Fire And Ice Class 10 Hindi Explanation & Summary

हेलो डिअर स्टूडेंट्स, खुलकर सीखें के इस ब्लॉगपोस्ट में हम Fire And Ice Class 10 Hindi Explanation यानी Class 10 NCERT English First Flight Poetry Chapter 2 या फिर यूं कहें कि Fire And Ice Class 10 का Hindi Explanation करना सीखेंगे।

Fire And Ice Class 10 Hindi Explanation के अंतर्गत हम सबसे पहले About The Poet और उसके बाद About The Poem उसके बाद Fire And Ice का Hindi Explanation और अंत में इस चैप्टर का Fire and Ice Summary का अध्ययन करेंगे।

Fire And Ice Class 10

Fire And Ice का हिंदी अर्थ होगा – आग और बर्फ। इस चैप्टर के राइटर Robert Frost हैं जोकि एक अमेरिकन कवि थे। चलिए Fire And Ice About The Poet के माध्यम से Robert Frost के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Fire And Ice About The Poet

Robert Lee Frost (March 26, 1874-January 29, 1963) was an American poet. His poems was initially published in England before it was published in the United State. He is known for his realistic depiction of rural life and his command of American colloquial speech. Robert Frost frequently wrote about settings from rural life in new England in the early 20th century, using them to examine complex social and philosophical themes.

Fire And Ice About The Poet in Hindi

रॉबर्ट ली फ्रॉस्ट (26 मार्च, 1874-29 जनवरी, 1963) एक अमेरिकी कवि थे। संयुक्त राज्य में प्रकाशित होने से पहले उनकी कविताओं को शुरू में इंग्लैंड में प्रकाशित किया गया था। वह ग्रामीण जीवन के अपने यथार्थवादी चित्रण और अमेरिकी बोलचाल की भाषा में अपने कमान के लिए जाने जाते हैं। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में रॉबर्ट फ्रॉस्ट ने अक्सर न्यू इंग्लैंड में ग्रामीण जीवन से जुड़े हालात के बारे में लिखा और उनका उपयोग जटिल सामाजिक और दार्शनिक विषयों की जांच करने के लिए किया।

Fire And Ice About the Poem

‘Fire and Ice’ is a nine-line short poem by Robert Frost. The poet describes two prophecies in this poem about how the world will end. Some say it will end in fire while some others say it will end in snow. According to the poet ‘Fire’ means desire, greed, covetousness or lust. The more you try to satisfy these, the more they grow. this has no end.

Fire And Ice About the Poem in Hindi

‘आग और बर्फ’ रॉबर्ट फ्रॉस्ट की नौ लाइन की एक छोटी-सी कविता है। कवि इस कविता में दो भविष्यवाणियों का वर्णन करता है कि दुनिया का अंत कैसे होगा। कुछ लोग कहते हैं कि यह आग में समाप्त हो जाएगा जबकि कुछ अन्य लोग कहते हैं कि यह बर्फ में समाप्त हो जाएगा। कवि के अनुसार ‘आग’ का अर्थ है इच्छा, लोभ, लोलुपता या वासना। आप इनको जितना अधिक संतुष्ट करने की कोशिश करते हैं, उतना ही वे बढ़ते हैं। इसका कोई अंत नहीं है।

Fire And Ice Poem Class 10

Some say the world will end in fire
Some say in ice,
From what I’ve tasted of desire
I hold with those who favour fire.
                But if it had to perish twice,
                I think I know enough of hate
                To say that for destruction ice
                Is also great
                And would suffice.

कुछ कहते हैं दुनिया आग में खत्म हो जाएगी
कुछ कहते हैं बर्फ में,
मैंने जो चाहा है उससे
मैं उन लोगों के साथ हूं जो आग के पक्षधर हैं।
               लेकिन अगर इसे दो बार नष्ट करना पड़ा,
               मुझे लगता है कि मैं नफरत के बारे में काफी जानता हूं
               यह कहना कि बर्फ नष्ट करने के लिए
               भी ठीक है
               और पर्याप्त होगा।

Fire And Ice Class 10 Hindi Explanation

इस कविता में कवि ने संसार के अंत के विषय में दो अत्यंत प्रचलित विचार प्रस्तुत किये हैं। कवि लिखते हैं कि कुछ लोग कहते हैं कि संसार का अंत आग से होगा वहीं कुछ लोग बर्फ को संसार के अंत का कारण बताते हैं। अब यहाँ पर आग और बर्फ दो अलग-अलग शब्द हैं। कवि ने इस कविता में आग की तुलना इच्छा से की है और बर्फ की तुलना घृणा से किया है। कवि कहते हैं कि लेकिन मैंने जहाँ तक इच्छा का परिक्षण किया है, उसके आधार पर मैं उन लोगों के साथ में हूँ जो आग (इच्छा) के पक्ष में हैं।

फिर कवि लिखते हैं कि लेकिन अगर यह दो बार नष्ट हो तो मुझे लगता है कि मैं नफ़रत के बारे में भी काफी जानता हूँ। यह कहना कि बर्फ इस संसार को नष्ट कर सकता है यह भी ठीक है और पर्याप्त होगा। अर्थात आग यानि इच्छा तो संसार को नष्ट कर ही सकता है लेकिन बर्फ यानी घृणा भी संसार को नष्ट करने के लिए पर्याप्त है।

Fire And Ice Class 10 Summary

Basically in this poem the poet has presented two reasons for the end of the world – desire and hatred. The fire and ice used in this poem are the metaphors of desire and hatred respectively. The poet believes that both desire and hatred spread so fast that they will not take time to end the world. That is why fire and ice have been used respectively to represent them in the poem because they also spread very fast like desire and hatred.

‘Wish’ refers to the lack of something and when a person starts feeling the lack of something, then he must take some way or the other to get it. In this man also takes good steps and many wrong steps also; Like lying, stealing and committing violence and many other wrongdoings which is a symbol of destruction.

On the other hand ‘hate’ is the result of disliking a person or thing. When a person starts disliking someone, then he hates that person; And when human beings hate each other, this is what gives rise to controversy; And when there is a dispute, it takes no time at all to turn it into a war; And history is witness that war has always led mankind towards destruction.

In this way, it would not be wrong at all to say that both desire and hatred can destroy man.

Fire And Ice Class 10 Summary in Hindi

मूल रूप से इस कविता में कवि ने संसार के अंत होने के दो कारण प्रस्तुत किया है- इच्छा और घृणा। इस कविता में प्रयुक्त आग और बर्फ क्रमशः इच्छा और घृणा के रूपक हैं। कवि का मानना हैं कि इच्छा और घृणा ये दोनों इतने तेजी से फैलते हैं कि संसार का अंत करने में इन्हें समय नहीं लगेगा। इसीलिए तो कविता में इनको प्रदर्शित करने के लिए क्रमशः आग और बर्फ का प्रयोग किया गया है क्योंकि ये भी इच्छा और घृणा की तरह बहुत तेजी से फैलते हैं।

‘इच्छा’ किसी वस्तु की कमी को दर्शाता है और जब मनुष्य किसी वस्तु की कमी का अनुभव करने लगता है तो वह उसे पाने के लिए कोई न कोई उपाय अवश्य करता है। इसमें मनुष्य अच्छे कदम भी उठाता है और कई सारे गलत कदम भी; जैसे झूठ बोलना, चोरी करना और हिंसा करने जैसे और भी कई गलत कार्य जोकि विनाश का प्रतिक है।

वहीं दूसरी ओर ‘घृणा’ किसी व्यक्ति या वस्तु को नापसंद करने का परिणाम है। जब मनुष्य किसी को नापसंद करने लगता है तो उसको उस मनुष्य से घृणा हो जाती है; और जब मनुष्य को एक दूसरे से घृणा हो जाती है तो यही से विवाद का जन्म होता है; और जब विवाद होता है तो इसे युद्ध में बदलने में तनिक भी समय नहीं लगता; और इतिहास साक्षी है कि युद्ध मानवजाति को हमेशा विनाश के ओर ही लेकर गया है।

इस तरह से ये कहना ज़रा भी गलत नहीं होगा कि इच्छा और घृणा ये दोनों ही मनुष्य को बर्बाद कर सकते हैं।

QnA: Fire and Ice Questions Answers Up Board

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FAQs

Who is the poet of poem fire and ice?

‘Robert Frost’ is the poet of poem fire and ice.

What is the theme of the poem fire and ice?

‘Fire and Ice’ is a poem that tells about the end of the world. The poem is revolving around the theme that human emotions are destructive. Fire stands for passion and desire and ice stands for hate. Both feelings are dangerous and can end the world.

Jalandhar Paswan is pursuing Master's in Computer Applications at MMMUT Campus. He is Blogger & YouTuber by the choice and a tech-savvy by the habit.

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