खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट The Third Level Class 12 Summary & Explanation में आप Class 12 NCERT English Vistas Chapter 1 यानि The Third Level Class 12 का सारांश और लाइन बाई लाइन करके हिन्दी व्याख्या करना सीखेंगे।
सबसे पहले आप इस चैप्टर यानि The Third Level के बारे में पढ़ते हुए लेखक के बारे में जानेंगे और फिर इस चैप्टर का Summary पढ़ने के बाद आप इस पाठ के एक-एक लाइन का हिंदी अनुवाद भी इसी पेज पर पढ़ सकेंगे।
About the Lesson – The Third Level
“The Third Level” is a psychological story that blends fantasy with reality. It revolves around Charley, a 31-year-old man who unexpectedly discovers a mysterious third level at Grand Central Station, New York. This level appears to be from the year 1894, a time of peace and simplicity. The story explores themes of escapism, nostalgia, and the human desire to find refuge from the stress of modern life. The narrative leaves the reader questioning whether the third level truly exists or is just Charley’s imagination.
About the Lesson in Hindi
“द थर्ड लेवल” एक मनोवैज्ञानिक कहानी है जो कल्पना को वास्तविकता के साथ मिलाती है। यह चार्ली नामक 31 वर्षीय व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अप्रत्याशित रूप से न्यूयॉर्क के ग्रैंड सेंट्रल स्टेशन पर एक रहस्यमयी तीसरे स्तर की खोज करता है। यह स्तर वर्ष 1894 का प्रतीत होता है, जो शांति और सादगी का समय था। कहानी पलायनवाद, पुरानी यादों और आधुनिक जीवन के तनाव से बचने की मानवीय इच्छा के विषयों की खोज करती है। कथा पाठक को यह सवाल करने पर मजबूर कर देती है कि क्या तीसरा स्तर वास्तव में मौजूद है या यह सिर्फ़ चार्ली की कल्पना है।
About the Author – Jack Finney
Jack Finney (1911–1995) was an American author known for his works in science fiction and thrillers. His most famous novel, The Body Snatchers, was adapted into multiple films. Finney often explored time travel and alternate realities in his stories. “The Third Level” is a prime example of his fascination with the interplay between past and present, fantasy and reality.
About the Author in Hindi
जैक फ़िनी (1911-1995) एक अमेरिकी लेखक थे जो विज्ञान कथा और थ्रिलर में अपने कामों के लिए जाने जाते थे। उनके सबसे प्रसिद्ध उपन्यास, द बॉडी स्नैचर्स को कई फ़िल्मों में रूपांतरित किया गया था। फ़िनी अक्सर अपनी कहानियों में समय यात्रा और वैकल्पिक वास्तविकताओं की खोज करते थे। “द थर्ड लेवल” अतीत और वर्तमान, कल्पना और वास्तविकता के बीच के अंतर्संबंध के प्रति उनके आकर्षण का एक प्रमुख उदाहरण है।
Summary of The Third Level
The story follows Charley, a New York-based man, who claims to have found a third level at Grand Central Station. According to the official records, only two levels exist, but Charley insists he has visited the third level, which transports him to the year 1894. He sees people dressed in old-fashioned attire and notices outdated elements like gaslights and brass spittoons. Charley attempts to buy tickets to Galesburg, Illinois, a peaceful town in that era, but his modern currency betrays him, and he is forced to leave.
Later, Charley tries to return to the third level but fails. His wife, Louisa, grows concerned, and even his psychiatrist friend, Sam Weiner, suggests that Charley is seeking an escape from the anxieties of the modern world. However, a surprising twist occurs when Charley discovers a letter from Sam, dated 1894, confirming that Sam has successfully reached the third level and urging Charley to keep looking for it.
The story remains open-ended, leaving the reader to wonder whether the third level is real or a psychological illusion created by Charley’s mind as a means of escape.
Hindi Summary of The Third Level
कहानी न्यूयॉर्क में रहने वाले चार्ली की है, जो ग्रैंड सेंट्रल स्टेशन पर तीसरा स्तर खोजने का दावा करता है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, केवल दो स्तर मौजूद हैं, लेकिन चार्ली जोर देकर कहता है कि वह तीसरे स्तर पर गया है, जो उसे वर्ष 1894 में ले जाता है। वह पुराने जमाने के कपड़े पहने लोगों को देखता है और गैसलाइट और पीतल के थूकदान जैसे पुराने तत्वों को नोटिस करता है। चार्ली उस युग के शांतिपूर्ण शहर, इलिनोइस के गैल्सबर्ग के लिए टिकट खरीदने का प्रयास करता है, लेकिन उसकी आधुनिक मुद्रा उसे धोखा देती है, और उसे छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है।
बाद में, चार्ली तीसरे स्तर पर लौटने की कोशिश करता है लेकिन असफल रहता है। उसकी पत्नी, लुइसा चिंतित हो जाती है, और यहाँ तक कि उसके मनोचिकित्सक मित्र, सैम वेनर, सुझाव देते हैं कि चार्ली आधुनिक दुनिया की चिंताओं से बचने की कोशिश कर रहा है। हालाँकि, एक आश्चर्यजनक मोड़ तब आता है जब चार्ली को सैम का 1894 का एक पत्र मिलता है, जिसमें पुष्टि की गई है कि सैम सफलतापूर्वक तीसरे स्तर पर पहुँच गया है और चार्ली से इसे खोजते रहने का आग्रह करता है।
कहानी खुली-खुली रहती है, जिससे पाठक को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या तीसरा स्तर वास्तविक है या चार्ली के दिमाग द्वारा बचने के साधन के रूप में बनाया गया एक मनोवैज्ञानिक भ्रम है।
The Third Level Summary in English
The story revolves around Charley, a 31-year-old man who claims to have discovered a mysterious third level at Grand Central Station, New York. Officially, the station has only two levels, but Charley insists that he accidentally stumbled upon a hidden third level, which transported him back in time to the year 1894.
Charley describes how everything at the third level seemed old-fashioned—people wore 19th-century attire, gaslights flickered, and there were brass spittoons. He saw a newspaper dated June 11, 1894, confirming that he had traveled to the past. Excited, he tried to buy tickets to Galesburg, Illinois, a peaceful town of that era, for himself and his wife, Louisa. However, when he handed over modern currency, the clerk became suspicious, and Charley had to leave quickly.
When Charley tries to find the third level again, he fails. His wife grows concerned, and his psychiatrist friend, Sam Weiner, explains that Charley might be imagining the third level as a way to escape the stress of modern life. However, in a surprising twist, Charley finds a letter from Sam, dated 1894, saying that he has reached the third level and is happily living in Galesburg. This letter makes Charley believe that the third level is real, and he continues searching for it.
The story leaves the reader wondering whether the third level truly exists or is just an illusion created by Charley’s mind to escape the pressures of the modern world.
The Third Level Summary in Hindi
कहानी 31 वर्षीय चार्ली के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दावा करता है कि उसने न्यूयॉर्क के ग्रैंड सेंट्रल स्टेशन पर एक रहस्यमयी तीसरी मंजिल की खोज की है। आधिकारिक तौर पर, स्टेशन में केवल दो मंजिलें हैं, लेकिन चार्ली जोर देकर कहता है कि वह गलती से एक छिपी हुई तीसरी मंजिल पर पहुँच गया, जिसने उसे समय में वापस वर्ष 1894 में पहुँचा दिया।
चार्ली बताता है कि तीसरी मंजिल पर सब कुछ पुराने ज़माने का लग रहा था – लोग 19वीं सदी के कपड़े पहने हुए थे, गैसलाइट टिमटिमा रही थी, और पीतल के थूकदान थे। उसने 11 जून, 1894 का एक अख़बार देखा, जिसमें पुष्टि की गई थी कि वह अतीत में यात्रा कर चुका है। उत्साहित होकर, उसने अपने और अपनी पत्नी लुइसा के लिए उस युग के एक शांतिपूर्ण शहर, गैल्सबर्ग, इलिनोइस के लिए टिकट खरीदने की कोशिश की। हालाँकि, जब उसने आधुनिक मुद्रा सौंपी, तो क्लर्क को संदेह हुआ, और चार्ली को जल्दी से वहाँ से निकल जाना पड़ा।
जब चार्ली ने फिर से तीसरी मंजिल को खोजने की कोशिश की, तो वह असफल हो गया। उसकी पत्नी चिंतित हो जाती है, और उसका मनोचिकित्सक मित्र सैम वेनर समझाता है कि चार्ली शायद आधुनिक जीवन के तनाव से बचने के लिए तीसरे स्तर की कल्पना कर रहा है। हालाँकि, एक आश्चर्यजनक मोड़ में, चार्ली को सैम का 1894 का एक पत्र मिलता है, जिसमें कहा गया है कि वह तीसरे स्तर पर पहुँच गया है और गैल्सबर्ग में खुशी से रह रहा है। यह पत्र चार्ली को विश्वास दिलाता है कि तीसरा स्तर वास्तविक है, और वह इसकी खोज जारी रखता है।
कहानी पाठक को यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या तीसरा स्तर वास्तव में मौजूद है या आधुनिक दुनिया के दबावों से बचने के लिए चार्ली के दिमाग द्वारा बनाया गया एक भ्रम मात्र है।
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The Third Level Explanation in Hindi
The Third Level का हिंदी अर्थ होगा – तीसरा स्तर। इस चैप्टर को एक अमेरिकी लेखक जैक फ़िनी के द्वारा लिखा गया है। नीचे Class 12 NCERT English Vistas Supplementary Chapter 1 यानी The Third Level Class 12 का Paragraph wise Hindi Translation दिया गया है।
[1] The presidents………………………station.
न्यूयार्क सेन्ट्रल और न्यूयार्क के अध्यक्ष न्यूहवन और हारफोर्ड रेलरोड समय सारणी के ढेर की शपथ खाकर कहते हैं कि वहाँ केवल दो ही हैं। पर मैं कहता हूँ कि वहाँ तीन हैं क्योंकि मैं ग्रैंड सेन्ट्रल स्टेशन के तीसरे लेवल पर जा चुका है। हाँ, मैंने स्वाभाविक कदम उठाया है: मैंने अन्य लोगों के अतिरिक्त अपने एक मनोरोग चिकित्सक मित्र से बात की थी। मैंने उसे ग्रैंड सेन्ट्रल स्टेशन के तीसरे लेवल के बारे में बताया, और उसने कहा कि दिन में स्वप्न देखने की इच्छा का पूरा होना है। उसने कहा कि मैं दुःखी हूँ। इस बात ने मेरी पत्नी को एक तरह से पागल ही कर दिया, पर उसने कहा कि उसका अभिप्राय है कि आधुनिक संसार असुरक्षा, भय, युद्ध, चिंता और शेष इसी प्रकार की बातों से भरा है, और यह कि मैं इससे छुटकारा पाना चाहता हूँ। खैर, कौन ऐसा नहीं चाहता है। वह हर व्यक्ति जिसे मैं जानता हूँ, छुटकारा पाना चाहता है, पर वे घूमते हुए ग्रैंड सेन्ट्रल स्टेशन के तीसरे लेवल पर नहीं जाते हैं।
[2] But that………………………you know.
पर यही कारण है, कि वह बोला और मेरे सारे मित्र सहमत थे। उनका दावा था कि हर बात इसी ओर संकेत करती थी। उदाहरण के लिए मेरा टिकटों को इकट्ठा करना, यह भी कुछ देर के लिए वास्तविकता से बचना है। अच्छा, मेरे दादा को तो वास्तविकता से बचने की कोई जरूरत न थी, जिनसे भी मैं सुनता हूँ, लगता है उस युग में सारी बातें बहुत अच्छी थी, और मेरा एकत्रीकरण (टिकटों का) उन्होंने प्रारंभ किया था। और यह एकत्रीकरण काफी सुन्दर भी है. लगभग हर अमेरिकन टिकट के चार-चार के जोड़े, पहले दिन (जिस दिन यह टिकट इश्यू होता था) के लिफाफे और इसी प्रकार से-(अन्य टिकट) आप जानते हैं, प्रेसीडेंट रूजवेल्ट भी टिकट इकट्ठे करते थे।
[3] Anyway,………………………my wife.
खैर, यहाँ ग्रैंड सैन्ट्रल पर क्या हुआ। पिछली ग्रीष्म की बात है जब में ऑफिस में देर तक काम करता रहा मुझे नगर के आवासीय भाग में अपने घर पहुँचने की जल्दी थी अतः मैंने ग्रैंड सेन्ट्रल से सब-वे पकड़ने का निश्चय किया क्योंकि यह बस से तेज चलती है।
अब मुझे नहीं पता कि मेरे साथ यह क्यों हुआ? में 31 वर्षीय चार्ले नाम का एक साधारण व्यक्ति हूँ और मैं हल्के भूरे रंग का गवाहीन का सूट और एक फैन्सी फीता बँधा स्ट्रा हैट पहने था, मैं दर्जन भर आदमियों के पास से गुजरा जो बिल्कुल मेरे जैसे लगते थे। और मैं किसी बात से बचने का प्रयत्न नहीं कर रहा था, मैं केवल अपनी पत्नी लुइसा के पास घर पहुँचना चाहता था।
[4] I turned………………………away.
मैं बैन्डरबीट ऐवन्यू से ग्रैंड सेन्ट्रल होटल की ओर मुड़ा और सीढ़ियाँ उतरकर प्रथम तल पर पहुंचा जहाँ आपको बीसवीं शताब्दी जैसी गाड़ियां मिलती हैं। तब में एक और सीढ़ी उतरकर दूसरे तल पर पहुँचा जहाँ से उपनगरीय गाड़ियाँ चलती है एक अर्द्धचंद्राकार दरवाजे के अंदर गया और अंडरग्राउंड रेलवे (subway) की तरफ बढ़ा और खो गया। यह आसान बात है मैं ग्रैंड सेन्ट्रल के अंदर-बाहर सैकड़ों बार गया हूँ, पर मुझे सदा ही नये दरवाजे, सीढ़ियाँ और कॉरीडोर मिलते रहे हैं। एक बार में एक मील लंबी किसी सुरंग में घुस गया और रूजवेल्ट होटल की लॉबी में बाहर आया। दूसरी बार में 46 स्ट्रीट की ऑफिस बिल्डिंग में आया जो तीन ब्लॉक हटकर थी।
[5] Sometimes………………………that idea.
कभी-कभी मुझे लगता है ग्रेड सेन्ट्रल एक पेड़ की तरह फैल रहा है, जड़ों की तरह नये-नये कॉरीडोर (गलियारे) और सीढ़ियाँ निकलती रहती हैं। शायद एक लंबी सुरंग है जिसके बारे में कोई नहीं जानता और जो ठीक इस समय नगर के नीचे रास्ता बनाती जा रही है, यह टाइम्स स्क्वायर की ओर जा रही है, और हो सकता है दूसरी सेन्ट्रल पार्क की ओर। और हो सकता है क्योंकि इन वर्षों में बहुत से लोगों के लिए ग्रैंड सेन्ट्रल एक बाहर निकलने का दरवाजा, एक पलायन का मार्ग बन गया है- संभव है उसी तरह से वह सुरंग जिसमें में घुसा था… पर मैंने अपने मनोरोग चिकित्सक मित्र को इस विचार के विषय में कभी कुछ नहीं बताया।
[6] The corridor………………………gaslights.
जिस कोरीडोर में मैं था वह बाईं तरफ एक कोण बनाता नीचे की ओर जा रहा था और मैंन सोचा कि यह गलत था पर मैं चलता ही गया। सुनने के लिए मेरे पास केवल अपने कदमों की खाली आवाजे का खोखला थी और मुझे रास्ते में कोई व्यक्ति नहीं मिला। तब मुझे एक प्रकार का खोखला शोर सुनाई दिया जिसका अर्थ है – खुला मैदान और बोलते हुए लोग। सुरंग तेजी से बायीं ओर मुड़ती थी, मैं एक छोटी सीढ़ी से उतरकर नीचे पहुंचा और ग्रैंड सेन्ट्रल स्टेशन के तीसरे तल पर बाहर आ गया। केवल एक क्षण के लिए मुझे लगा कि मैं एक दूसरे तल पर वापस आ गया हूँ, पर मैंने देखा कि कमरा छोटा था, टिकट खिड़कियों की संख्या और ट्रेन के दरवाजे (गेट) कम थे और मध्य में बना लकड़ी का सूचना कक्ष पुराने डिजाइन का था और उस कक्ष में बैठे व्यक्ति ने हरा नेत्ररक्षक और लम्बे काले आस्तीन रक्षक पहन रखे थे। दीपक मंद थे और एक तरह से टिमटिमा रहे थे और तब मैंने देखा कि अरे वे तो खुली ज्वाला वाली गैस लाइटें थी।
[7] There were………………………I knew.
फर्श के ऊपर पीतल के थूकदान रखे थे और स्टेशन के दूसरी ओर से मेरी आँखों में एक रोशनी की क्षणिक चमक आई, कोई व्यक्ति अपनी जैकेट की जेब से सोने की घड़ी निकाल रहा था। उसने तेजी से उसका कवर (ढक्कन) हटाया, अपनी घड़ी को देखा और क्रोधित हो उठा। वह एक डरबी हैट और छोटे लैपल मोड़ी वाला चार बटन का सूट पहने था और उसकी बड़ी काली मूछें थीं जो दोनों तरफ ऊपर की ओर मुड़ी थीं। फिर मैंने चारों ओर देखा और पाया कि स्टेशन पर हर व्यक्ति अठारह सौ नब्बे या उसके पास के समय वाले कपड़े पहने थे। मैंने अपने जीवन में कभी इतनी दाढ़ियाँ, गलमुच्छे (गाल के बाल) और फैन्सी मूँछे नहीं देखीं। ट्रेन के गेट से एक औरत अंदर आयी, उसने ऐसी ड्रेस पहनी थी जिसके बाजू लेग आफ मटन (सुन्दर पोशाक) के डिजाइन के थे और उसकी स्कर्ट उसके ऊँचे बटनों वाले जूते के ऊपरी भाग तक आती थी। उसके पीछे पटरी के ऊपर मैंने एक इंजन की झलक देखी। यह कूरियर एण्ड ईव्ज कंपनी का बड़ा छोटा-सा इंजन था जिसकी कीप (फनल) जैसी चिमनी थी और तब मैं समझ गया।
[8] To make………………………for that.
निश्चित करने के लिए, मैं अखबार वाले लड़के के पास गया और उसके कदमों पर रखे अखबारों के ढेर पर नजर डाली। यह ‘दि वर्ल्ड’ था, और दि वर्ल्ड का प्रकाशन कई वर्ष पहले बंद हो चुका है। प्रमुख समाचार में प्रेसीडेंट क्लीवलैंड के बारे में कुछ था। बाद में वह पहला पृष्ठ मुझे पब्लिक लाइब्रेरी की फाइलों से मिल चुका है और यह 11 जून, 1894 को छपा था।
मैं टिकट खिड़की की ओर मुड़ा यह जानकर कि यहाँ-ग्रैंड सेन्ट्रल के तीसरे तल पर मैं ऐसे टिकट खरीद सकता जो मुझे और लुइसा को वर्ष 1894 में अमेरिका के जिस भाग में चाहे वहीं ले जा सकते थे। और मुझे गेलिसबर्ग, इलीनोइस के दो टिकट चाहिये थे।
क्या आप कभी वहाँ गये हैं? अभी भी यह एक अद्भुत नगर है, यहाँ पुराने जमाने के लकड़ी के ढाँचे वाले घर, बड़े लान, विशाल पेड़ जिनकी टहनियाँ सिर के ऊपर आसमान में मिलकर सड़क को ढक देती हैं। और 1894 में गर्मी की शामे आज की अपेक्षा दो गुनी बड़ी होतीं थीं, लोग बाहर अपने लान में बैठा करते थे, आदमी सिगार पीते हुए शांति से बातें किया करते, औरतें ताड़ के पत्तों से हवा करती होती और इस शांतिपूर्ण संसार में हर तरफ जुगनू होते थे। ऐसे समय वहाँ पहुँचना जबकि प्रथम विश्व युद्ध अभी 20 वर्ष दूर और द्वितीय विश्व युद्ध के भविष्य में 40 वर्ष शेष हों… मैं वहाँ के लिए दो टिकट चाहता था।
[9] The clerk………………………in 1894.
क्लर्क ने किराये का हिसाब लगाया – उसने मेरे हैट पर बंधे फैंसी फीते को देखा, पर उसने किराया बताया- और मेरे पास गाड़ी के दो टिकटों के लिए एक तरफ का किराया था। पर जब मैंने पैसे गिनकर दिये और ऊपर देखा, क्लर्क मुझे घूर रहा था। उसने नोटों को देखकर गर्दन हिलायी। “मिस्टर ये पैसा नहीं है,” वह बोला, अगर तुम मुझे धोखा देना चाहते हो तो तुम्हें अधिक सफलता नहीं मिलेगी, और उसने अपने पास रखे नगदी के दराज को देखा। वाकई सारा पैसा पुराने ढंग के नोटों में था, जो नोट हम आज प्रयोग करते हैं उनसे आधे आकार के और दिखने में अलग। मैं पीछे मुड़ा और तेजी से भाग निकला। जेल चाहे 1894 की ही हो, उसमें कुछ अच्छा नहीं है।
और अब कहने या करने को कुछ नहीं बचा था। मेरा ख्याल है कि मैं जिस रास्ते से गया था, उसी से वापस आ गया। अगले दिन, लंच के समय बैंक से 300 डालर निकाले, लगभग इतने ही पैसे हमारे पास थे, और पुराने जमाने की करेंसी (मुद्रा) खरीदी (इस बात से मेरा मनोरोग चिकित्सक मित्र, वाकई चिंतित हो उठा था)। आप पुरानी मुद्रा किसी भी सिक्का विक्रेता से खरीद सकते हैं पर इसके लिए आपको अतिरिक्त प्रीमियम देना होगा। मेरे 300 डालर के बदले पुराने नोटों में 200 डालर से भी कम मिले, पर मुझे चिन्ता न थी, 1894 में अण्डे 13 सेंट प्रति दर्जन मिला करते थे।
[10] But I’ve………………………in the envelop.
पर मुझे, ग्रैंड सेन्ट्रल पर फिर वह गलियारा कभी नहीं मिला जो तीसरे तल को जाता है, यद्यपि मैंने कई बार प्रयत्न किया। जब मैंने यह सब बताया तो लुइसा काफी चिंतित हो उठी, और वह चाहती थी कि मैं अब तीसरे तल की तलाश बंद कर दूँ और कुछ समय बाद मैंने बंद कर दी, मैं वापस अपने टिकटों पर आ गया। पर अब हर सप्ताहांत हम दोनों तलाशते हैं क्योंकि अब हमारे पास प्रमाण है कि तीसरा तल अभी भी है। मेरा मित्र सैम वीनर गायब हो गया। कोई नहीं जातना कि कहाँ पर है परन्तु मुझे एक तरफ से शंका थी। क्योंकि सैम शहर का लड़का था और मैं उसे गैलिसबर्ग के बारे में बताता रहता था मैं वहाँ स्कूल में में पढ़ता था और वह हमेशा कहता था कि उसे उस स्थान का नाम पसंद है और अब वह 1894 में नहीं हैं।
क्योंकि एक रात, अपने इकट्ठे किए टिकटों पर कुछ अधिक ध्यान देने पर मैंने पाया – वैसे क्या आप जानते हैं कि फस्ट डे कवर क्या होता है? जब कोई नया डाक टिकट आता है तब डाक टिकट इकट्ठा करने वाले कुछ टिकट खरीद लेते हैं और बिक्री के पहले दिन ही उन्हें लिफाफे पर लगाकर स्वयं को डाक से भेज देते हैं, और डाकखाने की मुहर से यह सिद्ध हो जाता है। उस लिफाफे को फस्ट-डे कवर कहते हैं। उन्हें कभी खोला नहीं जाता है, आप उस लिफाफे में केवल कोरा कागज रख देते हैं।
[11] That night,………………………it read:
उस रात, अपने सर्वाधिक पुराने फस्ट डे कवर के बीच मुझे एक ऐसा मिला जो वहां नहीं होना चाहिए था। परं वह वहाँ था। यह वहाँ इसलिए था क्योंकि किसी ने इसे गेलिसबर्ग में मेरे दादा के घर डाक से भेजा था, लिफाफे पर लिखे पते से यहीं लगता था। और यह वहाँ पर 18 जुलाई, 1894 से पड़ा था – डाकखाने की मोहर से यह स्पष्ट था फिर भी मुझे इसकी बिलकुल याद न थी। यह छः सेंट का टिकट था, हल्के भूरे रंग का, इस पर प्रेसीडेंट गैरफील्ड का चित्र था। स्वाभाविक था कि जब यह लिफाफा डाक से मेरे दादा के पास आया, यह सीधा उनके एकत्रीकरण में जा पहुंचा और वहीं पड़ा रहा – जब तक कि मैं इसे निकाल कर खोला नहीं। अंदर कोरा कागज न था। उस पर लिखा था:
941 विलॉर्ड स्ट्रीट
गेलिसबर्ग इलीनुइस
जुलाई 18, 1894
चार्ले
मैं आशा करने लगा था कि तुम्हारी बात ठीक हो। फिर मैं विश्वास करने लगा कि तुम्हारी बात ठीक है। और चार्ले, यह सच है मुझे तीसरा तल मिल गया, मैं दो सप्ताह से यहाँ पर हूँ और इस समय नीचे तल पर, डेली पर कोई आदमी पियानो बजा रहा है, और वे सब सामने वाले पोर्च में ‘सीइंग नेली होम’ गा रहे हैं। ‘नैली को घर तक पहुँचाना।’ और मुझे लैमन (नीबू का शर्बत) पीने के निमंत्रण मिलते हैं। चार्ले और लुइसा, वापस आ जाओ। खोजते जाओ जब तक कि तुम्हें नीसरा तल न मिल जाये। मेरी बात मानो, यह काम करने लायक है। उस पत्र पर सैम के हस्ताक्षर हैं।
[12] The note………………………psychiatrist.
टिकट और सिक्कों की जिस दुकान पर में जाता हूँ, मुझे पता लगा कि सैम ने आठ सौ डॉलर खर्च कर पुरानी करेंसी खरीदी थी। इस धन से वह एक छोटा सा भूसी, चारा और अनाज का धंधा चला सकता था। वह सदा कहता था कि वह यही काम करना चाहता था, निस्संदेह वह अपने पुराने धंधे पर नहीं लौट सकता। कम से कम 1894 में गेलिसबर्ग इसीनुइस में तो नहीं। उसका पुराना धंधा? अरे, सैम वह मेरा मनोरोग चिकित्सक था।