिर About the Lesson के बारे में पढ़ेंगे और उसके बाद इस इस चैप्टर The Portrait of a Lady का सारांश देखेंगे।

The Portrait of a Lady Class 11

The Portrait of a Lady जिसका हिंदी अर्थ होगा – एक महिला का चित्र। इस चैप्टर को एक भारतीय कथावाचक खुशवंत सिंह के द्वारा लिखा गया है। चलिए Khushwant Singh के बारे में The Portrait of a Lady Class 11 About the Author के माध्यम से थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

The Portrait of a Lady Class 11 About the Author

The narrator of this story “The Portrait of a Lady” is Khushwant Singh himself. He was born on 2 February 1915 in Hadali, Punjab. His parents left him with his grandmother and went to live in the city. He was a famous writer as well as a great journalist, politician and lawyer. He started his writing career in 1956 when he wrote the novel ‘Train to Pakistan’. He left this material world and went to heaven on March 20, 2014.

The Portrait of a Lady About the Author in Hindi

इस कहानी “द पोट्रेट ऑफ ए लेडी” के कथावाचक खुशवंत सिंह स्वयं हैं। उनका जन्म 2 फरवरी 1915 को हदाली, पंजाब में हुआ था। उनके माता-पिता ने उन्हें उनकी दादी के पास छोड़कर शहर में रहने के लिए गए। वे एक प्रसिद्ध लेखक तो थे ही साथ-साथ वे एक महान पत्रकार, राजनीतिज्ञ और वकील थे। उन्होंने अपना लेखन-कार्य 1956 में शुरू किया था जब उन्होंने ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ उपन्यास लिखा। वह 20 मार्च 2014 को इस भौतिक संसार को छोड़कर स्वर्ग चले गए।

The Portrait of a Lady Class 11 About the Lesson

In the story ‘The Portrait of a Lady’, Khushwant Singh describes a graphic pen-picture of his grandmother. He and his grandmother lived in their village home when he was a small child. She was a religious lady. She always would move her lips in silent prayer. She died, with prayer on her lips and a rosary in her hand. Now let us read about love, devotion and emotions in the story.

The Portrait of a Lady About the Lesson in Hindi

कहानी ‘द पोट्रेट ऑफ ए लेडी’ में खुशवंत सिंह ने अपनी दादी की एक ग्राफिक कलम-चित्र का वर्णन किया है। जब वह छोटा बच्चा था तब वह और उसकी दादी अपने गाँव के घर में रहते थे। वह एक धार्मिक महिला थीं। वह हमेशा मौन प्रार्थना में अपने होंठ हिलाती रहती थी। होठों पर प्रार्थना और हाथ में माला लिए वह मर गई। आइए अब कहानी में प्रेम, भक्ति और भावनाओं के बारे में पढ़ते हैं।

The Portrait of a Lady Class 11 Summary

The author begins the story with a structured description of his grandmother. He remembers his grandmother as a short, plump and healthy woman who was slightly hunchbacked. His silver hair scattered haphazardly across his aging face. She used to roam around the whole house wearing white clothes. Because of the hump, one hand rested on his waist, while the other hand was busy in chanting the rosary.

The author describes her as not very attractive but always beautiful. He compares their calm expression to the captivating winter scenery. The author writes that she used to get him out of bed early in the morning, plaster his wooden slate, prepare his breakfast and take him to school.

While returning home from school, she used to feed some pieces of bread to the street dogs. The author explains that when they moved to the city, it was a watershed moment for their loving relationship. His grandmother could no longer attend school with him. Now, he started riding a school bus to school in the city and studied English, physics, math, and many other courses that his grandmother could not understand.

She was dissatisfied with the lack of instruction on God and the Bible in the municipal school. Instead, there he was given music lessons but his grandmother said nothing.

Then the author tells that when he went to the university, he was given a room to stay there. This played the biggest role in breaking the close bond between him and his grandmother. She didn’t talk to anyone in the house anymore. She used to spend most of the time sitting with her spinning wheel in prayer to God and used to feed the birds in the evening.

When he was going abroad for higher education, his grandmother came to see him off at the airport and planted a kiss on his forehead. The author explains that he was concerned that seeing his grandmother at this age might be his last contact with her. But when he returned home after an absence of 5 years, his grandmother was there to greet him, and she rejoiced at his return.

The next morning she became unwell. Despite the doctor’s assurance that it was only a slight fever that would pass quickly, she sensed that the time for her departure from this world was drawing near. She didn’t want to waste her time talking to anyone.

Lying peacefully on her bed, she began to pray while circling the rosary with her hand. The author writes that before we suspected his lips stopped moving and the rosary fell from his lifeless fingers. A calm pallor spread over his face. We came to know that his virtuous soul had left his body. The birds she was feeding came in thousands and sat around her dead body and mourned her death.

The Portrait of a Lady Summary in Hindi

लेखक ने कथा का प्रारंभ अपनी दादी के सुगठित वर्णन से किया है। वह अपनी दादी को एक छोटी, मोटी और स्वस्थ महिला के रूप में याद करते हैं, जो थोड़ी-सी कूबड़ थीं। उनके चांदी जैसे बाल उनके वृद्ध चेहरे पर बेतरतीब ढंग से बिखरे हुए थे। वह सफेद कपड़े पहनकर पूरे घर में घूमती रहती थीं। कूबड़ के कारण उनका एक हाथ कमर पर टिका होता था, जबकि दूसरा हाथ माला जपने में व्यस्त रहता था।

लेखक उन्हें बहुत आकर्षक नहीं बल्कि हमेशा खूबसूरत मानते हैं। वह उनकी शांत अभिव्यक्ति की तुलना सर्दियों के मनोरम दृश्यों से करते हैं। लेखक लिखते हैं कि वह उन्हें सुबह-सुबह बिस्तर से उठाती थीं, उनकी लकड़ी की स्लेट को प्लास्टर करती थीं, उनका नाश्ता तैयार करती थीं और उन्हें स्कूल लेकर जाती थीं।

स्कूल से घर लौटते समय वह कुछ रोटियाँ गली के कुत्तों को खिलाती थी। लेखक बताते हैं की जब वे शहर में चले गए, तो यह उनके प्यारे रिश्ते के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। उनकी दादी अब उनके साथ स्कूल नहीं जा सकती थी। अब, वह शहर के स्कूल जाने के लिए एक स्कूल बस की सवारी करना शुरू कर दिए थे और अंग्रेजी, भौतिकी, गणित, और कई अन्य पाठ्यक्रमों का अध्ययन किया, जिन्हें उनकी दादी समझ नहीं पाईं।

वह म्यूनिसिपल स्कूल में ईश्वर और बाइबल पर निर्देशों की कमी से असंतुष्ट थी। इसके बजाय वहाँ उन्हें संगीत की शिक्षा दी गई लेकिन उनकी दादी ने कुछ नहीं कहा।

फिर लेखक बताते हैं की जब वह विश्वविद्यालय गए तो उन्हें वहाँ रहने के लिए एक कमरा दे दिया गया। इसने उनके और उनकी दादी के बीच के घनिष्ठ बंधन को तोड़ने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। वह अब घर में किसी से बात नहीं करती थीं। वह अधिकतर समय अपने चरखे के साथ बैठकर ईश्वर से प्रार्थना करने में बिताती थीं और सायंकाल चिड़ियों को दाना डाला करती थीं।

जब वह उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे थे, तो उनकी दादी उन्हें हवाई अड्डे पर छोड़ने के लिए आईं और उनके माथे पर एक चुंबन किया। लेखक बताते हैं की उन्हें इस बात की चिंता थी कि दादी को इस उम्र में देखना उसके साथ उनका आखिरी संपर्क हो सकता है। लेकिन जब वह 5 साल की अनुपस्थिति के बाद घर लौटे, तो उनकी दादी उन्हें बधाई देने के लिए वहाँ मौजूद थीं, और उन्होंने अपनी वापसी पर खुशी देखी।

अगले सुबह वह अस्वस्थ हो गई। डॉक्टर के इस आश्वासन के बावजूद कि यह केवल थोड़ा-सा बुखार है जो जल्दी से गुजर जाएगा, वह समझ गई थीं कि उनका इस दुनिया से विदा होने का समय निकट आ रहा है। वह किसी से बात करके अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहती थीं।

वह शान्तिपूर्वक अपने बिस्तर पर लेटी हुई हाथ से माला फेरते हुए प्रार्थना करने लगीं। लेखक लिखते हैं की इससे पहले कि हम सन्देह करते उनके होठ हिलने बन्द हो गए तथा माला उनकी निर्जीव उगलियों से गिर गई। उनके चेहरे पर शान्त पीलापन फैल गया। हम जान गए कि उनकी पुण्यात्मा उनके शरीर से निकल चुकी है। वह पक्षियाँ जिन्हें वह दाना डाल रही थीं हजारों की संख्या में आकर उनके शव के चारों ओर बैठ गईं और उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

QnA: The Portrait of a Lady Question Answer Up Board

The Portrait of a Lady Class 11 Hindi Explanation

अब हम Class 11 NCERT English Hornbill Prose Chapter 1 यानी The Portrait of a Lady Class 11 Paragraph Explanation करना शुरू करते हैं।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-1

My Grandmother………………………tell us.

मेरी दादी भी हर किसी की दादी की तरह, एक बूढ़ी महिला थी। बीस वर्ष मे जब से मैंने उन्हें देखा था वह बूढ़ी तथा झुर्रियों से भरी हुई थी। लोग कहते थे कि वह कभी युवती तथा सुन्दर थी तथा उनका पति भी था, लेकिन इस पर विश्वास करना मुश्किल था। मेरे दादा का चित्र अंगीठी के ऊपर बैठक में लटका हुआ था। उन्होंने पगड़ी बांधी हुई थी तथा ढीले कपड़े पहने हुए थे। उनकी सफेद लम्बी दाढ़ी से उनकी छाती का अधिकतर भाग ढका हुआ था तथा वे कम-से-कम सौ वर्ष के दिखाई देते थे। वे ऐसे नहीं लगते थे जिनकी पत्नी तथा बच्चे हों। वे तो ऐसे लगते थे जिनके केवल बहुत से पोते, पोतियाँ हों जहाँ तक मेरी दादी के जवान तथा सुन्दर होने की बात है, वह घृणात्मक विचार की थी। वे हमे बताती थी कि बचपन में ये क्या खेल खेलती थी। उनके लिए ऐसा करना मूर्खता व अपमानजनक प्रतीत होता था तथा हम उन्हें ऐसा ही मानते थे जैसा वे हमें धर्मगुरुओं के विषय में कथाएँ सुनाती थी।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-2

She had………………………and contentment.

वे सदैव से छोटी, मोटी तथा थोड़ी-सी झुकी हुई थी। उनके चेहरे पर झुर्रियाँ पड़ी हुई थी जो एक-दूसरे को काटती हुई कहीं से कहीं जाती थीं। हम विश्वास करते थे कि हमने जब से उन्हें देखा है वे सदैव से ऐसी ही थीं। वह बूढ़ी थीं, वह इतनी बूढ़ी थी कि और बूढ़ी नहीं हो सकती थी, तथा बीस वर्ष से उसी उम्र पर रुक गई थीं। वे कभी सुन्दर नहीं हो सकी होगी, लेकिन वह सुन्दर थीं। वे घर में बेदाग सफेद कपड़े पहनकर लंगड़ा कर चलती थी, अपने कूबड़ का सन्तुलन बनाए रखने के लिए अपना एक हाथ कमर पर रखती थीं व दूसरे हाथ से माला फेरा करती थी। उनके चाँदी जैसे बाल, उनके पीले, झुर्रियाँ वाले चेहरे पर बेढंग तरीके से फैले रहते थे व उनके होंठ निरन्तर चुपचाप प्रार्थना करने में हिलते रहते थे। हाँ वे सुन्दर थीं। वे शीतकाल में स्वच्छ श्वेत शान्त फैले हुए पहाड़ी भू-दृश्य जैसी थीं, जहाँ शान्ति तथा संतोष का वातावरण था।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-3

My grandmother………………………dogs.

मेरी दादी और मैं अच्छे मित्र थे। जब मेरे माता-पिता शहर में रहने के लिए चले गए तो वे मुझे उनके पास छोड़ गए तथा हम सदैव साथ रहते थे। वे मुझे सवेरे उठाती थीं तथा स्कूल के लिए तैयार करती थीं। जब वह मुझे स्नान कराती थी तथा कपड़े पहनाती थी तो वह अपनी प्रार्थना नीरस तरीके से गाया करती थी। इस आशा के साथ कि सुनकर मुझे भी याद हो जाएगी। मैं सुनता तो इसलिए था कि मुझे उनका स्वर अच्छा लगता था, लेकिन मैंने याद करने की चिन्ता नहीं की। फिर वे मेरी लकड़ी की तखती जिसे उन्होंने पहले ही मुलतानी मिट्टी से पोता हुआ था, एक छोटी-सी मिट्टी के दवात, तथा सरकंडे की कलम लाती थीं, तथा उन्हें बस्ते में बांधकर मुझे पकड़ा दिया करती थीं। फिर हम एक मक्खन तथा शक्कर लगी हुई मोटी, बासी रोटी का नाश्ता करके स्कूल जाते थे। वे अपने साथ गाँव के कुत्तों के लिए अनेक चपातियों को ले जाती थी।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-4

My grandmother………………………to them.

मेरी दादी सदैव मेरे साथ स्कूल जाती थीं क्योंकि स्कूल मन्दिर के साथ ही था। पुजारी हमें वर्णमाला तथा प्रातः कालीन प्रार्थना सिखाते थे। जब बच्चे बरामदे में दोनों ओर बैठे मिलकर वर्णमाला अथवा प्रार्थना गाते थे तो मेरी दादी अन्दर बैठकर धार्मिक पुस्तकों का पाठ करती थी। जब हम दोनों अपना काम पूरा कर चुके होते थे, तो हम दोनो घर की ओर चल देते थे। गाँव के कुत्ते हमे मन्दिर के द्वार पर मिलते थे। हम जिन चपातियों को उनके पास डालते थे वे उनके लिए लड़ते हुए गुर्राते हुए हमारे पीछे-पीछे आते थे।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-5

When my………………………city house.

जब मेरे माता-पिता आराम से शहर में बस गए तो उन्होंने हमें बुला लिया। हमारी मित्रता में यहाँ एक मोड़ आया। यद्यपि हम एक ही कमरे में रहते थे फिर भी मेरी दादी मेरे साथ स्कूल नहीं जाती थी मैं बस द्वारा अंग्रेजी स्कूल में जाता था। गली में कुत्ते नहीं होते थे तथा उन्होंने घर के आँगन में चिड़ियों को खिलाना शुरू कर दिया था।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-6

As the years………………………after that.

ज्यों ज्यो साल बीतते गए, हम एक-दूसरे से कम मिलते थे। वे कुछ समय तक तो मुझे जगाती रही तथा स्कूल के लिए तैयार करती रही। जब मैं वापस आता तो वे मुझसे पूछती थी कि अध्यापक ने मुझे क्या पढ़ाया है। मैं उन्हें अंग्रेजी के शब्द तथा पश्चिमी विज्ञान-ज्ञान के बारे में – गुरुत्व का नियम, आर्किमीडोज का सिद्धान्त तथा पृथ्वी के गोल होने की बातें बताता था। इससे वे दुखी हो जाती थी। वे मेरे पाठों में सहायता नहीं कर सकती थी। मुझे अंग्रेजी स्कूल में जो बातें वे पढ़ाते थे वह उन पर विश्वास नहीं करती थीं। तथा वह इस बात पर दुखी होती थी कि ईश्वर तथा धार्मिक ग्रन्थों के विषय में कुछ नहीं बताया जाता था। एक दिन मैंने आकर बताया कि हमे संगीत सिखाया जा रहा है। वे बहुत परेशान हो गई। उनके अनुसार संगीत का सम्बन्ध अशोभनीय चीजों से है। यह भिखारियों तथा वैश्याओं का एकाधिकार है तथा भले लोगों में इसका कोई मतलब नहीं है। वह बोली तो कुछ नहीं लेकिन उनके चुप रहने का अर्थ नाराजगी था। उसके बाद वे मुझसे कभी-कभी बोलती थी।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-7

When I………………………day for her.

जब मैं विश्वविद्यालय में गया, तो मुझे अलग से कमरा मिला। हमारी सांझी कड़ी टूट गई थी। मेरी दादी ने अपना एकांतवास शान्त भाव से स्वीकार किया। वे किसी से बात करने के लिए चरखा नहीं छोड़ती थी। वे सूर्योदय से सूर्यास्त तक चरखे पर बैठी हुई भजन गाती थी। वह थोड़ा आराम करने के लिए तीसरे पहर चिड़ियों को दाना डालने के लिए चरखे से उठती थीं। जब वे बरामदे में बैठकर रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े करती थी तो सैकड़ों छोटी-छोटी चिड़ियाँ उनके चारों ओर इकट्ठा हो जाती थी तथा ची-ची करके पागल बना देती थीं। कुछ आकर उनकी टांगों पर दूसरी कुछ उनके कंधों पर बैठ जाती थी। कुछ उनके सिर पर भी बैठ जाती थीं। वे मुस्कराती रहती थीं लेकिन उन्हें कभी भी भगाती नहीं थी। वह आधा घण्टा उनके लिए पूरे दिन में सबसे अधिक खुशी का समय होता था।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-8

When I………………………between us.

जब मैने आगे पढ़ाई के लिए विदेश जाने का निश्चय किया तो मुझे विश्वास था कि मेरी दादी बेचैन हो जाएंगी। मुझे पांच वर्ष दूर रहना था तथा कोई भी उनकी आयु के बारे में विश्वास के साथ कुछ नहीं कह सकता था। लेकिन मेरी दादी को तो विश्वास था। वे भावुक भी नहीं हुई। वे मुझे रेलवे स्टेशन पर छोड़ने आई लेकिन न वह बोली और न ही कोई भावना दिखाई। उनके होठ प्रार्थना करते हुए हिलते रहे। उनका मस्तिष्क प्रार्थना में खोया हुआ था। उनकी उगलियाँ अपनी माला फेरने में व्यस्त थी। उन्होंने चुपचाप मेरा माथा चूमा, तथा जब मैं चला तो मैंने उस गीली छाप को अपने शारीरिक सम्पर्क की अन्तिम मूल्यवान निशानी समझकर उसे अपने मन में संभाले रखा।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-9

But that………………………frivolous rebukes.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं पांच वर्ष बाद घर वापस आया तथा उन्हें स्टेशन पर मिला। वे एक दिन भी अधिक बूढ़ी नहीं लगती थी अब भी शब्दों के लिए उनके पास समय नहीं था। उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया तथा मैंने उन्हें प्रार्थना गाते हुए सुना। मेरे वापस आने के पहले दिन भी उनका सबसे अधिक खुशी का समय चिड़ियो के साथ बीता। जिन्हें वे पहले से अधिक देर तक खिलाती रही तथा हँसी से फटकारती रहीं।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-10

In the evening………………………not pray.

शाम के समय उनमें परिवर्तन हुआ। उन्होंने प्रार्थना नहीं की। उन्होंने पड़ोस की महिलाओं को इकट्ठा किया तथा एक पुरानी ढोलक लेकर गाना शुरू किया। वे कई घण्टो तक उसी ढीली-ढाली ढोलक को बजाती रही तथा वीरों के घर वापस आने के गीत गाती रही। हमें उन्हें अधिक जोर नहीं मारने के लिए राजी करना पड़ा। यह पहला अवसर था जब से मैंने उन्हें देखा कि उन्होंने प्रार्थना नहीं की थी।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-11

The next………………………talking to us.

अगली प्रातः वे बीमार हो गई। बुखार हल्का था तथा डाक्टर ने हमें बताया था कि उतर जाएगा। लेकिन मेरी दादी का विचार भिन्न था। उन्होंने हमें बताया कि उनका अन्त निकट है। उन्होंने कहा कि चूंकि वे अपने अन्तिम समय के कुछ घण्टे प्रार्थना करना भूल गई थी; उनके पास हमसे बातों में समय नष्ट करने की फुर्सत नहीं थी।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-12

We protested………………………was dead.

हमने विरोध किया। लेकिन उन्होंने हमारे विरोध पर ध्यान नहीं दिया। वे शान्तिपूर्वक बिस्तर पर लेटी हुई प्रार्थना कर रही थी तथा माला फेर रही थीं। इससे पहले कि हम सन्देह करते उनके होठ हिलने बन्द हो गए तथा माला उनकी निर्जीव उगलियों से गिर गई। उनके चेहरे पर शान्त पीलापन फैल गया तथा हम जान गए कि वे मर चुकी थी।

The Portrait of a Lady Hindi Explanation – Para-13

We lifted………………………the dustbin.

हमने रीति-रिवाज के अनुसार उन्हें बिस्तर से उठाकर फर्श पर लिटा दिया तथा उन पर लाल कफन उढ़ा दिया। कुछ घंटे दुख मनाने के बाद हम उन्हें छोड़कर अर्थी की व्यवस्था करने चले गए। सायंकाल हम दाह संस्कार के लिए अर्थी लेकर उनके कमरे में गए। सूर्य छिप रहा था तथा उनके कमरे और बरामदे में सुनहरी रोशनी की चमक फैली हुई थी। हम आँगन के बीच में ही रुके। पूरे बरामदे में तथा उनके कमरे में जहाँ वे कफन में लिपटी हुई कठोर हुई पड़ी थी। हजारो चिड़ियाँ बिखरी हुई बैठी थीं। चीं-चीं नहीं कर रही थी। हमें पक्षियों पर दया आई तथा मेरी माँ उनके लिए कुछ रोटी लेकर आई। उन्होंने जैसे मेरी दादी किया करती थी रोटी के टुकड़े-टुकड़े करके उनके पास फेंकी। चिड़ियों ने रोटी की ओर ध्यान नहीं दिया। जब हम अपनी दादी के मृत शरीर को लेकर चले, वे चुपचाप उड़ गई। अगले दिन सफाई वालो ने रोटी के टुकड़े झाड़ू से इकट्ठा करके कूड़ेदान में डाल दिए।

FAQs

What is the message of the story The Portrait of a Lady Class 11?

The message of ‘The Portrait of a Lady’ Class 11 is that we should worship and pray to God while loving each other. As in this story emerges the image of the religious grandmother who believes in being taught about the scriptures and God in school.

Who is the author of the lesson The Portrait of a Lady Class 11?

Khushwant Singh

Jalandhar Paswan is pursuing Master's in Computer Applications at MMMUT Campus. He is Blogger & YouTuber by the choice and a tech-savvy by the habit.

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