We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation & Summary

खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation में हम Class 11 NCERT English Hornbill Prose Chapter 2 यानि We are not Afraid to Die Class 11 का लाइन बाई लाइन करके Hindi Explanation करना सीखेंगे।

लेकिन सबसे पहले We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation के अंतर्गत हम We are not Afraid to Die Class 11 के About the Author और फिर About the Lesson के बारे में पढ़ेंगे और उसके बाद इस चैप्टर के Summary को पढ़ेंगे।

We are not Afraid to Die Class 11

We are not Afraid to Die जिसका हिंदी अर्थ होगा – हम मरने से नहीं डरते…। इस चैप्टर का पूरा नाम WE’RE NOT AFRAID TO DIE… IF WE CAN ALL BE TOGETHER है। इस चैप्टर को एक एक कनाडाई ओलंपिक नाविक गॉर्डन कुक और एक कानूनी प्रशिक्षक एलन ईस्ट के द्वारा लिखा गया है। चलिए Gordon Cook and Alan East के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

We are not Afraid to Die Class 11 About the Author

Gordon Cook is a Canadian Olympic sailor. He was born on December 3, 1978, in Toronto, Canada. His father’s name was Stephen Cook. he was a computer scientist. Cook is a graduate of the Engineering Physics program at Queen’s University. At Queen’s University, he also met his 2012 Olympic team partner Ben Remoker who was also a member of the University Sailing Team. He sails for the Royal Canadian Yacht Club.

Alan East was a legal instructor. He was born on 18 November 1923 in East Derry, New Hampshire. Alan East was a litigator, manager, and legal instructor. He co-founded and manages a niche legal practice in prison law and criminal litigation. He started a trust to improve the standard of secondary education. He was a member of the Royal Canadian Yacht Club. He established the Central Academies Trust, a multi-academy trust.

We are not Afraid to Die About the Author in Hindi

गॉर्डन कुक एक कनाडाई ओलंपिक नाविक हैं। उनका जन्म 3 दिसंबर, 1978 को कनाडा के टोरंटो में हुआ था। उनके पिता का नाम स्टीफन कुक था। वह एक कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। कुक क्वीन विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग भौतिकी प्रोग्राम के स्नातक हैं। क्वीन्स यूनिवर्सिटी में, उन्होंने अपने 2012 ओलंपिक टीम पार्टनर बेन रेमोकर से भी मुलाकात की जो यूनिवर्सिटी सेलिंग टीम के सदस्य थे। वह रॉयल कैनेडियन यॉट क्लब के लिए जलयात्रा करते हैं।

एलन ईस्ट एक कानूनी प्रशिक्षक थे। उनका जन्म 18 नवंबर 1923 को न्यू हैम्पशायर के ईस्ट डेरी में हुआ था। एलन ईस्ट एक मुकदमेबाज, प्रबंधक और कानूनी प्रशिक्षक थे। उन्होंने जेल कानून और आपराधिक मुकदमेबाजी में एक आला कानूनी अभ्यास का सह-स्थापना और प्रबंधन किया। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए एक ट्रस्ट शुरू किया। वह रॉयल कैनेडियन यॉट क्लब के सदस्य थे। उन्होंने एक बहु-अकादमी ट्रस्ट सेंट्रल अकादमियों ट्रस्ट की स्थापना की।

We are not Afraid to Die Class 11 About the Lesson

The story ‘We Are Not Afraid to Die… If We Can All Be Together’ describes a merchant’s voyage. The merchant was 37 years old and his wife had a dream. They wanted to undertake the same voyage round the world as the explorer, Captain James Cook undertook 200 years ago. In this lesson, let us read how a mighty wave broke over them and damaged the ship. But they struggled and survived that stormy wave.

In fact, this chapter is about Caldwell’s journey with his family on a sailboat from the Canary Islands to the Caribbean. They make their journey through the Atlantic Ocean which is described in this lesson.

We are not Afraid to Die About the Lesson in Hindi

कहानी ‘वी आर नॉट अफ्रेड टू डाई… इफ वी कैन ऑल बी टुगेदर’ एक व्यापारी की यात्रा का वर्णन करती है। वह व्यापारी 37 साल का था और उसकी पत्नी का एक सपना था। वे दुनिया भर में वैसी ही जलयात्रा करना चाहते थे जैसी खोजकर्ता कैप्टन जेम्स कुक ने 200 साल पहले की थी। इस पाठ में आइए हम पढ़ें कि कैसे एक शक्तिशाली लहर उन पर टूट पड़ी और जहाज को क्षतिग्रस्त कर दिया। लेकिन उन्होंने संघर्ष किया और उस तूफ़ानी लहर से बच गए।

दरअसल यह अध्याय कैलडवेल के यात्रा के बारे में है जो अपने परिवार के साथ कैनरी द्वीप समूह से कैरेबियन की ओर एक सैलबोट से अपनी यात्रा करते हैं। वे अपनी यात्रा अटलांटिक महासागर से होते हुए तय करते हैं जिसका वर्णन इस पाठ में किया गया है।

We are not Afraid to Die Class 11 Summary

The chapter “We Are Not Afraid to Die… If We Can All Be Together” is an abridged version of John Caldwell’s book.

The chapter begins with a 37-year-old merchant setting sail with his wife Mary, 6-year-old son Jonathan, and 7-year-old daughter Suzanne. In the beginning, their journey is very pleasant and enjoyable. But as they travel through the distant ocean, they are faced with dangerous ocean waves that repeatedly topple their boat, the Wavewalker, and put their lives in danger.

Despite facing extreme danger and the possibility of death, the merchant and his family remain determined to survive and repair their boat. They work together as a team, using their skills and acumen to make necessary repairs and keep the boat afloat. They also face many other challenges such as equipment failure, adverse weather conditions, and lack of food and water.

Finally, after weeks of struggle, the merchant and his family manage to fix their boat and reach the island. He is warmly welcomed by the local people and his journey ends on a hopeful note.

The chapter highlights themes of courage, determination, and family bonds, and emphasizes the importance of facing challenges with a positive attitude and a strong will to survive. Along with this, it also shows the importance of family unity and perseverance in the face of adversity.

We are not Afraid to Die Summary in Hindi

अध्याय “वी आर नॉट अफ्रेड टू डाई… इफ वी कैन ऑल बी टुगेदर” जॉन कैलडवेल की पुस्तक का एक संक्षिप्त संस्करण है।

यह अध्याय एक 37 वर्षीय व्यापारी उसकी पत्नी मैरी, 6 वर्ष का बेटा जोनाथन, 7 वर्ष की बेटी सुजैन की जलयात्रा पर निकलने के साथ शुरू होता है। शुरुआत में उनका यात्रा बहुत सुखद और आनंददायक होता है। लेकिन जैसे-जैसे वे सुदूर समुन्द्र के माध्यम से यात्रा करते हैं, उनका सामना खतरनाक समुन्द्री लहरों से होता है जो बार-बार उनकी नाव वेववाकर को टक्कर मारती है और उनके जीवन को खतरे में डालती है।

अत्यधिक खतरे और मृत्यु की संभावना का सामना करने के बावजूद, व्यापारी और उसका परिवार जीवित रहने और अपनी नाव की मरम्मत करने के लिए दृढ़ संकल्पित रहता हैं। वे आवश्यक मरम्मत करने और नाव को बचाए रखने के लिए अपने कौशल और कुशलता का उपयोग करते हुए एक टीम के रूप में एक साथ काम करते हैं। वे कई अन्य चुनौतियों जैसे उपकरण की विफलता, प्रतिकूल मौसम की स्थिति और भोजन और पानी की कमी का भी सामना करते हैं।

अंत में, कई हफ्तों के संघर्ष के बाद, व्यापारी और उसका परिवार अपनी नाव को ठीक करने और द्वीप तक पहुंचने में कामयाब हो जाता है। स्थानीय लोगों द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है और उनकी यात्रा एक उम्मीद भरे नोट पर समाप्त होती है।

यह अध्याय साहस, दृढ़ संकल्प और पारिवारिक बंधनों के विषयों पर प्रकाश डालता है, और सकारात्मक दृष्टिकोण और जीवित रहने की दृढ़ इच्छा के साथ चुनौतियों का सामना करने के महत्व पर जोर देता है। इसी के साथ प्रतिकूल परिस्थितियों में पारिवारिक एकता और दृढ़ता के महत्व को भी दर्शाता है।

QnA: We are not Afraid to Die Question Answer Up Board

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation

अब हम Class 11 NCERT English Hornbill Prose Chapter 2 यानी We are not Afraid to Die Class 11 Paragraph Explanation करना शुरू करते हैं।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-1

In July………………………Indian Ocean.

जुलाई 1976, में मेरी पत्नी मैरी, 6 वर्ष का बेटा जोनाथन, 7 वर्ष की बेटी सुजैन तथा मैं 200 वर्ष पूर्व कैप्टन जेम्स कुक द्वारा चलाई गई संसार का चक्कर लगाने वाली समुद्री यात्रा को दोहराने के लिए इंग्लैंड में प्लाईमाउथ से चले। मैं 37 वर्ष का व्यापारी तथा मेरी पत्नी मैरी ने कई वर्षों से उस प्रसिद्ध खोजकर्त्ता का अनुसरण करने का स्वप्न देखा था, तथा पिछले 16 वर्षों में हमने अधिकतम रिक्त समय ब्रिटेन के समुद्र में अपने समुद्रगामी कौशल को तेज बनाने में लगाया था।
हमारी नाव वेववाकर 23 मीटर लम्बी, 30 टन भारी लकड़ी के पेटा वाली सुन्दर थी जिसे व्यवसायियों ने बनाया था तथा हमने उसमें साज-सामान लगाने तथा तूफानी मौसम में परखने में कई महीने बिताए थे।
अपनी 3 वर्ष की 105,000 किमी लम्बी आयोजित यात्रा का प्रथम चरण अफ्रीका के पश्चिमी तट के साथ केपटाऊन तक हंसी-खुशी के साथ व्यतीत हो गया। वहाँ पूर्व की ओर बढ़ने से पहले, हमने विश्व के सबसे तूफानी समुद्र, दक्षिणी हिन्द महासागर का सामना करने के लिए दो नाविक लिए – अमेरिकी लेरी विजिल तथा स्विस हर्ब सेगलर।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-2

On our………………………and awaited.

केपटाऊन से चलने के दूसरे दिन हमारा मुकाबला प्रबल तूफान से होने लगा। वे अगले कुछ सप्ताह तक लगातार चलते रहे। तूफ़ानों की तो मुझे चिन्ता नहीं थी लेकिन लहरों का आकार भयावह था – 15 मीटर हमारे मुख्य मस्तूल जितना ऊँचा।
15 दिसम्बर को हम केपटाऊन से 3500 किमी पूर्व में थे। मौसम बहुत खराब होने के बावजूद भी हमने छुट्टी शानदार तरीके से क्रिसमस पेड़ के साथ मनाई। नववर्ष दिवस पर मौसम में कोई सुधार नहीं हुआ, लेकिन हमारी दलील थी मौसम जरूर बदलेगा तथा बदल भी गया- पहले से बुरा।

2 जनवरी सूर्योदय के समय, लहरे विशाल थीं। हम केवल एक छोटा तिकोना पाल लेकर यात्रा कर रहे थे तथा अब भी 8 समुद्री मील की गति से चल रहे थे। जब नाव प्रत्येक लहर की चोटी तक पहुंचती थी तो हमे अनन्त दीर्घाकार समुद्र अपनी ओर आता हुआ दिखाई देता था, तथा चीखती हुई पवाने तथा फुहार कानों में चुभती थीं। हमने नाव की गति धीमी करने के लिए तूफान का तिकोना पाल नीचा किया तथा नाव को बांधने वाली भारी रस्सी का फंदा बनाकर नाव के पिछले भाग में बांध दिया। हमने प्रत्येक चीज को दोहरा बांधा अपने जीवन रक्षक बेड़े की ड्रिल की रक्षा तारे बाँधी, जलरोधक कपड़े तथा लाईफ जैकेट पहनी, तथा प्रतीक्षा करने लगे।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-3

The first………………………hang on.

घोर सन्निकट विपत्ति का संकेत अनिष्ट सूचक स्तब्धता के साथ लगभग छः बजे आया। हवा रुक गई, तथा आकाश बिल्कुल काला हो गया। फिर बढ़ता हुआ शोर सुनाई पड़ा, तथा एक विशाल बादल नाव के पीछे मीनार की तरह खड़ा हो गया। मैं यह जानकर डर गया कि यह बादल नहीं था, बल्कि लहर थी। ऐसी जैसी मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। वह पूरी लम्बवत् थी, तथा दूसरी लहरों की अपेक्षा दुगुनी बड़ी थी तथा उसकी भयावह चोटी टकराने को तैयार थी।

गरज बढ़कर गड़गड़ाहट बन गई तथा नाव का पिछला भाग लहर की ओर उठ गया तथा एक पल के लिए मैंने सोचा कि नाव लहर के ऊपर चढ़ जाएगी। लेकिन उसी समय भयंकर धमाके से नाव का डेक हिल गया। हरे-सफेद पानी की प्रचण्ड धारा नाव पर टूट पड़ी, मेरा सिर पहिए से टकरा गया तथा मुझे एहसास था कि मैं नाव पर से उड़कर धारा में दूब रहा था। मैंने अपनी आती हुई मृत्यु को स्वीकार कर लिया था तथा जब मैं बेहोश हो रहा था तो मैं पूरे तरीके से शान्त था।

मेरा सिर अचानक पानी से बाहर निकला। वेववाकर कुछ मीटर पर लगभग उलट सी गई थी, उसके मस्तूल क्षैतिज हो गए थे। फिर एक लहर ने उसे धकेल कर सीधा कर दिया। मेरी जीवन रक्षा तार झटके से कस गई थी। मैंने गार्ड रेल्स को पकड़ लिया तथा हवा में से तैरकर वेववाकर की मुख्य लम्बी कड़ी में गया। उसके बाद लहरों ने डेक पर कपड़े की गुड़िया की तरह इधर-उधर पटका। मेरी बाई पसलियाँ चटक गई। मेरा मुँह खून तथा टूटे दांतो से भर गया। जैसे-तैसे मैंने पहिया ढूंढा, नाव का स्टर्न अगली लहर के लिए सीधा किया तथा पहिए को पकड़े रखा।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-4

Water,………………………heads.

हर जगह पानी ही पानी था। मुझे लग रहा था कि नाव में नीचे पानी था लेकिन मैं सन्तुलन चक्र छोड़ कर जाने का साहस नहीं कर सकता था। फल्का अचानक खुल गया, तथा मैरी प्रकट हुई। “हम डूब रहे हैं।” वह चिल्लाई, “डेक टूट-फूट गए हैं। हमारी नाव पानी से भरी हुई है।”
लैरी तथा हर्ब पागलों की तरह पम्प से पानी बाहर निकाल रहे थे। टूटे हुए शहतीर टेढ़े-मेढ़े लटके हुए थे। तथा नाव दाईं तरफ से अन्दर की ओर उभरी हुई थी। कपड़े, क्राकरी, नक्शे, डिब्बे तथा खिलौने गहरे पानी में उछल रहे थे।
कुछ तैर कर, कुछ रेंग कर; मैं बच्चों के केबिन में पहुंचा। “तुम ठीक हो?” मैंने पूछा “हाँ” उन्होंने ऊपर को बर्थ से उत्तर दिया। “लेकिन मेरा सिर दुखता है”, आंखों के ऊपर एक बड़े गुमट की ओर संकेत करते हुए स्यू ने कहा। मेरे पास टक्कर खाये सिरों के विषय मे चिन्ता करने का समय नहीं था।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-5

After………………………main anchor.

हथौड़ा, पंच तथा कैनवास लेकर मैं बहुत कठिनाई से डेक पर वापस गया। नाव दाईं तरफ से टूट कर खुलने के कारण प्रत्येक लहर के टकराने से पानी अन्दर आ रहा था। यदि मैंने मरम्मत न की, तो हम निश्चय ही डूबेंगे।
मैने किसी-न-किसी तरह खुले सुराखो पर कैनवास खींच कर जड़ दी और दरवाजों को जलरोधक कवर से पक्का कर दिया। थोड़ा पानी फिर भी नीचे से बहकर आता रहा, लेकिन अधिकतर पानी साइड पर से मुड़कर बहने लगा।
जब केबिन के आस-पास तैरते हुए कचरे से हैड पम्प रुँधने लगा तथा बिजली का पम्प शार्ट सर्किट हो गया, तो और समस्याएं खड़ी हो गई। पानी का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ने लगा। मैंने डेक पर वापस आकर देखा कि हमारे दो अतिरिक्त पम्प झटके से टूटकर नाव से अलग गिर गए हैं तथा साथ ही आग वाला पाल, तिकोना पाल, डींघिया तथा प्रमुख लंगर भी।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-6

Then I………………………us all.”

तब मुझे याद आया कि हमारे पास चार्टरूम के फर्श पर एक बिजली का पम्प और है। मैंने उसे एक निकास पाइप से जोड़ा, तथा धन्यवाद किया कि वह चल पड़ा।
रात ठंड में लगातार पम्प से पानी निकालने, नाव का परिचालन करने, रेडियो चलाने में धीरे-धीरे बीत गई। हमे अपने डेरिडिओ से भेजे संदेशों का कोई उत्तर नहीं मिल रहा था। लेकिन इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं थी क्योंकि हम विश्व के सुदूर कोने में थे।
स्यू का सिर खतरनाक तरीके से सूज चुका था। उसकी आँखें भी सूजी हुई थी और उसने अपनी बाजू पर गहरा घाव दिखाया। जब मैंने पूछा कि उसने अपनी चोटों की ओर और पहले ध्यान क्यों नहीं दिया तो उसने उत्तर दिया, “जब आप हम सब को बचाने की कोशिश कर रहे थे तो मैं आपको चिन्तित करना नही चाहती थी।”

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-7

By morning………………………two days.

3 जनवरी की सुबह तक पम्पों में पानी का स्तर इतना नियन्त्रित हो गया था कि हम बारी-बारी से दो घण्टे आराम कर सकते थे। लेकिन फिर भी जल रेखा में नीचे कहीं कोई बड़ा छेद था, और जाँच करने पर मैंने देखा कि नाव का प्रमुख कैची ढांचा टूटकर नौटल पर गिर गया था। वास्तव में दाईं ओर का एक पूरा भाग अतिरिक्त अलमारियों के खानों के और किसी चीज पर टिका न था।

लहर के टकराने के 15 घण्टे बाद तक तो हम बचे रहे लेकिन वेववाकर आस्ट्रेलिया पहुँचने तक साबुत नहीं बच सकती थी। मैंने चार्ट का निरीक्षण किया और गणना की कि पूर्व की ओर कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर दो छोटे-छोटे द्वीप हैं। उनमें से एक आइल एमस्टर्डम फ्रांस का वैज्ञानिक केन्द्र था। हमारा बचाव विशाल सागर में इन दो सुई के छेदों जैसे द्वीपों पर पहुंचने पर ही हो सकता था। लेकिन हवा तथा सागर के शान्त होने तक हम अपने पाल नहीं खोल सकते थे तथा हमारी बचने की आशा बहुत कम थी। उस विशाल लहर ने हमारा सहायक इंजन क्रियाहीन कर दिया था।

4 जनवरी को 36 घण्टे के निरन्तर पम्प करने के बाद पानी का स्तर केवल कुछ सेटीमीटर रह गया था। अब हमें केवल उतना ही पानी निकालना जारी रखना था जितना छेद से अन्दर आ रहा था। हम मुख्य मस्तूल पर पाल नहीं लगा सकते थे। ऐसा करने पर साज-सामान पर इतना दबाव पड़ता कि वह पेटे के क्षतिग्रस्त आग के टुकड़े कर देता। इसलिए हमने तूफानी तिकोना पाल फहराया तथा उस ओर चल दिए जहाँ मेरे विचार में वे दो द्वीप थे। मैरी नमकीन माँस तथा करारे बिस्कुट लाई थी तथा हमने लगभग दो दिन बाद पहला भोजन किया था।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-8

But our………………………of paraffin.

परन्तु विश्राम अधिक देर तक नहीं मिला। चार बजे काले बादल हमारे पीछे बनने शुरू हो गए। घंटे भर में हवा फिर 40 समुद्री मील की गति से चलने लगी तथा समुद्र में लहरे ऊंची होने लगी। पूरी रात मौसम बिगड़ता गया तथा 5 जनवरी की सुबह हमारी स्थिति फिर से निराशाजनक हो गई।

जब मैं बच्चों को दिलासा देने के लिए अन्दर गया, जॉन ने पूछा “डैडी, क्या हम मरने वाले है?” मैंने उसे विश्वास देने की कोशिश की कि हम बचने में सफल होंगे। “लेकिन डैडी” वह बोला, “हम मरने से नहीं डरते यदि हम सभी एक साथ मरे- आप, मम्मी, स्यू और मैं।”

उत्तर देने के लिए मेरे पास शब्द नहीं थे, लेकिन जो भी मेरे पास था उसके साथ समुद्र से सामना करने का संकल्प लेकर मैं बच्चों के पास से आया। दाई कमजोर वाली तरफ को मैंने बिना क्षतिग्रस्त बाई तरफ जिस ओर में लहरे आ रही थी उसे बांधने का निश्चय किया तथा इसके लिए भारी नाइलॉन की रस्सियों तथा 22 लीटर वाले मिट्टी के तेल के प्लास्टिक ढोल कामचलाऊ लंगर बनाने में प्रयोग किए।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-9

That evening………………………had made.

उस सायंकाल, मैरी व मैं हाथ में हाथ डालकर बैठे थे तथा टूटे हुए तख्तों में से पानी अन्दर आ रहा था। हम दोनों को महसूस हुआ कि हमारा अन्त निकट था।
परन्तु वेववाकर लहरों तथा तूफान में से निकलने में सफल रही तथा 6 जनवरी को हवा धीमी होने पर मैंने सेक्सटेन्ट पर देखने का प्रयास किया। मैने चार्टरूम में वापस आकर हवाओं की गति, मार्ग में परिवर्तन, बहाव तथा धाराओं आदि का हिसाब लगाया ताकि अपनी स्थिति का पता लगा सकूं। मैं अधिक-से-अधिक यह पता लगा सका कि हम 150,000 किलोमीटर के सागर में कहीं पर है तथा 65 किमी द्वीप की खोज कर रहे हैं।
जब मैं बैठा हुआ सोच रहा था, स्यू दर्द सहन करते हुए चलकर मेरे पास आई। उसका सिर बाई ओर से बहुत सूज गया था तथा उसकी काली आँखे छोटी होकर केवल रेखा छिद्र बन गई थी। उसने मुझे एक कार्ड दिया जो उसने बनाया था।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-10

On the………………………about 5 p.m.

कार्ड पर उसने मैरी तथा मेरा व्यंगचित्र बना रखा था तथा ये शब्द लिखे थे, “ये बहुत विचित्र लोग हैं। क्या आपको देखकर हंसी आई? मैं तो बहुत हंसी।” अन्दर संदेश था, “ओह, मैं आप दोनों को कितना प्यार करती हूँ। यह कार्ड आपको धन्यवाद देने के लिए है। तथा हमें सब कुछ ठीक होने की आशा करनी चाहिए।” हमें किसी तरह सफल तो होना ही था।

मैने अपनी गणनाओं को जाँचा तथा पुनः जाँचा। हम अपनी मुख्य कम्पास खो चुके थे। मैं एक अतिरिक्त वाली प्रयोग कर रहा था जिसे चुम्बकीय परिवर्तनों के लिए ठीक नहीं किया था। मैंने इसके लिए गुंजाइश रखी तथा हिन्द महासागर के इस भाग में चलने वाली पश्चिमी हवाओं के प्रभाव का आंकलन करने के लिए।

सायंकाल, लगभग 2 बजे मैं डेक पर गया तथा लैरी को नाव का परिचालन 180 डिग्री के मार्ग पर करने के लिए कहा, जो मुझे अनुभव नहीं हो रहा था कि वह 5 बजे सायं तक द्वीप पर पहुंचने की आशा कर सकता है।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-11

Then with………………………a battleship.”

फिर उदासी के साथ मैं नीचे आकर बंक में चढ़ गया तथा आश्चर्य की बात यह है कि मुझे नींद आ गई। जब मैं जागा तो सायं के 6 बजे थे और अन्धेरा हो रहा था। मैं जान गया कि द्वीप पीछे रह गया है तथा पाल हमारे पास रह गया था उससे हम पश्चिमी हवाओं के विरुद्ध आगे नहीं बढ़ सकते थे।

उस पल मेरे बंक के पास अस्त-व्यस्त बालों वाला सिर दिखाई दिया। “क्या मैं गले लग सकता हूँ?” जोनाथन ने पूछा। स्यू भी ठीक उसके पीछे थी।
“अब मुझे गले क्यों मिल रहे हो?” मैंने पूछा।
“क्योंकि आप पूरे विश्व में सर्वोत्तम डैडी हैं तथा सर्वोत्तम कैप्टेन भी,” मेरे बेटे ने उत्तर दिया।
“मुझे डर लगता है आज तो नहीं।”
“क्यों नहीं, आप हो,” स्यू ने सत्य सच्चे मन से कहा।
“आपने द्वीप खोज लिया है।” “क्या!” मैं चिल्लाया।
“वह हमारे सामने है,” वे दोनों एक साथ बोले “इतना बड़ा जितना कि युद्धपोत”।

We are not Afraid to Die Hindi Explanation – Para-12

I rushed………………………to die.

मैं डेक पर दौड़ा तथा आइल एमस्टर्डम नंगी बहिरेखा को देखकर चैन की सांस ली। यह ज्वालामुखी उजाड़ पत्थर का टुकड़ा था, जिस पर वनस्पति केवल नाम मात्र की थी परन्तु यह विश्व का सबसे सुन्दर द्वीप था।
हमने पूरी रात तट से परे लंगर डाले रखा। तथा अगले दिन सुबह द्वीप के सभी 28 वासियों ने हमारा साहस बढ़ाया तथा हमें तट पर ले गए।

फिर से भूमि पर खड़े होने के बाद मैं सोचने लगा लैरी तथा हर्बी के बारे में जो अति भयकर समय में भी प्रसन्न और आशावादी रहे थे, मैरी के बारे में जो संकट के समय चालन पहिए पर बैठी रही थी, और उन सबसे अधिक मेरे मन में उस 8 वर्षीय लड़कों के विषय में विचार आया जो हमें अपने सिर की चोट के बारे में परेशान करना नहीं चाहती थी। (बाद में चमड़ी तथा खोपड़ी के बीच बार-बार होने वाले खून के थक्के को निकालने के लिए छ: लघु ऑपरेशन करने पड़े।) और उस 6 वर्ष के लड़के के विषय में जो मरने से नहीं डरता था।

FAQs

What is the moral of the chapter ‘We’re Not Afraid to Die’?

The moral of the chapter “We’re Not Afraid to Die… If We Can All Be Together” is that we should face challenges with courage, determination and a positive attitude, and a strong will to survive. And in the face of adversity, we must also maintain family unity and firmness.

Who is the author of we’re not afraid to die Class 11?

Gordon Cook and Alan East

Jalandhar Paswan is pursuing Master's in Computer Applications at MMMUT Campus. He is Blogger & YouTuber by the choice and a tech-savvy by the habit.

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